नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप ? आज का आर्टिकल होने वाला है, गर्भावस्था में कौन से फल खाएं इस विषय के बारे में। दोस्तों, ९ महीने के गर्भावस्था एक महिला की जिंदगी का सबसे नाजुक और कठिन समय माना जाता है। घर में आने वाले नन्हे मेहमान के लिए घर के सारे लोग भी काफी उत्साहित रहते हैं।

खास तौर पर, पिछले कुछ सालों से महिलाओं में प्राकृतिक गर्भधारण करने में काफी सारी परेशानियों का अनुभव हो रहा है; जिसके चलते एक बार गर्भावस्था प्राप्त होने के बाद उसे गर्भावस्था को जारी रखने के लिए डॉक्टर द्वारा विविध प्रकार की दवाइयां का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

ऐसा होने पर शरीर में होने वाले अंदरूनी बदलावों के साथ-साथ; उन दवाओं के साथ एडजस्ट करते हुए महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था का दौर अच्छे से गुजर जाए; बस यही सब चाहते हैं!

गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में पूरे ही ९ महीने काफी तेज गति से हार्मोनल परिवर्तन देखे जाते हैं; जिसके चलते महिलाओं को थकान एवं कमजोरी, ब्रेस्ट में दर्द होना, कब्ज की समस्या, उल्टी, मतली, पैरों में दर्द होना, पेट के नीचे हिस्से में भारीपन महसूस होना जैसे अनगिनत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इस परेशानियों को झेलते हुए अपने गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत का ध्यान रखने पर एक महिला का सबसे ज्यादा ध्यान होता है। इन सभी बदलावों के साथ-साथ एक महिला को अपने और अपने गर्भ में पल रहे शिशु के सेहत का ध्यान रखना भी जरुरी होता है। प्रेगनेंसी के दोरान गर्भ में पल रहे शिशु का संपूर्ण विकास होने के लिए एक महिला को पूरे ही ९ महीने संतुलित एवं स्वस्थ पोषक तत्वों से युक्त आहार का सेवन करना जरूरी होता है।

घर के लोग भी खास तौर पर महिलाओं को ज्यादा खाना खाने की नसीहत देते हैं और डॉक्टर द्वारा भी हर दो घंटे में कुछ ना कुछ खाने की सलाह दी जाती हैं; ताकि बच्चे तक सारे पोषक तत्व अच्छे से पहुंच सके और माता को भी शारीरिक थकावट एवं कमजोरी का अनुभव न हो सके।

प्रेगनेंसी के दौरान फलों का सेवन करने के कुछ विशेष ही फायदे देखने को मिलते हैं। फलों में विविध प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं; जो प्रेगनेंसी में एक महिला के शरीर को तंदुरुस्त बनाने के साथ-साथ एक गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए भी जरूरी माने जाते हैं।

तो दोस्तों, आज, जानेंगे गर्भावस्था के दौरान कौन से फल खाए; इस के बारे में पूरी जानकारी।

गर्भावस्था में फलों का सेवन करने के फायदे : Pregnancy Me Fruit Ke Fayde

गर्भावस्था में फलों का सेवन करने के फायदे
गर्भावस्था में फलों का सेवन करने के फायदे

गर्भावस्था के दौरान फलों का सेवन करने से निम्नलिखित स्वास्थ्यवर्धक लाभ देखने को मिलते हैं।

१) उचित पोषक तत्वों की आपूर्ति –

फलों में मौजूद ढेरों प्रकार के पोषक तत्व जैसे;आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी, विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन डी, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, शुगर बच्चों की और माता की सेहत के लिए सबसे जरूरी माने जाते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला के शरीर में पोषक तत्वों की आपूर्ति की मांग काफी मात्रा में बढ़ जाती है। क्योंकि एक महिला की सेहत और बच्चे का विकास प्रेगनेंसी के दौरान तेजी से होता है।

साथ ही, पहले तिमाही में एक महिला को उल्टी, मतली की काफी तकलीफ होती है; जिसके चलते वह पूरी तरीके से खाना नहीं खा पाती है। इसीलिए, शरीर में बड़ी हुई पोषक तत्वों की आपूर्ति को पूरा करने के लिए महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान दिन में काम से कम दो से तीन प्रकार के फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे का संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास संभव हो पता है और माता को भी थकान एवं कमजोरी महसूस नहीं होती हैं।

२) कब्ज से राहत –

दुनिया में ऐसी कई महिलाएं होती हैं; जिन्हें प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की शिकायत काफी लंबे समय तक बनी रहती हैं। कब्ज की शिकायत होने पर महिला को पेट साफ होने में काफी परेशानियों का अनुभव होता है। डॉक्टर तो पेट साफ करने के लिए अपनी तरफ से कुछ ना कुछ दवाई जरूर देते हैं। परंतु, प्राकृतिक तरीके से कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए। क्योंकि, फलों में प्राकृतिक फाइबर मौजूद होता है और पोषक तत्व पाए जाते हैं; जो कब्ज की समस्या से राहत दिलाते हैं और पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करते हैं।

३) ब्लड शुगर को कंट्रोल करें –

कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज की समस्या हो जाती है। क्योंकि, गर्भावस्था के दौरान खास तौर पर कुछ महिलाओं को मीठा खाने का ज्यादा मन करता है। मिठाई खाने से महिलाओं का ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। क्योंकि, पहले से ही शरीर में होने वाले अनगिनत प्रकार के बदलाव महिलाओं के पाचन तंत्र को कमजोर बना देते हैं। ऐसे में, वह गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त मीठा खाती है; तो उन्हें जेस्टेशनल डायबिटीज होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इस समस्या से राहत पाने के लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान विविध प्रकार के फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए; जिससे ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहता है और मीठा खाने की इच्छा भी पूरी हो जाती हैं।

४) अन्य फायदे –

गर्भावस्था के लगभग २०वें हफ्ते में कई महिलाओं को उच्च रक्तचाप की समस्या हो जाती हैं; जिसे कंट्रोल करने के लिए और उससे सुरक्षित रहने के लिए महिलाओं को फलों का सेवन करने से विशेष तौर पर लाभ देखने को मिलते हैं। साथ ही, फलों का सेवन करने के बाद प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला का स्वास्थ्य बरकरार रहने में भी मदद मिल पाती है और प्राकृतिक तरीके से उसका और उसके बच्चे का पोषण संभव हो पता है। गर्भावस्था के दौरान एक महिला का शरीर में पानी की मात्रा उचित होना बहुत ही जरूरी माना जाता है। शरीर में हाइड्रेशन को बनाए रखने के लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान दो से तीन फलों का सेवन दिन भर में जरूर करना चाहिए।

गर्भावस्था में कौन से फलों का सेवन करें ? Pregnancy Me Konse Fruit Khaye ?

गर्भावस्था के दौरान निम्नलिखित फलों का सेवन करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती हैं।

१) अमरूद –

अमरूद में मौजूद विटामिन सी तथा आयरन महिलाओं के शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और गर्भावस्था के दौरान प्राकृतिक तरीके से पोषक तत्वों की आपूर्ति करते हैं। इसीलिए, गर्भावस्था के दौरान अमरूद का सेवन करने से महिलाओं को शरीर में एनीमिया की समस्या नहीं होती है और हीमोग्लोबिन की मात्रा बरकरार रहती है। अमरूद का सेवन करने से महिलाओं को उल्टी, मतली जैसे समस्याओं से भी काफी हद तक राहत मिल पाती है। क्योंकि, अमरूद का स्वाद थोड़ा खट्टा मीठा होता है; जो गर्भावस्था के दौरान खाने में भी अच्छा लगता है।

२) तरबूज –

तरबूज में आयरन, विटामिन सी, जिंक, कैल्शियम, विटामिन ए जैसे अनगिनत प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं; जो गर्भावस्था के दौरान माता के और गर्भ में पल रहे शिशु के संपूर्ण विकास के लिए बहुत ही जरूरी माने जाते हैं। साथ ही, तरबूज में बहुत ज्यादा मात्रा में प्राकृतिक वॉटर कंटेंट होता है; जो एक माता के शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता और शरीर को हाइड्रेशन प्रदान करता है। साथ ही, कई शोध बताते हैं; कि तरबूज में मौजूद लाइकोपीन नामक केमिकल कंपाउंड गर्भ में पल रहे शिशु का संपूर्ण विकास करने में और उसका वजन बढ़ाने में काफी हद तक मददगार होते हैं; जिसके चलते इंट्रा यूटरिन ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन की समस्या होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती हैं।

३) केला –

केले में मौजूद आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सेलेनियम, फोलेट, फाइबर जैसे पोषक तत्व महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सीकनेस की समस्या से राहत दिलाते हैं, कब्ज की समस्या को नियंत्रित करते हैं और गर्भ में पल रहे शिशु का संपूर्ण विकास करने में काफी हद तक मददगार साबित होते हैं। इसीलिए, गर्भवती महिला को दिन में कम से कम एक केले का सेवन अवश्य करना चाहिए।

४) अनार –

गर्भ में पल रहे शिशु को गर्भावस्था के दौरान संपूर्ण पोषक तत्वों की आपूर्ति करने के लिए अनार का सेवन करने से विशेष तौर पर लाभ देखने को मिलते हैं। साथ ही, अनार का सही तरीके से किया गया सेवन गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु के बर्थ डिफेक्ट्स को भी काफी हद तक नियंत्रित कर पता है और उसके प्लेसेंटा को पूरी तरीके से सुरक्षा प्रदान करता है। अनार का सेवन करने से महिलाओं में इम्यूनिटी बूस्ट होती है, उन्हें एनीमिया की समस्या नहीं होती है और शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बनी रहती हैं।

५) कीवी –

प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला कीवी का भी सेवन कर सकती हैं। क्योंकि, कीवी में मौजूद विटामिन सी तथा अन्य प्रकार के पोषक तत्व बच्चों में न्यूरल डिफेक्ट्स नहीं आने देते हैं और उसके रीढ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं से सुरक्षित रखते हैं।

६) सेब –

विटामिन सी, विटामिन ए, फोलिक एसिड, पेक्टिन, पोटेशियम, कैल्शियम, फाइबर जैसे पोषक तत्व प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला के लिए और गर्भ में पल रहे शिशु का संपूर्ण विकास करने के लिए सबसे जरूरी माने जाते हैं। इसीलिए, प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को दिन भर में कम से कम एक एप्पल का सेवन जरूर करना चाहिए। साथ ही, एप्पल का सेवन करने से जन्म होने के बाद शिशुओं में किसी भी प्रकार की एलर्जी और अस्थमा होने की संभावना काफी हद तक काम हो जाती हैं।

७) संतरा –

प्रेगनेंसी के दौरान अपने इम्यूनिटी को बनाए रखने के लिए और छोटी-मोटी बीमारियों से दूर रहने के लिए महिलाओं को सेंटर का सेवन अवश्य करना चाहिए। संतरा में मौजूद विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और प्रेगनेंट लेडी के बॉडी को डिटॉक्सिफाई करते हुए उसकी रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाता है। प्रेगनेंसी के दौरान संतरे का सही तरीके से किया गया सेवन गर्भ में पल रहे शिशु का संपूर्ण विकास करने के लिए सबसे अहम माना जाता है।

गर्भावस्था में इन फलों का सेवन करने से बचें ? Pregnancy me Konse Fruit Na Khaye ?

वैसे देखा जाए; तो प्रेगनेंसी के दौरान पोषक तत्वों से युक्त सभी ही पदार्थ का सेवन करने की सलाह डॉक्टर द्वारा खुद दी जाती है। परंतु, प्रेगनेंसी में कुछ ऐसे पदार्थ भी होते हैं; जिन्हें नहीं खाया जाना चाहिए। क्योंकि, इन पदार्थों का सेवन करने से प्रेगनेंसी में खतरे के संकट बढ़ जाते हैं। निम्नलिखित फलों का सेवन करना प्रेगनेंसी के दौरान पूरी तरीके से वर्जित माना गया है।

१) अनानास –

प्रेगनेंसी के दौरान अनानास का सेवन नहीं करना चाहिए; क्योंकि अनानास का सेवन करने से प्रीमेच्योर डिलीवरी और गर्भपात की संभावनाएं काफी हद तक बढ़ जाती हैं। अध्ययन के अनुसार, प्रेगनेंसी के दौरान किया गया अनानास का सेवन शारीरिक दर्द काफी कारण बन सकता है। इसीलिए, डॉक्टर द्वारा प्रेगनेंसी के दौरान अनानास का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।

२) कच्चा पपीता –

हमारे दादी नानी से भी हमने सुना होगा; कि प्रेगनेंसी के दौरान कच्चे पपीता का सेवन पूरे ही ९ महीने के लिए पूरी तरीके से वर्जित माना जाता है। साथ ही, अध्ययन के अनुसार भी यह साबित हो चुका है; कि कच्चे पपीते का सेवन करने के बाद महिलाओं में गर्भाशय में संकुचन बढ़ जाता है; जिसके चलते गर्भपात की संभावनाएं काफी मात्रा में बढ़ जाती हैं। इसी कारण, प्रेगनेंसी में महिलाओं को पूरे ही ९ महीने के दौरान कच्चा पपीते का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।

३) अंगूर –

गर्भावस्था के दौरान अंगूर का सेवन ना करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है। क्योंकि, महिलाओं को अक्सर गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी की समस्या होती है। ऐसे में, अगर वह गर्भावस्था में अंगूर का सेवन करती है; तो एसिडिटी की समस्याएं बढ़ जाती हैं। साथ ही, अध्ययन के अनुसार, खास तौर पर तीसरी तिमाही के दौरान अंगूर का सेवन करने के बाद महिलाओं के पेट में पल रहे भ्रूण तक होने वाला रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है; जिसके चलते समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसीलिए, डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान अंगूर का सेवन न करने की सलाह देते हैं।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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