नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? कई बार कुछ लोगों को हमेशा ही असुरक्षित यौन संबंध बनाने की आदत रहती है। इसी के साथ, अलग-अलग पार्टनर्स के साथ संबंध बनाने से यौन संचारित रोग यानी सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज का खतरा अधिक बढ़ जाता है। यौन संचारित रोग होने से पुरुष तथा महिलाओं को काफी दिक्कत महसूस होती है।

जरूरी नहीं है; कि सेक्सुअल एक्टिविटी के द्वारा ही आप यौन संचारित रोग का शिकार हो सकते हैं। ऐसे कई अन्य दूसरे कारण या कारक होते हैं; जिसके कारण आप यौन संचारित रोग का शिकार हो सकते हैं।

जैसे; किसी संक्रमित व्यक्ति का शेविंग ब्लेड या इनफेक्टेड इंजेक्शन का इस्तेमाल करना, गुप्त रोग से इनफेक्टेड व्यक्ति के तौलिया या बिस्तर का इस्तेमाल करना, स्तनपान जैसे अन्य कारणों की वजह से भी सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिसीसिस का फैलाव संभव हो पाता है।

सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिसीसिस को गुप्त रोग भी कहा जाता है; जो योनि, गुदा या ओरल सेक्स के द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। यौन संचारित रोग एक गर्भवती माता से उसके बच्चे तक फैलने की संभावना भी अधिक होती है। जरूरी नहीं; है कि हर बार सिर्फ पुरुषों को ही यौन संचारित रोग हो!

पुरुष तथा महिलाएं दोनों ही यौन रोग का बराबर मात्रा में शिकार होते रहते हैं। हमारे समाज में आज भी गुप्त रोग को शर्मिंदगी की बात मानी जाती हैं। लेकिन, दोस्तों रोग चाहे कोई भी हो; वह रोग ही होता है और शरीर के लिए तकलीफदेह होता है।

समाज के डर तथा शर्मिंदगी के कारण पुरुष तथा महिलाएं यौन संचारित रोग की चर्चा किसी के साथ नहीं करते हैं। यहां तक कि पुरुष तथा महिलाएं यौन संचारित रोग होने पर डॉक्टर के पास जाने से भी परहेज करते हैं। लेकिन, आजकल मेडिकल साइंस में बहुत तरक्की कर ली है।

अगर आपको गुप्त रोग की समस्या है; तो आप का नाम डिस्क्लोज नहीं किया जाता है और उसे गोपनीय रखा जाता है। इसीलिए, दोस्तों अगर आपको यौन संचारित रोग की समस्या है; तो बिना किसी शर्म तथा डर के आपको डॉक्टर से बात जरूर करनी चाहिए और उनकी सलाह के अनुसार इसका इलाज करवा लेना चाहिए।

तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; यौन संचारित रोग के बारे में पूरी जानकारी।

यौन संचारित रोग कैसे होता है ? Sexually Transmitted Disease

यौन संचारित रोग कैसे होता है
यौन संचारित रोग कैसे होता है

यौन रोग एक ऐसा इंफेक्शन है; जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे नॉर्मल व्यक्ति तक फैलता है। आमतौर पर; यौन संक्रमित व्यक्ति के साथ वेजाइनल, ओरल या एनल सेक्स करने से यह रोग फैलता है। लेकिन, हर बार जरूरी नहीं; कि यौन संचारित रोग सिर्फ सेक्स के जरिए ही फैले। कई बार यौन संचारित संक्रमण सेक्स से ही नहीं; बल्कि अन्य कई कारणों की वजह से भी फैलता है। जैसे; यौन संचारित रोग से संक्रमित व्यक्ति का तोलिया या बेड बिस्तर शेयर करना। स्तनपान कराने वाली माताओं से भी यौन संचारित रोग फैलता है।

इसी के साथ, यौन रोग से इनफेक्टेड व्यक्ति का सेविंग ब्लेड इस्तेमाल करने से भी यौन संचारित रोग फैलता है। खुले घाव के कारण भी यह रोग फैलने की संभावना होती है। गर्भावस्था के दौरान अगर महिलाओं को यौन संचारित रोग हो जाता है; तो उनसे उनके बच्चे तक यह रोग फैलने की आशंका रहती है। इसी के साथ, यौन संचारित रोग से संक्रमित व्यक्ति की कोई भी चीज इस्तेमाल करने से भी यह रोग फैलने की संभावना अधिक होती है।

एसटीडी का मतलब क्या होता है ? Sexually Transmitted Disease Ka Matlab

एसटीडी का मतलब
एसटीडी का मतलब

एसटीडी का फुल फॉर्म है; “सेक्सुअल’ ट्रांसमिटेड डिजीज”। एस टी डी एक ऐसा रोग होता है; जिसे गुप्त रोग या यौन संचारित रोग भी कहा जाता है। संभोग के द्वारा फैलने वाला यह रोग बहुत ही शर्मिंदगी महसूस कराता है। कई बार पुरुष तथा महिलाएं अपने इस रोग के बारे में किसी को कुछ भी नहीं बता पाते हैं और यह संक्रमण बढ़ते ही जाता है। यह संक्रमण होने के बाद कई सारे लक्षण दिखाई देते हैं; जिन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत चिकित्सक या एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए।

सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिसीसिस संक्रमित व्यक्ति की चीजें इस्तेमाल करने से भी हो सकता है। ओरल, गुदा या योनि के द्वारा किया गया सेक्स भी इस रोग के फैलने का कारण बनता है। असुरक्षित यौन संबंध बनाने से यौन संचारित रोग होने का खतरा सबसे अधिक होता है। कई बार पुरुष एक साथ कई अनजान लड़कियां या महिलाओं से शारीरिक संबंध बनाते हैं और वह असुरक्षित होने पर संक्रमित व्यक्ति से उन पुरुषों को भी यह रोग होने की संभावना अधिक होती है।

यौन रोग के लक्षण कब दिखाई देते हैं ? Sexually Transmitted Disease Ke Lakshan

यौन संचारित रोग एक ऐसा इंफेक्शन है; जो हर बार लक्षण पैदा नहीं करता है। इसके लक्षण समझ में आने में कुछ वक्त जरूर लग सकता है। पुरुषों में और महिलाओं में भिन्न भिन्न लक्षण दिखाई देते हैं; जिसके बारे में हम जानकारी प्राप्त करेंगे।

पुरुषों में यौन रोग के लक्षण : Male Sexually Transmitted Disease

पुरुषों में यौन रोग का फैलाव होने पर कई लक्षण दिखाई देते हैं।

  1. मुंह में छाले होना।
  2. लिंग, गुदा मैं छाले या फुंसियां होना।
  3. पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।
  4. लिंग में खुजली, जलन, लालिमा का अनुभव होना।
  5. लिंग में से स्त्राव निकलना।
  6. मल त्याग और पेशाब करते दौरान परेशानी एवं दिक्कत, बेचैनी महसूस होना।
  7. लिंग के आसपास दर्द रहित घाव उत्पन्न होना।
  8. संभोग करते दौरान दर्द महसूस होना।
  9. लगातार पेशाब का अनुभव होना।

२) महिलाओं में यौन संचारित रोगों के लक्षण – Female Sexually Transmitted Disease

पुरुषों की तरह, महिलाओं में भी अगर यौन रोग का संक्रमण हो जाता है; तो कई प्रकार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

  1. योनि और गुदा में घाव, फफोले या फुंसी होना।
  2. मुंह में छाले होना।
  3. योनि में खुजली, जलन, रेडनेस का अनुभव होना।
  4. योनि से असामान्य रक्तस्त्राव होना।
  5. पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।
  6. योनि से बदबूदार स्त्राव निकलना।
  7. संभोग के दौरान दर्द का अनुभव होना।
  8. योनि के आसपास दर्द रहित घाव उत्पन्न होना।
  9. पेशाब करते वक्त दर्द और जलन का अनुभव होना।
  10. लगातार पेशाब आने का अनुभव होना।

यौन संचारित रोग से बचने के लिए क्या करना चाहिए ? Sexually Transmitted Disease Se Bachne Ke Liye

दोस्तों, यौन रोग एक ऐसा इंफेक्शन है; जिसे आप होने से बचा सकते हैं और आप इस रोग से सुरक्षित रह सकते हैं। कुछ सावधानियां और कुछ चीजों का ध्यान रखने से आप यौन रोग से हमेशा के लिए दूर है सकते हैं।

  1. संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करना इस रोग से आप को सुरक्षित रख सकता है।
  2. संयम हि इस रोग का सबसे बड़ा सुरक्षित बचाव् है; जिससे आप हमेशा के लिए इस रोग से बचे रह सकते हैं।
  3. शारीरिक संबंध बनाने के बाद पुरुष तथा महिलाओं को अपने जननांगों की ठीक तरीके से साफ सफाई करने से इस रोग से वह सुरक्षित रह सकते हैं।
  4. अगर आप कई साथियों के साथ यौन संबंध बनाना पसंद करते हैं; तो नियमित रूप से यौन संचारित रोगों का परीक्षण करवाते रहें।
  5. किसी भी नए साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करें या उसके साथ उसके यौन अतीत के बारे में उचित बातचीत जरूर करें।
  6. योनि, गुदा या ओरल सेक्स के दौरान उचित तरह के कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें।
  7. एच पी वी और हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण जरूर कराएं।

यौन संचारित रोग की जांच करने के लिए कौन सा टेस्ट कराएं ? Sexually Transmitted Disease Ki Test Kaise Karaye ?

सबसे पहले, तो ऊपर दिए गए लक्षण दिखाई देते ही तुरंत पुरुषों को और महिलाओं को डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक होता है। यौन संचारित रोग होना यह एक शर्मनाक बात मानी जाती है। लेकिन, इसकी वजह से कई सारी जिंदगी या बर्बाद हो चुकी है; क्योंकि समय पर यौन रोग का इलाज ना करने से स्वास्थ्य संबंधित जोखिम बढ़ जाती है। किसी भी शर्म या डर के यौन संचारित रोगों का परीक्षण कराने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ही आवश्यक होता है।

१) ब्लड या यूरिन सैंपल –

यौन रोग की ठीक तरीके से जांच करने के लिए ब्लड या यूरीन सैंपल का टेस्ट करवाया जाता है। आमतौर पर, ब्लड और यूरिन टेस्ट के जरिए एचआईवी, गोनोरिया, क्लैमीडिया, सिफिलिस सहित बैक्टीरिया और वायरस की जांच होती है। यौन संचारित रोग का परीक्षण करने के लिए यह टेस्ट बहुत ही आवश्यक और सरल होती है। हालांकि, इस टेस्ट के रिजल्ट या नतीजे हर बार उतने भरोसेमंद या एक्यूरेट नहीं होते हैं।

२) फ्लुइद सैंपल –

जेनिटल हर्पीस के मामलों में यह टेस्ट करवाना बहुत ही आम बात मानी जाती है। अगर आपके भी खुले घाव है; तो डॉक्टर से बातचीत करके आप इस टेस्ट के जरिए यौन संचारित रोगो जांच करवा सकते हैं। इस टेस्ट के लिए वजाइनल, यूरेटरल, सर्वाइकल के स्वाब के नमूने लिए जाते हैं।

३) पैप स्मेअर –

यह एक बहुत ही सामान्य टेस्ट होता है; जिससे आप को यौन संचारित रोग है या नहीं; इसके बारे में पता लगाया जाता है। जिन महिलाओं को हमेशा ह्यूमन पैपिलोमा वायरस होता रहता है; उन महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में, यह टेस्ट उनके लिए एक परफेक्ट डायग्नोस्टिक टूल साबित होता है। पैप स्मीयर टेस्ट करवा कर डॉक्टर यौन संचारित रोग है या नहीं; इसका पता लगा लेते हैं और एसटीडी का प्रकार जानने के लिए अलग तरह का टेस्ट होता है।

यौन संचारित रोग होने पर क्या ख्याल रखना चाहिए ? Sexually Transmitted Disease Hone Par

यौन संचारित रोग का शिकार होने पर महिलाएं तथा पुरुषों को कुछ सावधानियां बरतनी बहुत ही आवश्यक होती है।

  1. यौन संचारित रोग का शिकार होने पर पुरुषों को और महिलाओं को पर्सनल हाइजीन के बारे में अधिक जागरूक और सतर्क रहना चाहिए।
  2. मुख, गुदा या योनि के संभोग के दौरान हमेशा उचित प्रकार के कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए।
  3. अपने शरीर और जननांगों में हो रहे अनचाहे बदलावों की तरफ हमेशा ध्यान देना चाहिए। कुछ भी अनचाहा बदलाव नजर आता है; तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  4. यौन संचारित रोगों का शिकार होने पर महिलाएं तथा पुरुषों को तब तक संभोग नहीं करना चाहिए; जब तक वह पूरी तरीके से ठीक नहीं हो जाते।
  5. यौन संचारित रोग होने पर समय-समय पर एसटीडी की जांच करवाती रहनी चाहिए; ताकि आपको पता चल सके, कि यह रोग कितना नियंत्रित हो पाया है।
  6. यौन संचारित रोग होने पर डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का समय समय पर और सही तरीके से पालन अवश्य करना चाहिए।
  7. किसी और अन्य अनजान व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए।
  8. वायरल इनफेक्शन, बुखार या अन्य तरह का इन्फेक्शन तथा महिलाओं को माहवारी के दौरान शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए।
  9. शारीरिक संबंध बनाने के बाद महिलाएं तथा पुरुषों को अपने जननांगों की ठीक तरीके से साफ सफाई जरूर करनी चाहिए।
  10. किसी और व्यक्ति का टावेल, अंडर गारमेंट या कोई भी चीज इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए।

यौन संचारित रोग के घरेलू उपाय : Sexually Transmitted Disease KE Gharelu Upay

दोस्तों, यौन रोग का शिकार होने पर सबसे पहले डॉक्टर से उचित सलाह जरूर लेनी चाहिए। बिना किसी शर्म या डर के आप डॉक्टर से अपने यौन संबंधित समस्याओं के बारे में खुलकर चर्चा करें; तभी डॉक्टर आपकी पूरी तरीके से मदद कर पाएंगे। इसी के साथ, हम आपको कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं; जिनको अपनाकर आप यौन संचारित रोगों के लक्षणों को कुछ हद तक नियंत्रित कर पाते हैं।

१) हल्दी –

हल्दी एक प्राकृतिक हीलिंग एजेंट की तरह काम करती हैं। घावों को भरने के लिए हल्दी का इस्तेमाल काफी पुराने जमाने से होता आ रहा है। हल्दी में मौजूद प्राकृतिक करक्यूमिन नामक औषधीय तत्व एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं और त्वचा पर हुए घाव को भरने में मदद करते हैं। अगर आपको भी यौन रोग की समस्या हो गई है; तो रोजाना सुबह खाली पेट कच्ची और ऑर्गेनिक हल्दी का सेवन करें। रोजाना कच्ची ऑर्गेनिक हल्दी का सेवन करने से आपके शरीर में मौजूद लगभग सभी बैक्टीरिया; जो इन्फेक्शन का कारण है, वह नष्ट हो जाते हैं।

२) लहसुन –

कई सारे औषधीय और यौगिक तत्व संयुक्त लहसुन का सेवन भारतीय घरों में लगभग रोजाना किया जाता है। भारतीय किचन में कोई भी सब्जी लहसुन के बिना बन ही नहीं सकती! लेकिन, लहसुन का इस्तेमाल करने के बावजूद हम लहसुन के फायदे से अनजान होते हैं। लहसुन में कई सारे एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटी ऑक्सीडेंट जैसे औषधीय तत्व पाए जाते हैं; जो शरीर में मौजूद इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने में सहायक होते हैं। यौन रोग का घरेलू उपाय करने के लिए भी आप लहसुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। कच्चे लहसुन की कलियों का सेवन करने से यौन रोगों के लक्षणों से राहत मिल पाती है।

३) सेब का सिरका –

सेब के सिरके में जीवाणु रोधी तत्व पाए जाते हैं; जो शरीर में इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने में कारगर होते हैं। यौन संचारित रोग का निवारण करने के लिए घरेलू उपायों के तहत सेब के सिरके का सेवन करने से काफी लाभ देखने को मिलते हैं। आप सेव के सिरके को प्रभावित क्षेत्र पर भी लगा सकते हैं। लेकिन, सेब का सिरका अधिक अम्लीय होता है; जिसकी वजह से प्रभावित क्षेत्र की सेल्स तथा ऊतकों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, यौन संचारित रोगों का निवारण करने के लिए सेब के सिरके का मौखिक रूप से ही सेवन किया जाए; तो बेहतर हैंं।

४) ज़िन्क से युक्त पदार्थ –

ज़िन्क से युक्त पदार्थ जैसे सफेद तिल, डार्क चॉकलेट इनका सेवन गोनोरिया जैसे गुप्त रोग के निवारण के लिए बहुत ही कारगर माना जाता है। ज़िन्क से युक्त पदार्थों का सेवन करने से हमारे शरीर एक रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ती है; जिसके चलते हम किसी भी यौन संचारित रोग से सुरक्षित रह पाते हैं। इसी के साथ, जिंक के पदार्थों का सेवन शरीर में एंटीबॉडीज तथा वाइट ब्लड सेल्स के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं; जिसके चलते हमारी इम्यूनिटी बुस्ट होती है और हम यौन संचारित रोगों से लड़ने में सक्षम बनते हैं। जिंक से युक्त पदार्थों का सेवन करने से गोनोरिया या अन्य यौन संचारित रोगों के लक्षणों में काफी गिरावट आती है।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

Leave A Reply