वीर्य की गुणवत्ता में कमीनमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? दोस्तों आज हम चर्चा करेंगे, टेस्टोस्टेरोन की कमी इस विषय के बारे में। पिछले कुछ सालों से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी देखी जा रही है; जिसकी वजह से उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दोस्तों, शरीर में स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कुछ उचित धारक मौजूद होते हैं; जिन्हें “हार्मोन” कहा जाता है। हार्मोन के ऊपर हमारा शारीरिक, मानसिक और लैंगिक स्वास्थ्य निर्भर होता है।
शरीर में हारमोंस की एक विशिष्ट मात्रा निर्धारित होती है; जो नॉर्मल या सामान्य स्थिति में रहने से हमारे स्वास्थ्य को कोई भी नुकसान नहीं होता है और हमारा स्वास्थ्य बरकरार रहता है। लेकिन, अगर शरीर में इन हारमोंस की मात्रा निर्धारित मात्रा से कम हो जाए; तो आपको शारीरिक, मानसिक या यौन स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
हमारे शरीर में हर कार्य प्रणाली को उचित रूप से पूरा करने के लिए शरीर के हर अंग और घटक का सहयोग होना बहुत ही आवश्यक होता है। इसलिए, शरीर में हारमोंस की कमी होने की वजह से हमें स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है; जिसमें खास तौर पर यौन स्वास्थ्य को बरकरार रखने की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
टेस्टोस्टेरॉन टेस्टिकल्स द्वारा निर्मित एक हार्मोन है; जो मुख्य तौर पर पुरुषों के जननांगों का विकास करने के लिए जिम्मेदार होता है। यह हार्मोन पुरुषों में कामेच्छा की वृद्धि करने में और शुक्राणुओं की संख्या का उत्पादन करने के लिए भी जिम्मेदार होता है। साथ ही, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कार्यों में हड्डियों का विकास, लाल रक्त कोशिकाओं का पर्याप्त स्तर, स्मृति या मेमोरी, मांसपेशियों का द्रव्यमान जैसे कार्य भी शामिल होते हैं।
पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी को तब देखा जाता है; जब यह इस हार्मोन की मात्रा ३०० नेनोग्राम प्रति डेसिलिटर से कम हो जाता है। दोस्तों, पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने पर चिड़चिड़ा हट, सुस्ती, कामेच्छा की कमी, लिंग में स्तंभन बनाए रखने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी हो जाने पर पुरुषों को प्रजनन क्षमता से संबंधित कई समस्याएं सताने लगती है। पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी होने पर सेक्स स्वाथ्य के साथ-साथ; उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। ऐसे कई खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट्री फूड मौजूद होते हैं; जिनका सेवन नियमित तौर पर करने से पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की लेवल नियंत्रित होने में मदद मिल पाती है।
तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन की कमी के बारे में पूरी जानकारी।
आमतौर पर टेस्टोस्टेरोन कितनी मात्रा में होता है ? Normal Testosterone Level
दोस्तों, पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की सामान्य मात्रा ३०० से ११०० एनजी/डीएल इतनी होती हैं। यह मात्रा कम या ज्यादा हो सकती हैं; जो विविध प्रकार के कारकों पर निर्भर होती हैं। पुरुषों के शारीरिक स्वास्थ्य, आयु के ऊपर भी इस मात्रा का कम ज्यादा होना निर्भर होता है।
उम्र और लिंग के अनुसार टेस्टोस्टेरोन का स्तर कितना होना चाहिए ? Umra Ke Anusar Testosterone Level Kitna Hota hai ?
दोस्तों, पुरुषों में और महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा का स्तर कई चीजों पर निर्धारित होता है। जैसे; उनकी उम्र, लिंग, शारीरिक स्वास्थ्य जैसे घटकों के अनुसार टेस्टोस्टेरोन की मात्रा पुरुषों में और महिलाओं में बदलती रहती है।
१) पुरूष – Male
जब पुरुष 8 से 10 वर्ष के बच्चे होते हैं; तब उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा लगभग १.८० से ५.६० नैनोग्राम प्रति डेसीलिटर तक होती हैं। जब पुरुष किशोर वहीं युवक बन जाते हैं और उनकी उम्र १३ से १७ वर्ष की होती है; तब उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा लगभग २१० से लेकर ४९६ नैनो ग्राम प्रति डिसिलिटर तक होती है। जब पुरुष १९ वर्ष या उससे अधिक वर्ष के होते हैं; तब उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा लगभग २६५ से ९२० नैनो ग्राम प्रति डिसिलिटर इतनी होती है।
२) महिला – Female
जब महिलाएं ७ से १० वर्ष की होती हैं; तब उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा २ से ५.५ नैनो ग्राम प्रति डिसिलिटर होती है। जब महिलाएं १३ से १७ उम्र के बीच होती है; तब उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा १७ से ३१ ग्राम प्रति डिसिलिटर के बीच होती है। जब महिलाएं १९ वर्ष या उससे अधिक वर्ष की होती है; तब उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा १५ से ७० नैनोग्राम प्रति डिसिलिटर के बीच की होती है।
टेस्टोस्टेरोन की कमी किन चीजों से होती हैं ? Testosterone Ki Kami Hone Ke Karan
दोस्तों, शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी निम्नलिखित कारणों की वजह से होती है।
- जब व्यक्ति ३० से ३५ साल का होता है; तब तक उसके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा नियंत्रित बनी रहती है। लेकिन, ३० से ३५ वर्ष के बाद व्यक्ति के शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा में गिरावट आना शुरू हो जाता है और वह जारी रहता है। बढ़ती उम्र के साथ टेस्टोस्टेरोन की मात्रा में कमी आना सामान्य माना जाता है।
- हमारे मस्तिष्क में हारमोंस पैदा करने वाली एक विशिष्ट प्रकार के ग्रंथि मौजूद होती हैं; जिसे “पिट्यूटरी ग्रंथि” कहते हैं; उससे जुड़े किसी विशिष्ट प्रकार की रोक की वजह से शरीर में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन प्रभावित होता है और टेस्टोस्टेरोन में कमी देखी जाती है।
- किसी व्यक्ति के शरीर में अगर अधिक मात्रा में आयरन पाया जाता है; तो अधिक आयरन की वजह से भी शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी देखी जाती हैं।
- पुरुषों के अंडकोष में संक्रमण, चोट या क्षति होने की वजह से टेस्टोस्टेरॉन का उत्पादन प्रभावित होता है।
- प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली दवाइयों के सेवन के वजह से भी शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी हो जाती है।
- अगर आप लंबे समय तक किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं; तो आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन प्रभावित होता है।
- अगर आपको शराब की लत या अन्य नशीली चीजों का सेवन करने की लात है; तो आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी देखी जा सकती हैं |
- मोटापा भी शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होने के पीछे का एक कारण है।
- किडनी से संबंधित बीमारियां या किडनी खराब होने की वजह से भी शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा प्रभावित होती है।
- अत्यधिक मानसिक एवं शारीरिक तनाव भी टेस्टोस्टेरोन की मात्रा को कम कर देता है।
टेस्टोस्टेरॉन की कमी के लक्षण क्या है ? Testosterone Ki Kami Ke Lakshan
टेस्टोस्टेरोन की कमी से शरीर में मानसिक, शारीरिक एवं यौन रूप से विविध लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
- शरीर के बाल कम होना और दाढ़ी में कम बाल आना।
- व्यायाम के बाद सामान्य होने में ज्यादा समय लगना।
- अत्यधिक पसीना आना।
- मांसपेशियों में कमजोरी का अनुभव होना और क्षति आना।
- वजन बढ़ना और वीर्य की मात्रा में कमी आना।
- एकाग्रता में कमी आना और चिड़चिड़ा हट महसूस होना।
- शारीरिक कमजोरी का अनुभव होना।
- अत्याधिक मानसिक तनाव का अनुभव होना और मूड खराब होना।
- चरम सुख प्राप्त करने में कठिनाई महसूस होना।
- कामेच्छा में कमी आना।
- लिंग में तनाव उत्पन्न होने में और इरेक्शन बनाए रखने में कठिनाई महसूस होना।
पुरुष के टेस्टोस्टेरोन की कमी के नुकसान : Male Testosterone Ki Kami Ke Nuksan
पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन की कमी हो जाने पर उन्हें कई सारी शारीरिक, मानसिक एवं यौन संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर, पुरुष टेस्टोस्टेरोन की कमी होने पर यौन रूप से कमजोरी का अनुभव करते हैं। टेस्टोस्टेरोन की कमी हो जाने पर पुरुषों के शरीर में शुक्राणु का उत्पादन प्रभावित होता है, वीर्य की गुणवत्ता में कमी आती है और स्तंभन दोष, शीघ्रपतन जैसी समस्याएं उभर कर आते हैं। साथ ही, पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी होने पर उनके मांसपेशियों की कमजोरी का अनुभव होता है और ओस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या दिखाई देती हैं। इसी के साथ, टेस्टोस्टेरोन की कमी होने पर पुरुषों में सेक्स हार्मोन संबंधित गंजापन देखा जाता है और मैल ब्रेस्ट बन जाता है।
टेस्टोस्टेरोन बूस्टर की जानकारी : Testosterone Booster
दोस्तों, शरीर में टेस्टोस्टेरॉन की कमी होने पर टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर नामक सप्लीमेंट्री चीजों का सेवन करने से काफी लाभ देखने को मिलता है। दोस्तों, टेस्टोस्टेरोन बूस्टर एक विशेष प्रकार की दवाइयां होती हैं; जिनको डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए।
१) हेल्थकार्ट एचके वाइटल्स टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर टैबलेट –
इस दवाई का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार अगर सही तरीके से किया जाता है; तो शरीर में आए टेस्टोस्टेरोन की कमी दूर होती हैं और टेस्टोस्टेरॉन के उत्पादन को बढ़ावा मिलता है। इस दवाई में विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल किया जाता है; जो शरीर में स्टैमिना, एनर्जी लेवल, स्ट्रैंथ और परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने में मददगार होता है। इस दवाई का सेवन शरीर में ऊर्जा का संचार कराता है और टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ाता है।
२) स्टार एक्स न्यूट्रीशन टैबलेट –
दोस्तों, सफेद मूसली, अश्वगंधा, मुकना, ट्रिबुलस जैसी प्राकृतिक जड़ी बूटियों से निर्मित इस दवाई का सेवन पुरुषों में स्टेमिना को बढ़ाने के साथ-साथ; टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा में भी इजाफा करता है। इस दवाई का सेवन करने के बाद साइड इफेक्ट होने की संभावना लगभग ना के बराबर होती है। क्योंकि, इस दवाई का निर्माण करते हुए किसी भी केमिकल पदार्थों को शामिल नहीं किया गया है और इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले सभी ही पदार्थ आयुर्वेदिक है। इसीलिए, इसके खाने के बाद पुरुषों को शरीर में स्टेमिना में बढ़ोतरी देखने को मिलती है और हड्डियों में और मांसपेशियों में आई कमजोरी दूर होने में भी मदद मिल पाती है।
३) डाॅ. मोरपेन टेस्टो बूस्टर टैबलेट –
शिलाजीत, अश्वगंधा, गोक्षुर, सफेद मूसली जैसे अनगिनत आयुर्वैदिक हर्बल जड़ी बूटियों से निर्मित इस टेबलेट का सेवन करने से पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का उत्पादन बढ़ता है। इस दवाई का सेवन करने के बाद पुरुषों के शरीर में एनर्जी लेवल और स्टेमिना भी बढ़ने में मदद मिल पाती है। पुरुषों के साथ साथ; इस दवाई का सेवन महिलाओं के लिए भी काफी फायदेमंद माना गया है। टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ; इस दवाई का सेवन करने से पुरुषों के शरीर में परफॉर्मेंस में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती हैं।
टेस्टोस्टेरोन की कमी को दूर करने के लिए घरेलू उपाय : Testosterone Kami Dur Karne Ke Gharelu Upay
दोस्तों, टेस्टोस्टेरोन की कमी को दूर करने के लिए और शरीर में टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उपर्युक्त टेस्टोस्टरॉन बूस्टर के साथ-साथ आप निम्नलिखित घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं।
१) संतुलित आहार –
दोस्तों, संतुलित आहार का सेवन करने से आप शरीर में टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं। अपने आहार में सभी पोषक तत्व युक्त पदार्थों का सेवन करने से शरीर में सभी पोषक तत्व की आपूर्ति होती है; जिसके तहत शरीर में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन बुस्ट होता है। आप अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, फलों के जूस, सब्जियों के सूप, साबुत अनाज, स्प्राउट, पनीर, मछली, अंडे, दही, दूध, ड्राई फ्रूट्स, चिया सीड्स जैसे पोषक तत्वों से भरपूर पदार्थों का सेवन अवश्य करें; ताकि आप प्राकृतिक रूप से शरीर में टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं।
२) एक्सरसाइज –
विविध प्रकार के एक्सरसाइज करने से आप अपने शरीर में टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं। स्क्वाट्स, शोल्डर प्रेस, डेड लिफ्ट, रनिंग जैसी एक्सरसाइज और उष्ट्रासन, मलासन, सेतुबंधासन, भुजंगासन जैसे योगासनों का नियमित तौर पर अभ्यास करने से पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन बढ़ता है।
३) तनाव –
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव में कौन नहीं है? हम सभी ही जिंदगी में कभी ना कभी तनाव, अवसाद, चिंता इन सभी भयानक स्थितियों का सामना जरूर करते हैं! आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में काम का तनाव इतना बढ़ गया है; कि हम खुद के सेहत का ख्याल रखना भूल जाते हैं। लेकिन, यह तनाव कंट्रोल ना किया जाए; तो अंदरुनी रूप से आपके प्रजनन क्षमता के लिए बहुत ही हानिकारक साबित होता है और आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की लेवल कम हो जाती हैं। तनाव को कम करने के लिए पुरुषों को मेडिटेशन, योग तथा अच्छी आदतों का पालन करना बहुत ही आवश्यक होता है। आप अपने मनपसंद चीजें करने से भी आपको तनाव से मुक्ति मिल पाती हैं और तनाव से मुक्ति मिलने पर आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा नियंत्रित बनी रहती हैं।
४) गलत आदतों का त्याग –
अपने शरीर में टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए और उसे नियंत्रित बनाए रखने के लिए पुरुषों को शराब, धूम्रपान, तंबाकू के पदार्थ तथा अन्य नशीली चीजों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। यह सारी ही गलत आदतें आपके प्रजनन क्षमता को बुरी हद तक प्रभावित करते हैं; जिससे आपको यौन कमजोरी का अनुभव होता है और शरीर में उचित हार्मोन की कमी देखी जाती है। इस कमी को दूर करने के लिए इन सभी गलत आदतों को त्यागना जरूरी होता है और अच्छी आदतों का पालन करना भी जरूरी होता है।
तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।