नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? आज का आर्टिकल होने वाला है, मां के स्तनों का दूध कैसे सुखाए ? इस विषय के बारे में। दोस्तों, बच्चों को जन्म देने के बाद महिलाओं के स्तनों में अपने आप दूध उतर आता है; जिसके द्वारा बच्चे का पोषण संभव हो पाता है। बच्चे को जन्म देने के कुछ समय के बाद महिलाओं के स्तनों में दूध आना पूरी तरीके से प्राकृतिक बायोलॉजिकल प्रक्रिया है; जिससे हर महिला गुजरती है।

मां के दूध के द्वारा ही बच्चे का संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास संभव हो पाता है। आमतौर पर, बच्चा जब तक ६ महीने का नहीं होता; तब तक उसे मां का दूध ही पिलाया जाता है। बच्चा ६ महीने का हो जाने के बाद उसे मां के दूध के साथ-साथ कई अन्य ठोस आहार देना शुरू किया जाता है। बच्चा जब एक से डेढ़ साल का हो जाता है और मां के दूध के अलावा ठोस का आहार लेने लगता है; तो माता स्तनपान बंद कराने के बारे में सोचती हैं।

स्तनपान बंद कराने के बावजूद माताओं के स्तनों में दूध का उत्पादन होता रहता है; जिससे कई माताओं को ब्रेस्ट के हिस्से में दर्द, सूजन की समस्या हो जाती हैं। इसीलिए, माताएं दूध सुखाने के बारे में सोचने लगती हैं। वैसे देखा जाए; तो कई माता महिलाओं का ब्रेस्ट मिल्क प्राकृतिक तरीके से ही सूख जाता है और इसके लिए उनको किसी उपाय अपनाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है।

लेकिन, ऐसी कई महिलाएं होती है; जिनका स्तनों में दूध अपने आप सुख नहीं पाता है। परंतु, ऐसे कई घरेलू इलाज मौजूद होते हैं; जिनको अपनाकर माता अपने दूध को सुखा सकती है। साथ ही, दूध को सुखाने के लिए माताएं डॉक्टर की सलाह लेकर औषधियों का सेवन भी कर सकती है; जो कि एक बेहतर विकल्प साबित होता है।

दूध सुखाने की इस प्रक्रिया को “लैक्टेशन सप्रेशन” कहा जाता है। आमतौर पर, प्रकृतिक तरीके से दूध को सुखाने में लगभग दो हफ्तों का समय लग सकता है। हालांकि, कुछ महिलाओं में प्राकृतिक तरीके से दूध सुखाने की इस प्रक्रिया को दो हफ्ते से अधिक का समय भी लग सकता है।

तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; मां के ब्रैस्ट का दूध सुखाने की प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी।

स्तनों का दूध सुखाने के कारण : Stano ka Dudh Sukhane ke Karan

स्तनों का दूध सुखाने के कारण
स्तनों का दूध सुखाने के कारण

दोस्तों, निम्नलिखित कारणों की वजह से माताओं को अपने स्तनों का दूध सुखाने की जरूरत पड़ती है।

  1. अगर किसी कारणवश माता अपने गर्भावस्था को खो देती है या बच्चे को जन्म देने के बाद बच्चे की मृत्यु हो जाती है; तो ऐसी परिस्थिति में महिलाओं को अपना दूध सुखाने की आवश्यकता पड़ती है।
  2. कई माताएं बच्चे को जन्म देने के कुछ ही महीनों बाद फिर से अपने प्रोफेशनल जॉब के लिए ऑफिस जाना शुरु कर देती है; जिसके चलते वह अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करा पाती है। ऐसी परिस्थिति में माताएं अपना दूध सुखाने के बारे में सोचती हैं।
  3. बच्चे को जन्म देने के बाद शरीर में आने वाले अनगिनत प्रकार के शारीरिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के वजह से माताएं अपने बच्चे को दूध नहीं पिला पाती है; जिससे चलते वह अपना दूध सुखाने के बारे में फैसला लेती है।
  4. अगर महिलाएं कुछ विशिष्ट प्रकार की दवाइयों का सेवन कर रहे हैं; जो शिशु के लिए हानिकारक हो सकती हैं। ऐसी परिस्थिति में डॉक्टर खुद माताओं को दूध सुखाने के बारे में सलाह देते हैं।
  5. अगर किसी महिला के स्तनों में पर्याप्त मात्रा में दूध का उत्पादन नहीं हो रहा है; तो महिलाएं दूध सुखाने का फैसला लेती है।
  6. कई महिलाओं को स्तनों में कोई समस्या उत्पन्न हो जाती है; जैसे स्तनों का कैंसर या गांठ हो जाने पर माताएं अपना दूध सुखाने के बारे में फैसला लेती है।
  7. स्तनों का दूध सुखाना पूरी तरीके से महिलाओं का निजी फैसला होता है; जिसे वह जब चाहे, उस समय ले सकती है।

स्तनों का दूध सुखाने के दौरान क्या करें ? Stano ka Dukh Sukhane ke Samay Kya kare ?

ब्रैस्ट का दूध सुखाने के दौरान महिलाओं को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए; जिससे स्तनों में हो रहे दर्द, सूजन तथा पीड़ा से उन्हें काफी हद तक राहत मिल पाती है।

  1. स्तनों को गर्म तथा ठंडी दोनों प्रकार की सिकाई करना चाहिए। ऐसा करने से महिलाओं के स्तनों में हो रहा दर्द तथा सूजन की समस्या काफी हद तक नियंत्रित हो पाती है। साथ ही, स्तनों का दूध सुखाने में भी इससे लाभ देखने को मिलते हैं।
  2. स्तनों में अगर दर्द ज्यादा हो रहा है; तो महिलाओं को डॉक्टर की सलाह के अनुसार पेरासिटामोल या अन्य किसी दर्द निवारक दवाई का सेवन करना चाहिए।
  3. स्तनों का दूध सुखाने के दौरान महिलाओं को हमेशा ढीले ढाले कपड़े पहनने चाहिए और अतिरिक्त टाइट कपड़े पहनने से बचना चाहिए। साथ ही, महिलाएं अपने ब्रा का चयन करते हुए भी विशेष तौर पर ध्यान रखें; जिससे वह अतिरिक्त टाइट ब्रा ना पहने और कंफर्टेबल ब्रा का ही उपयोग करें।
  4. अगर महिलाएं स्तनों में हो रहे दर्द की वजह से अधिक परेशान हो गई है और उनके शरीर का तापमान भी ३७° से ज्यादा हो चुका है; तो उनको डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
  5. स्तनों का दर्द सुखाने के लिए महिलाएं कुछ घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं; जिससे स्तनों का दर्द जल्दी सूख जाए और उन्हें दर्द से राहत मिल सके।

स्तनों का दूध सुखाने के दौरान क्या नहीं करना चाहिए ? Stano ka Dudh Sukhane me Kya Nahi karna Chahiye ?

दोस्तों, स्तनों का दर्द सुखाते हुए महिलाओं को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि, स्तनों का दर्द सिर्फ एक ही दिन में नहीं सूखता है; इसे सूखने के लिए एक से दो सप्ताह से अधिक भी लग सकता है। इसीलिए, महिलाओं को स्तनों का दर्द सुखाते हुए अपने स्वास्थ्य का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए; जिससे उनके स्तनों के हिस्से में हो रहा दर्द बढ़ ना सके।

अगर महिलाएं स्तनों के दूध को सुखाना चाह रही है; तो वह उस दौरान अतिरिक्त टाइट या अतिरिक्त ढीले कपड़े पहनने से बचें। महिलाएं ऐसे कपड़े पहने; जिसमें वह कंफर्टेबल महसूस कर सकें और अपने स्तनों पर उसे अतिरिक्त दबाव ना पड़ सके। महिलाओं को ब्रा पहनते समय भी कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए; जिससे ब्रेस्ट पर अतिरिक्त दबाव ना पड़े और उनका दर्द ना बढ़ सके।

अगर महिलाओं को स्तनों का दूध सुखाते हुए अतिरिक्त परेशानी हो रही है; तो उनको देरी बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए और तुरंत डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए। स्तनों के दूध को सुखाने के दौरान महिलाओं को ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए; जिससे ब्रेस्ट के संवेदनशील हिस्से में कोई उत्तेजना उत्पन्न हो।

स्तनों का दूध सुखाने के घरेलू उपाय की जानकारी : Breast Milk Sukhane Ke Gharelu Upay

स्तनों का दूध सुखाने के घरेलू उपाय
स्तनों का दूध सुखाने के घरेलू उपाय

दोस्तों, स्तनों का दूध सुखाने के लिए और इस प्रक्रिया को आरामदायक बनाने के लिए आप निम्नलिखित घरेलू उपाय अपना सकते हैं।

१) सेज के पत्ते –

कई अध्ययन यह बताते हैं; कि सेज के पत्तों का उपयोग करने से महिलाओं के स्तनों में दूध का उत्पादन धीरे धीरे कम होने लगता है। इस लिहाज से हम कह सकते हैं; कि सेज के पत्तों का उपयोग करने से महिलाओं को दूध सुखाने में काफी हद तक मदद मिल सकती है। सबसे पहले एक पतेले में पानी डालकर ग्यास पर उबालने के लिए रख दे। पानी उबलने के बाद ग्यास बंद करें और इसमें लगभग दो से तीन ग्राम तक सेज के पत्ते डालकर ३ से ४ मिनट तक ढक कर रखें। बाद में, इस पानी में स्वादानुसार शहद और नींबू का रस मिलाकर एक एक घूंट करके इस सेज की चाय का सेवन करें। आप सेज के पत्ते की चाय का सेवन हफ्ते में दो बार कर सकते हैं।

२) अजमोद –

अजमोद की पत्तियों का सेवन करके या अजमोद की पत्तियों को सलाद के रूप में खाने से महिलाएं अपने स्तनों के दूध सुखाने में काफी हद तक सफल हो पाती हैं। कई अध्ययन यह साबित करते हैं; कि अजमोद का सेवन करने से महिलाओं के शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन के स्तर में कमी देखी गई है। इस लिहाज से, अजमोद की पत्तियों का सेवन करने से महिलाओं को अपना ब्रैस्ट का दूध सुखाने में काफी हद तक मदद मिल पाती है।

३) पत्ता गोभी के पत्ते –

वैसे देखा जाए; तो पत्ता गोभी के पत्तों का इस्तेमाल करते हुए महिलाओं के ब्रैस्ट का दूध सुखाने के लिए अभी पूरे रिसर्च नहीं हुए हैं और अध्ययन अभी भी जारी है। परंतु, कुछ अध्ययन यह बताते हैं; कि पत्ता गोभी के पत्तों को इस्तेमाल करते हुए अपने स्तनों के दूध को सुखाने में महिलाओं को आसानी होती है और स्तनों में हो रहे दर्द से भी काफी हद तक राहत मिल पाती है। पत्ता गोभी के पत्तों का इस्तेमाल करने से पहले उन्हें अच्छे से धोकर और सुखा कर फ्रिज में ठंडा करने के लिए रख दें। जब यह ठंडा हो जाते हैं; तब उनको ब्रा के अंदर और ब्रेस्ट के पास रख दें। लगभग हर एक घंटे के बाद आप इन पत्तों को बदलते रहे।

४) आइस पैक –

स्तनों के दूध को सुखाने के लिए महिलाएं दिन भर में दो से तीन बार लगभग ५ से १० मिनट तक आइस पैक की मदद से अपने स्तनों की धीरे धीरे सिकाई कर सकती हैं। ऐसा करने से स्थानों में हो रहे दर्द तथा सूजन से उन्हें काफी हद तक राहत मिल पाती है। साथ ही, स्तनों का दूध सूखने में भी मदद मिल पाती है।

५) चमेली –

दोस्तों, चमेली के फूलों का उपयोग करते हुए आप अपने स्तनों के महिलाएं अपने स्तनों के दूध को सुखा सकती है। दरअसल, चमेली के फूलों का पेस्ट बनाकर अपने स्तनों पर कुछ देर के लिए लगा कर रखें और बाद में स्तनों को अच्छे से साफ कर लें। ऐसा करने से महिलाओं के स्तनों में दूध के उत्पादन को कम किया जा सकता है। क्योंकि, अध्ययन में पाया गया है; कि चमेली के फूल प्रोलैक्टिन के स्तर को कम करने में सहायक होते हैं।

६) पुदीने का तेल –

दोस्तों, अध्ययन के अनुसार, पुदीने के तेल से स्तनों की की गई मालिश स्तनों में दूध की आपूर्ति को कम करती है; जिसके चलते स्तनों के दूध को सुखाने में काफी हद तक मदद मिल पाती हैं। पुदीने का तेल की कुछ बूंदे अपनी उंगलियों पर ले और स्तनों पर लगाते हुए सर्कुलर मोशन में हल्के हाथों से मालिश करें। पुदीने के तेल का इस्तेमाल काफी सीमित मात्रा में करना चाहिए। अगर आप इसका अतिरिक्त मात्रा में इस्तेमाल करती है; तो इससे आपके स्वास्थ्य को और आपके बच्चे के स्वास्थ्य को हानि हो सकती है।

स्तन के दूध को सुखाने के लिए दवाएं : Stano ka Dudh Sukhane ki Dawa

दोस्तों, स्तनों के दूध को सुखाने के लिए विविध प्रकार की दवाइयां भी उपलब्ध होती हैं। परंतु, महिलाओं को इनका अपने आपसे सेवन बिल्कुल भी नहीं करना होता है और स्तनों के दूध को सुखाने वाली दवाइयों का सेवन करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक होता है।

१) ब्रोमोक्रिपटाइन –

स्तनों के दूध को सुखाने के लिए डॉक्टर द्वारा इस दवाई का सेवन करने की सलाह दी जाती है। अध्ययन के अनुसार, इस दवाई का नियमित रूप से लगभग तीन दिनों तक सेवन करने के बाद महिलाओं को अपने स्तनों का दूध सुखाने में काफी हद तक मदद मिल पाती है।

२) कैबगोलीन –

इस दवाई का सेवन करने के बाद स्तनों के दूध को सुखाया जा सकता है। यह दवाई स्तनों के दूध को सिखाते हुए शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन के स्तर को कम करती है; जिसके चलते दूध का उत्पादन कम हो जाता है और स्तनों का दूध सुखाने में आसानी होती है।

३) स्यूडोएफीड्रिन –

अध्ययन के अनुसार, इस दवाई का एक खुराक लेने के बाद महिलाओं के स्तनों के दूध को सुखाने काफी हद तक मदद मिल पाती है। इस दवाई का सेवन करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है।

स्तनों के दूध को सूखने में कितना समय लगता है ? Breast Milk sukhne ka Time

दोस्तों, स्तनों के दूध को सुखाने के लिए लगने वाला समय हर माता के लिए अलग अलग हो सकता है। अगर महिलाएं घरेलू उपायों को अपनाते हुए स्तनों के दूध को सुखा रहे हैं; तो उनको थोड़ा अधिक समय लगता है। वहीं दूसरी ओर, अगर डॉक्टर की सलाह लेकर दवाइयों का सेवन करते हुए महिलाएं स्तनों के दूध को सुखा रही है; तो लगभग दो से तीन दिनों में स्तनों के दूध को सुखाया जा सकता है।

स्तनों का दूध सुखाने के जोखिम :

दोस्तों, स्तनों के दूध को सुखाते हुए महिलाओं को कई सारे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां तक; कि स्तनों के दूध को सुखाने के बाद भी महिलाएं कई सारे जोखिम भरे परेशानियों को उठाती है।

  1. अगर महिलाएं डॉक्टर की सलाह के अनुसार और उनके दिशानिर्देशों के द्वारा बताए गए दवाइयों का सेवन करते हुए ब्रैस्ट का दूध सुखाने की कोशिश करती है; तब भी उन दवाइयों के कुछ साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं। जैसे; चक्कर आना, सिरदर्द, पेट दर्द तथा मतली की समस्या जैसे साइड इफेक्ट्स कई महिलाओं को देखने को मिलते हैं।
  2. अगर महिलाएं घरेलू उपायों को अपनाने के बाद ब्रैस्ट का दूध सुखाने की कोशिश करती है; तब भी कुछ महिलाओं को कुछ गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
  3. अगर महिलाएं पुदीने के तेल को ब्रेस्ट पर लगाकर मालिश करते हुए स्तनों के दूध को सुखाने की कोशिश करती है; तो इसका अतिरिक्त इस्तेमाल करने से भी उनको साइड इफेक्ट्स होते हैं और पिपरमिंट ऑयल स्थानों पर लगाने के बाद महिलाओं को बच्चे को स्तनपान बिल्कुल भी नहीं कराना चाहिए।
  4. अगर स्तनों के दूध की निकासी नहीं होती है मतलब ब्रैस्ट का दूध बाहर नहीं निकल पाता है; तो इससे महिलाओं को स्तनों में सूजन तथा दर्द की समस्या हो जाती है।
  5. अगर महिलाएं सेज के पत्ते की चाय बनाते हुए ब्रैस्ट का दूध सुखाना चाहती हैं; तो उन्हें उसका इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। क्योंकि, सेज के पत्ते की चाय का अतिरिक्त किया गया सेवन कई माताओं को साइड इफेक्ट्स का कारण बनता है। जैसे; उल्टी, मतली, चक्कर आना, घरघराहट होना, ब्लड शुगर लेवल कम होना आदि।

स्तनों के दूध को सुखाने के लिए डॉक्टर की मदद कब ले ? Breast Milk Stop Karne Ke Liye Doctor

स्तनों के दूध को सुखाते हुए महिलाएं कई परेशानियों का सामना करती हैं। परंतु,कई परेशानियां गंभीर होती हैं; जिनको महिलाएं नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन, ऐसा करना गलत होता है। क्योंकि, यह गंभीर संकेत किसी गंभीर समस्या के लक्षण भी हो सकते हैं।

अगर महिलाओं को अपने स्तनों में गांठ महसूस हो रही है, महिलाओं के स्तनों में अतिरिक्त दर्द का अनुभव हो रहा है, उनको अतिरिक्त थकान महसूस हो रही है और उनके शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा रहता है; तो उनको नजरअंदाज बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।

डॉक्टर के द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार अगर महिलाएं दूध सुखाने की कोशिश करती है; तो इससे उन्हें कुछ अन्य प्रकार के नुकसान होने की संभावना काफी कम हो जाती हैं। साथ ही, यहां हम आपसे अनुरोध करना चाहेंगे; कि स्तनों का दूध सुखाना इतना आसान नहीं होता है और इस प्रक्रिया के दौरान महिलाओं को काफी संयम बरतने की भी आवश्यकता होती है।

इसका मतलब यह नहीं है; कि आप शरीर में हो रहे दर्द को बस नजरअंदाज कर देगी और इसके ऊपर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देगी। आपके शरीर में किसी भी प्रकार का अनचाहा बदलाव नजर आने पर बिल्कुल भी देरी ना करें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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