नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप ? आज का आर्टिकल होने वाला है, क्या गर्भावस्था के दौरान एंटीबायोटिक लेना सुरक्षित है ? इस विषय के बारे में। दोस्तों, जैसा कि हम सभी जानते हैं; महिला की जिंदगी में सबसे खूबसूरत पल उसके बच्चे को जन्म देना और सबसे पहली बार अपने बच्चों को गोदी में लेना होता है। इस खूबसूरत पल को देखने के लिए एक महिला को अनगिनत प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ता है।

गर्भावस्था का पूरा ही ९ महीने का दौर उसके लिए काफी चुनौती पूर्ण होता है। परंतु, अपने बच्चों की सेहत के लिए वह हंसते-हंसते इस दौर में होने वाले हर परेशानी को उठती है। गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में होने वाले अनगिनत प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन उसकी शारीरिक तथा मानसिक रूप से काफी कमजोर बना सकते हैं।

गर्भावस्था के दौरान महिला को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे; कमर दर्द, पैरों में ऐंठन, मांसपेशियों की जकड़न, पैरों में दर्द, पैरों में सूजन, उल्टी, मतली, चक्कर आना, एसिडिटी, कब्ज की समस्या, सर दर्द, भारीपन महसूस होना जैसे समस्याओं का सामना करते हुए एक महिला पुर ९ महीने अपने कोख में बच्चों को पालती हैं।

गर्भावस्था के दौरान चाहे कुछ भी हो जाए; महिला को किसी भी प्रकार की गोली का सेवन अपने आप से बिल्कुल भी नहीं करना होता है। गर्भावस्था का दौर काफी नाजुक और संवेदनशील माना जाता है; जिसमें बुखार आने पर, सर्दी जुकाम होने पर महिलाओं को एंटीबायोटिक लेने की इजाजत नहीं होती है। कई कारणों की वजह से महिलाएं प्रेगनेंसी में बीमार पड़ सकती है।

परंतु, उन्हें किसी भी प्रकार की दवाई का सेवन अपने आप से बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। बाहर का खाना खाने पर महिलाओं को फूड इंफेक्शन हो सकता है; जिसके चलते गर्भावस्था के दौरान उन्हें दस्त लगना, उल्टी होना , पेट में खराबी होना जैसे परेशानी उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसा होने पर महिलाएं एंटीबायोटिक का सेवन नहीं कर सकती।

जब भी महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान किसी भी शारीरिक समस्या से गुजरना पड़ता है; तब उन्हें गाइनेकोलॉजिस्ट की सलाह लेनी चाहिए और उनके बताए गए दिशा निर्देशों के अनुसार ही दवाइयां का सेवन करना चाहिए। साथ ही, गर्भावस्था के दौरान एंटीबायोटिक का सेवन ना करना पड़े; इसके लिए महिलाओं को घर का खाना ही खाना चाहिए और अपनी सेहत का बहुत ही ज्यादा ख्याल रखना चाहिए।

तो दोस्तों, आज जानेंगे, गर्भावस्था के दौरान एंटीबायोटिक लेना सुरक्षित है या नहीं; इस विषय के बारे में पूरी जानकारी।

गर्भावस्था के दौरान एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करना सुरक्षित है क्या ? Pregnancy Me Antibiotic Lena

गर्भावस्था के दौरान एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन
गर्भावस्था के दौरान एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन

दोस्तों, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने सेहत का काफी ध्यान रखना होता है; ताकि उनके गर्भ में पल रहे शिशु पर उनकी बीमारी की वजह से किसी भी तरह का नेगेटिव साइड इफेक्ट ना हो सके। गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर महिलाओं को बाहर का खाना खाने से मत परहेज कर देते हैं; क्योंकि उन्हें किसी भी तरह का फूड इन्फेक्शन ना हो सके।

गर्भावस्था के दौरान एक महिला जो कुछ भी क्रिया करती हैं, चाहे वह खाती है, सोती है, उठती है, बैठती है या अन्य कोई शारीरिक क्रियाएं करती हैं; उसका सीधा असर उसके बच्चे की सेहत पर जरूर पड़ता है। मानो, अगर महिला सेहतमंद खाना ना खाते हुए ठेले का खाना खाती है; तो उसे उसे खाने की वजह से इंफेक्शन हो जाता है और फूड इंफेक्शन होने पर एंटीबायोटिक लेने की जरूरत पड़ सकती है।

परंतु, गर्भावस्था का दौरा काफी नाजुक होता है; इसीलिए डॉक्टर भी कई बार एंटीबायोटिक दवाइयां का सेवन करने की सलाह नहीं देते हैं। कुछ एंटीबायोटिक की दवाइयां ऐसी होती है; जो बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। इसीलिए, गर्भावस्था के दौरान कई बार एंटीबायोटिक लेना सुरक्षित नहीं माना जाता है।

परंतु, गर्भावस्था के दौरान कई बार माता बीमार पड़ने पर और लंबे समय तक यह बीमारी चलने पर गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी उसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है; इस स्थिति को देखते हुए डॉक्टर स्थिति की गंभीरता के अनुसार कम समय के लिए ही सही परंतु एंटीबायोटिक दवाइयां का सेवन करने की सलाह देते हैं।

गर्भावस्था के दौरान महिला को बुखार हो, सर्दी जुकाम हो या अन्य कोई शारीरिक समस्या हो; उसे किसी भी दवाई का अपने आप से सेवन बिलकुल भी नहीं करना होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए अगर आप गर्भावस्था का दौर पूरा करते हैं; तो आपको एंटीबायोटिक लेने की जरूरत ही नहीं पड़ती है।

गर्भावस्था के दौरान एंटीबायोटिक लेने पर बच्चों पर उसका कोई प्रभाव होता है क्या ? Pregnancy Me Antibiotic Lene Se Kya Nuksan ?

दोस्तों , गर्भावस्था में एंटीबायोटिक सेवन करने के समय पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है। अगर महिला को आखिरी तिमाही में मतलब ७वें महीने से लेकर ९वें महीने की गर्भावस्था में किसी प्रकार का इंफेक्शन हो जाता है या वह बीमार पड़ जाती है; ऐसी स्थिति में डॉक्टर महिलाओं को एंटीबायोटिक दवाइयां का सेवन करने से पूरी तरीके से मना कर देते हैं। क्योंकि, आखिरी तिमाही में एंटीबायोटिक का सेवन करने से पेट में पल रहे बच्चे की सेहत पर बहुत ही प्रभाव हो सकता है और बच्चे की आंतों में सूजन पैदा हो सकती हैं।

अध्ययन के अनुसार, महिलाएं अगर एंटीबायोटिक दवाइयां का सेवन कर लेती है; तो उनके बच्चे में विविध प्रकार की समस्याएं पैदा होने की आशंका बनी रहती हैं। गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय में प्लेसेंटा का विकास होता है। इसी प्लेसेंटा के जरिए गर्भ में पल रहे भ्रूण को मां की ओर से ऑक्सीजन, पोषक तत्व ब्लड सप्लाई होता है। यह प्लेसेंटा नामक अंग फिल्टर की तरह भी काम करता है।

ऐसे में, अगर महिलाएं गर्भावस्था में एंटीबायोटिक दवाइयां का सेवन करती हैं; तो प्लेसेंटा के जरिए गर्भ में पल रहे शिशु तक एंटीबायोटिक दवाइयां फिल्टर होकर जाती है और अपना दुष्प्रभाव दिखाती है। गर्भावस्था में एंटीबायोटिक दवाइयां का किया गया सेवन गर्भ में पल रहे शिशु के हड्डियों के विकास को कम कर सकता है, दांतों में दाग उत्पन्न कर सकता है और ऐसे अनगिनत प्रकार के दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यह तो हो गई, सिक्के का एक पहलू !

परंतु, अगर सिक्के की दुसरे पहलू की बात की जाए; तो गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाले अनगिनत प्रकार के बदलावों की वजह से एक महिला की रोग प्रतिकारक क्षमता कम हो सकती है; जिसके चलते वह किसी भी इन्फेक्शन के लिए जल्दी ससेप्टिबल हो जाती है। ऐसी स्थिति में अगर महिला बीमार पड़ जाती है; तो उसे ठीक करने के लिए डॉक्टर द्वारा एंटीबायोटिक दवाइयां का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है।

क्योंकि, लंबे समय तक बीमारी बरकरार रहने पर उसका प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर भी हो सकता है। अगर महिलाएं डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही गर्भावस्था के दौरान एंटीबायोटिक या किसी भी दवाई का सेवन करते हैं; तो उनके बच्चे को नुकसान होने के चांसेस काफी हद तक काम हो जाते हैं।

गर्भावस्था के दौरान एंटीबायोटिक लेते समय क्या ख्याल रखें ? Pregnancy Me AntiBiotics Lene Ke Care Tips

दोस्तों, गर्भावस्था के दौरान एंटीबायोटिक का सेवन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है।

  1. गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर की सलाह लिए बिना किसी भी दवाई का सेवन अपने आप से बिल्कुल भी ना करें।
  2. सर्दी, जुकाम या सामान्य से कोई परेशानी होने पर घरेलू उपाय अपनाते हुए इन परेशानियों से राहत पाने की कोशिश करनी चाहिए। घरेलू उपाय जैसे ; गर्म पानी से नहाना, भाप लेना, दिन भर हल्के गुनगुने पानी का सेवन करना और गर्म पानी से गरारे करना। ऐसी अवस्था में सीधा एंटीबायोटिक दवाइयां का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।
  3. किसी कारणवश अगर एंटीबायोटिक दवाइयां का सेवन करने की जरूरत भी पड़ जाए; तो उसका डोस कम होना चाहिए।
  4. प्रेगनेंसी में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए; कि गर्भावस्था के दौरान ऐसी स्थिति ही पैदा ना हो सके, जिससे आप बीमार पड़े और आपको एंटीबायोटिक दवाइयां का सेवन करने की जरूरत पड़े।तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।
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