नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप ? आज हम जानने वाले है स्तनों की मालिश करके उनको कैसे सुडौल बनाये ? स्तन, ब्रैस्ट महिलाओं के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है। प्रजनन क्षमता के लिहाज से भी इस अंग का महत्व बहुत अधिक है। नवजात शिशु का जन्म होने के बाद सबसे पहले उसकी पहचान मां के स्तनों से ही होती हैं। मां के स्तनों से आने वाले दूध का सेवन करके ही नवजात शिशु का शारीरिक एवं मानसिक विकास संभव हो पाता है।

इसीलिए, महिलाओं को अपने स्तनों का हमेशा ही ख्याल रखना बहुत ही आवश्यक एवं महत्वपूर्ण होता है। लेकिन, पिछले कुछ सालों से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले काफी हद तक बढ़ गए हैं।

गलत जीवनशैली, खानपान की गलत आदतें, जंक फूड का अधिक मात्रा में सेवन, धूम्रपान, तंबाकू तथा अन्य नशीली चीजों का अधिक मात्रा में सेवन, व्यायाम का अभाव इन सभी कारणों की वजह से महिलाओं के शरीर में अंदरुनी रूप से काफी सारे अनचाहे बदलाव होते हैं; जिनका परिणाम हारमोंस पर होता है। हार्मोन में थोड़ा भी बदलाव आने पर महिला के शरीर के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

इसी कारणवश, हार्मोन में होने वाला बदलाव थी स्तनों के दर्द तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का कारण बनता है। स्तनों में दर्द होना, सूजन आना, स्तनों में से स्त्राव निकलना जैसे दिक्कतें होने पर महिलाएं उसे नजरअंदाज कर देती है। लेकिन, ऐसा नहीं करना चाहिए।

महिलाओं को स्तनों में थोड़ा भी बदलाव नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। हमारे भारत देश में शरीर के किसी भी अंग में दर्द होने पर मालिश करने की प्रथा पुराने जमाने से चलती आ रही है। स्तनों में भी मालिश करने से काफी सारे स्वास्थ्यवर्धक लाभ मिल पाते हैं।

मालिश करने के लिए नारियल तेल, तिल का तेल, जैतून का तेल जैसे तेलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; स्तनों की मालिश के बारे में पूरी जानकारी।

स्तनों की मालिश क्यों करनी चाहिए ? Breast Ki Malish Kyo Kare ?

ब्रेस्ट की मालिश करने से कई सारे स्वास्थ्यवर्धक लाभ देखने को मिलते हैं। ब्रेस्ट की मालिश करने से स्तनों में टाइटनेस बढ़ता है और ढीलापन दूर होता है। इसी के साथ, स्तनों पर किए गए हल्के हाथों से मालिश ब्लड सरकुलेशन को बेहतर बढाती हैं और ब्रेस्ट की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करती हैं। बढ़ती उम्र के साथ ब्रेस्ट में आने वाला ढीलापन महिलाओं को शर्मिंदगी का अहसास कराता है।

इस समस्या का हल निकालने के लिए भी ब्रेस्ट की मालिश करने से काफी फायदा देखने को मिलता है। क्योंकि, ब्रेस्ट में मालिश करने से ब्रेस्ट की मांसपेशियां मजबूत बनती है और ब्रेस्ट में लचीलापन भी बढ़ता है। कई बार कुछ कारणों की वजह से ब्रेस्ट में स्ट्रेच मार्क्स आ जाते हैं; जिनका निवारण करने के लिए ब्रेस्ट की मालिश की जा सकती है। इतने सारे स्वास्थ्यवर्धक लाभ दिलाने वाली ब्रेस्ट की मालिश जरूर करनी चाहिए।

स्तनों की मालिश कैसे करें ? Stano Ki Malish Kaise Kare ?

हम सब जानते हैं; कि स्तनों की मालिश करने से काफी सारे स्वास्थ्यवर्धक लाभ मिल पाते हैं। लेकिन, स्तनों की मालिश सही तरीके से करने से ही आपको यह लाभ मिल पाएंगे। अगर आप गलत तरीके से स्तनों की मालिश करते हैं; तो आपको स्वास्थ्यवर्धक लाभ नहीं मिल पाते हैं और साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल सकते हैं। हम आपको ब्रेस्ट के मालिश करने का सही तरीका बताने वाले हैं; जिसके तहत आप अपने ब्रेस्ट के मालिश कर सकते हैं।

सबसे पहले एक कटोरी में नारियल का तेल या जैतून का तेल लेकर उसे हल्का गुनगुना गर्म करें। बाद में अपनी उंगलियों पर तेल को ले और हल्के हाथों से सर्कुलर मोशन में स्तनों के ऊपर मालिश करना शुरू करें। आप अपवर्ड और डाउन वर्ड डायरेक्शन में कम से कम २० से ३० बार हलके हाथों से मालिश करें।

ध्यान रहे, जब भी आप स्तनों की मालिश करें; हल्के हाथों से ही करना चाहिए। धीरे-धीरे की गई मालिश आपके ब्रेस्ट के मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करती हैं और ब्रेस्ट में ब्लड सरकुलेशन के बढ़ाते हैं। लेकिन, अगर आप जोर जोर से दबाव डालकर मालिश करते हैं; तो ब्रेस्ट में दर्द होने की संभावना बढ़ जाती हैं; जो ब्रेस्ट के स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं होता है।

ब्रेस्ट की मालिश करने के बाद जब तेल पूरी तरह से स्तनों में अवशोषित हो जाता है; तब एक साथ कॉटन के तौलिए को गर्म पानी में भिगोकर और निचोड़ कर ब्रेस्ट को हल्के हाथों से साफ कर लें।

स्तनों की मालिश करने के फायदे : Breast Ki Malish Karne Ke Fayde

स्तनों की मालिश करने के फायदे
स्तनों की मालिश करने के फायदे

स्तनों की मालिश करने के निम्नलिखित फायदे देखने को मिलते हैं।

१) कैंसर से बचाव –

हफ्ते में दो से तीन बार अगर आप अपने ब्रेस्ट का मसाज करते हैं; तो ब्रेस्ट कैंसर से आप सुरक्षित रहने की संभावना बढ़ जाती हैं। जब भी आप ब्रेस्ट का मसाज करते हैं; तो बाहरी रूप से हल्का दबाव स्तनों पर पड़ता है। इसी कारणवश, स्तनों की मांसपेशियों तथा कोशिकाओं को मजबूती मिलती है। अगर कोई घातक कोशिकाएं स्तनों में गाँठ बना देती है; तो मालिश के जरिये आप घातक कोशिकाओं को उनके मूल रूप में आने में मदद कर सकते हैं। गांठ के शुरुआती दिनों में ही अगर आप हल्के हाथों से नियमित तौर पर ब्रेस्ट की मालिश करते हैं; तो कोशिकाएं अपने मूल रूप में वापस आने में मदद मिल पाती हैं। इस लिहाज से, स्तनों की मालिश करने से आप ब्रेस्ट कैंसर से सुरक्षित रह पाते हैं।

२) ब्रेस्ट का टाइटनेस –

बढ़ती उम्र के साथ ब्रेस्ट में ढीलापन आना एक आम समस्या होती है। इस समस्या का हल निकालने के लिए और अपने ब्रेस्ट में टाइटनेस बनाए रखने के लिए आप रोजाना तौर पर हल्के हाथों से अपने ब्रेस्ट की मालिश कर सकती हैं। इसी के साथ, बच्चे को जन्म देने के बाद जब माताएं स्तनपान कराती हैं; तो स्तनपान के दौरान भी महिलाओं के ब्रेस्ट में ढीलापन आ जाता है। ऐसे में, महिलाएं अपने ब्रेस्ट की रोजाना तौर पर मालिश करें; तो ब्रेस्ट में टाइटनेस वापस आने में मदद मिल पाती हैं। हल्के हाथों से की गई स्तनों की मालिश ब्रेस्ट की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करती है और स्तनों में लचीलापन बढ़ाती है; जिसके तहत ब्रेस्ट में टाइटनेस वापस आ जाता है।

३) तनाव –

ब्रेस्ट की मालिश करने से तनाव को कम किया जा सकता है। दरअसल, जब भी आप ब्रेस्ट की मालिश करते हैं; तो ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज होता है; जो आपके मूड को सही करने में मददगार साबित होता है। ऑक्सीटॉसिन हार्मोन रिलीज होने के बाद आपका मूड अच्छा होता है और आप तनाव से मुक्त हो पाती हैं। इसी के साथ, प्रोलेक्टिन, एस्त्रोजेन और ऑक्सीटोसिन हार्मोन आपको लंबे समय तक जवान बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

अगर आप रोजाना तौर पर हल्के हाथों से ब्रेस्ट की मालिश करते हैं; तो यह तीनों हार्मोन आपके शरीर में रिलीज होते हैं और आप लंबे समय तक जवान रहने में सफल हो पाते हैं। क्योंकि, यह तीनों ही हार्मोन एंटी एजिंग प्रॉपर्टी से भरपूर होते हैं; जो आपकी एजिंग के लक्षण कम करते हैं।

४) ब्रेस्ट का आकार –

स्तनों का आकार एक आयु मर्यादा तक बढ़ता है। उसके बाद में स्तनों का आकार तथा विकास होना लगभग कम हो जाता है। अगर आप किशोरावस्था के दौरान ही रोजाना हल्के हाथों से ब्रेस्ट की मालिश करती हैं; तो आप अपने ब्रेस्ट के आकार को बढ़ा सकती हैं तथा नियंत्रण में रख सकती हैं। कई बार लड़कियों के किशोरावस्था के दौरान ब्रेस्ट का विकास ठीक तरीके से नहीं हो पाता है और आकार छोटा ही रह जाता है।

ऐसे में, प्राकृतिक रूप से ब्रेस्ट की मालिश करके आप ब्रेस्ट का आकार बढ़ा सकते हैं। दरअसल, ब्रेस्ट का आकार बढ़ाने वाला हार्मोन प्रोलेक्टिन ब्रेस्ट की मालिश करने से अधिक मात्रा मे स्त्रवित होता है; जिसके तहत ब्रेस्ट का आकार बढ़ाने में मदद मिल पाती है। इसी के साथ, मालिश करने से ब्रेस्ट की मांसपेशियों को भी मजबूती मिलती है।

५) मांसपेशियों की मजबुती –

महिलाओं के शरीर में सारी उम्र हार्मोनल चेंजेज देखे जाते हैं। इसी कारणवश, महिलाओं के ब्रेस्ट की मांसपेशियों में भी तनाव, ऐठन देखने को मिल सकते हैं। मांसपेशियों की ऐंठन होने की वजह से ब्रेस्ट में सूजन तथा दर्द का अनुभव हो सकता है।

इस समस्या से राहत पाने के लिए और ब्रेस्ट की मांसपेशियों का तनाव कम करने के लिए ब्रेस्ट की मालिश करने से काफी फायदा देखने को मिलता है। ब्रेस्ट में की गई मालिश ब्रेस्ट की मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ाती है और ब्लड सरकुलेशन को बेहतर बनाती हैं; जिसके चलते मांसपेशियों में आया तनाव कम होने में मदद मिलती है।

स्तनों की मालिश करने के नुकसान या साइड इफैक्ट्स – Breast Malish Ke Nuksan Side Effects

स्तनों की मालिश करने के नुकसान
स्तनों की मालिश करने के नुकसान

अगर आपको ब्रेस्ट से संबंधित कोई भी समस्या नहीं है और आपके ब्रेस्ट पूरी तरीके से नॉर्मल स्थिति में है; तो आप बिना दिक्कत ब्रेस्ट की मालिश कर सकते हैं। वैसे तो; ब्रेस्ट की मालिश करने से कोई भी नुकसान नहीं होता है ल्। जब तक आप हल्के हाथों से मालिश करती हैं; तब तक धीरे-धीरे तेल आपके ब्रेस्ट में अवशोषित होता है और अपना कमाल दिखाता है।

लेकिन, अगर आप जोर-जोर से मालिश करती हैं; तो इससे ब्रेस्ट में पेन हो सकता है। इसी के साथ, अगर आपके ब्रेस्ट सर्जरी हुई हो, ब्रेस्ट कैंसर हुआ हो या आपके ब्रेस्ट में किसी तरह की गांठ हो; तो ऐसी परिस्थिति में ब्रेस्ट की मालिश करने से बचना चाहिए। ऐसी परिस्थिति में आप डॉक्टर की सलाह लेकर ही स्तनों की मालिश करें।

स्तनों की मालिश करने के लिए तेल की जानकारी : Stano Ki Malish Karne Ka Tel

स्तनों की मालिश करने के लिए आप विविध प्रकार के तेलों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

१) नारियल तेल –

नारियल तेल में कई सारे औषधीय तत्व पाए जाते हैं; जो त्वचा में लचीलापन बढ़ाने में कारगर होते हैं। ब्रेस्ट में आए ढीलेपन की समस्या से राहत पाने के लिए नारियल तेल से की गई मालिश काफी फायदा दिलाती है। नारियल तेल से मालिश करने से ब्रेस्ट का ढीलापन दूर होता है और ब्रेस्ट की त्वचा में लचीलापन बढ़कर ब्रैस्ट टाइट होने में मदद मिलती है।

इसी के साथ, स्ट्रेच मार्क की समस्या होने पर भी नारियल तेल से आप अपने स्तनों पर मालिश कर सकते हैं। नारियल तेल में मॉइश्चराइजर के तत्व पाए जाते हैं; जो आपकी ब्रेस्ट की त्वचा में आया ड्राइनेस दूर करने में सहायक होते हैं। नारियल तेल हम सभी के घरों में आसानी से उपलब्ध होता है। इसीलिए, आप हफ्ते में कम से कम दो से तीन बार नारियल के तेल की मदद से ब्रेस्ट की मालिश अवश्य करें।

२) बादाम का तेल –

विटामिन ई से भरपूर बादाम का तेल त्वचा को पोषण प्रदान करने में और नमी बनाए रखने में सबसे गुणकारी तेल माना जाता है। बादाम का तेल ब्रेस्ट की त्वचा पर मुलायम तरीके से काम करता है और उसमें नमी बनाए रखता है; जिसके तहत ब्रेस्ट की स्किन में आया ड्राइनेस कम हो जाता है। बादाम के तेल का इस्तेमाल करने से ब्रेस्ट की त्वचा में लचीलापन बढ़ता है और ब्रैस्ट टाइट होने में मदद मिलती हैं।

इसी के साथ, बादाम का तेल बचा में धीरे-धीरे अवशोषित होता है; जिसके चलते ब्रेस्ट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और ब्लड सरकुलेशन सुचारू रूप से होता है। जिन महिलाओं को तथा लड़कियों को अपने ब्रेस्ट का आकार बढ़ाना है; ऐसे में वह बादाम के तेल का इस्तेमाल करके ब्रेस्ट की मालिश कर सकती है। क्योंकि, बादाम के तेल की मालिश करने से ब्रेस्ट की सेल्स की ग्रोथ की जा सकती हैं।

३) जैतून का तेल –

अनगिनत पोषक तत्वों से युक्त ऑलिव ऑयल के ब्रेस्ट पर की गई मालिश ब्रेस्ट को कई तरीके से स्वास्थ्यवर्धक साबित होती हैं। जैतून के तेल की मालिश करने से ब्रेस्ट के आकार को बढ़ाया जा सकता है। जैतून का तेल त्वचा में धीरे-धीरे समाता है। इसी वजह से ब्रेस्ट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और ब्रेस्ट का विकास होने में मदद मिलती हैं। जैतून के तेल से मालिश करने से ब्रेस्ट के स्किन में नमी बनी रहती है और ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है।

४) पतंजलि तेजस तैलम ऑयल –

पतंजलि द्वारा निर्मित तेजस तेलम ऑयल ब्रेस्ट की मालिश करने के लिए बहुत ही उपयुक्त साबित होता है। इस तेल में सरसों का तेल, बादाम् का तेल, नारियल तेल, जैतून का तेल जैसे तेलों का मिश्रण होता है। पूरी तरीके से प्राकृतिक घटको से निर्मित होने के कारण पतंजलि तेजस तैलम ऑयल स्तनों पर काफी सुरक्षित और असरदार पाया जाता है। स्तनों पर इस तेल से मालिश करने से ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है और शरीर में हारमोंस की लेवल बनी रहती है। इसी के साथ, इस तेल से की गई प्रेस के मालिश ब्रेस्ट का विकास करने में मदद करती हैं और मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करती हैं।

५) सरसों का तेल –

सरसों के तेल से ब्रेस्ट की मालिश करने से स्तनों की मांसपेशियों को काफी मजबूती मिलती है। सरसों का तेल बहुत सारे औषधीय तत्व से युक्त होता है; जो ब्रेस्ट को कई सारे स्वास्थ्यवर्धक लाभ दिलाता है। स्तनों की सरसों के तेल से की गई मालिश स्तनों का आकार बढ़ाने में भी मददगार होती हैं। किशोरावस्था के दौरान अगर स्तनों के आकार छोटा है; तो आप सरसों के तेल से मालिश कर सकते हैं, जिसके कारण स्तनों का विकास सही तरीके से होने में मदद मिलती है।

सरसों के तेल से स्तनों पर मालिश करने से ब्लड सरकुलेशन बेहतर रूप से होता है और स्तनों से जुड़ी समस्याओं से राहत मिल पाती है। कई बार महिलाओं को स्तनों में दर्द तथा सूजन का अनुभव होता है। इन समस्याओं से राहत पाने के लिए सरसों के तेल से मालिश करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और स्तनों के दर्द, सूजन से राहत मिल पाते हैं।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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