नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? आज का आर्टिकल होने वाला है, पीरियड्स खुलकर ना आने पर इस विषय के बारे में। दोस्तों, जैसा कि हम सभी जानते हैं; महिलाओं को हर महीने चार से छह दिनों तक माहवारी आती हैं। माहवारी की साइकिल रेगुलर रहना उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

महावारी के दौरान महिलाओं को पेट दर्द, सिर दर्द, कमर दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द, मांसपेशियों में मरोड़ तथा खिंचाव जैसे अनगिनत प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हर महीने आने वाली माहवारी की समस्या महिलाओं के लिए परेशानियों का पिटारा लेकर आती हैं। परंतु, इस बात को नहीं भूला जाना चाहिए; कि मां बनने की प्रक्रिया में माहवारी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कई ऐसी महिलाएं होती हैं; जिन्हें हार्मोनल इंबैलेंस, पीसीओडी, पीसीओएस, एंडोमेट्रियोसिस, गर्भाशय से जुड़ी समस्या जैसे अनगिनत कारणों की वजह से माहवारी अनियमित हो जाती है; जिसके तहत माहवारी के दौरान होने वाले रक्तस्राव में भी अनियमितता देखी जाती है।

कई महिलाओं के पीरियड्स खुलकर नहीं आ पाते हैं; जो एक रोजमर्रा की समस्या समझकर महिलाएं उसे नजर अंदाज कर देती हैं। परंतु, ऐसा करना गलत होता है। क्योंकि, लगातार कई महीनो तक पीरियड्स खुलकर ना आना किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है।

इसीलिए, अगर महिलाओं के पीरियड्स खुलकर नहीं आ रहे हैं; तो उन्हें ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर इसके पीछे का कारण जानना चाहिए। साथ ही, घरेलू उपाय भी मौजूद होते हैं; जिन्हें अपनाते हुए महिलाएं पीरियड्स के दौरान होने वाले रक्तस्राव को नियमित और संतुलित कर सकती हैं।

तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; पीरियड खुलकर ना आने पर क्या करना चाहिए ; इस विषय के बारे में पूरी जानकारी।

पीरियड्स खुलकर आना क्यों जरूरी है ? Periods Khul Kar Ana Kyo Jaruri ?

पीरियड्स खुलकर आना क्यों जरूरी
पीरियड्स खुलकर आना क्यों जरूरी

दोस्तों, महिलाओं के जीवन में हर महीने आने वाली माहवारी एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है; जिससे उनके स्वास्थ्य पर काफी गहरा असर पड़ता है। अगर महिलाओं की माहवारी तथा माहवारी के दौरान होने वाला रक्तस्राव संतुलित तथा नियमित रहता है; तो उनका स्वास्थ्य बरकरार रखने में भी काफी मदद मिल पाती है।

हर महिला का स्वास्थ्य एक दूसरे से काफी अलग होता है; इसीलिए हर महिला की माहवारी तथा माहवारी के दौरान होने वाला रक्तस्राव भी एक दूसरे से काफी अलग पाया जाता है। हर महिला को माहवारी के दौरान होने वाली तकलीफें भी एक दूसरे से काफी अलग पाई जाती है और हर महिला का मासिक चक्र एक दूसरे से काफी अलग होता है।

सामान्य तौर पर, महिलाओं को महावारी के दौरान औसतन २ से ७ दिनों तक ब्लीडिंग हो सकती है। अध्ययन के अनुसार, महावारी के दौरान लगभग ३० से ४० मिलीलीटर तक रक्त स्राव या ब्लीडिंग महिलाओं को होती है; जो सामान्य बात मानी जाती है। परंतु, अगर इससे कम रक्त स्राव लगातार कई महीनो तक हो रहा है; तो इसे मासिक धर्म का कम आना कहा जाता है।

अगर किसी कारणवश्य महिलाओं के पीरियड्स में अनियमितता देखी जा रही है और पीरियड्स में रक्तस्राव खुलकर नहीं हो पा रहा है; तो यह किसी बड़ी समस्या का संकेत भी हो सकता है। साल भर में कई कबार ऐसा हो सकता है; कि महिलाओं को पीरियड्स खुलकर नहीं आ सके; यह बहुत ही सामान्य बात मानी जाती है। परंतु, अगर बार-बार यह समस्या हो रही है; तो इसके पीछे जरूर कोई ना कोई बड़ा गंभीर संकेत हो सकता है।

परंतु, हमारे समाज में आज भी महावारी को लेकर खुलकर बातें करने से परहेज किया जाता है; जिसके चलते महिलाएं अपने माहवारी से जुड़ी समस्याओं के बारे में किसी के भी साथ चर्चा नहीं कर पाती है और इन सब समस्याओं को सिर्फ सहते रहती है।

परंतु, ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए और खासकर महिलाओं को अपने माहवारी से जुड़े स्वास्थ्य को लेकर हमेशा ही सतर्क एवं सजग रहना चाहिए। महिलाओं को अपने पीरियड साइकिल को संतुलित रखना बहुत ही आवश्यक होता है; तभी उनका पूरा स्वास्थ्य संतुलित रखने में वह सफल हो पाती हैं।

पीरियड्स खुलकर नहीं आ रहे हैं; तो इसका कारण क्या है ? Periods Khulkar Nahi Ane Ke Karan

दोस्तों, निम्नलिखित कारणों की वजह से महिलाओं को पीरियड्स खुलकर नहीं आ पाते हैं।

  1. अगर किसी महिला का वजन कम है; तो इसकी वजह से उसके शरीर में मौजूद हार्मोनल कार्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और पीरियड्स खुलकर न आने की समस्या हो जाती हैं। वहीं दूसरी ओर, अगर महिला का वजन ज्यादा है; तब भी यह समस्या देखी जा सकती हैं। वजन अनियंत्रित रहने पर महिलाओं में पीरियड्स खुलकर न आने की समस्या हो जाती हैं।
  2. गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से भी कई महिलाओं को पीरियड्स खुलकर न आने की समस्या हो जाती है।
  3. अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक तनाव महिलाओं के हारमोंस पर बुरा प्रभाव डालते हैं; जिसके चलते तनाव की वजह से हारमोंस का कार्य बाधित होता है और पीरियड्स खुलकर नहीं आ पाते हैं।
  4. जो माता स्तनपान कराती है; उनके शरीर में मौजूद दूध बनाने वाले हार्मोन ओवुलेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ा देते हैं। ऐसा होने पर महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता देखी जाती है।
  5. पीरियड खुलकर ना आने के पीछे उम्र भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दरअसल, किशोरावस्था के दौरान और मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं; जिसके चलते महावारी की अनियमितता तथा महावारी के दौरान होने वाले रक्तस्राव की अनियमितता देखा जाना बहुत सामान्य माना जाता है।
  6. पीसीओएस, गर्भाशय से जुड़ी कोई समस्या या पीसीओडी जैसी गंभीर समस्याओं के चलते भी महिलाओं में माहवारी की तथा माहवारी के दौरान होने वाले रक्तस्राव की अनियमितता देखी जाती है।
  7. महिलाओं के जनन अंगों से जुड़ी कोई गंभीर बीमारी के चलते भी महिलाओं के पीरियड्स खुलकर नहीं आ पाते हैं।

पीरियड्स खुलकर आने के लिए क्या करना चाहिए ? Periods Khulkar Aane ke Upay

दोस्तों, महिलाओं में पीरियड्स खुलकर आने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने जाने चाहिए।

१) एक्सरसाइज –

दोस्तों, एक्सरसाइज चाहे किसी भी प्रकार की हो; वह हर लिहाज से हमारे लिए स्वास्थ्य वर्धक ही मानी जाती है। एक्सरसाइज करने से हमारे शरीर में रक्त प्रवाह सुचारू रूप से होता है, मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है तथा मांसपेशियों को आराम मिलता है, शरीर में मौजूद हर अंग के कार्य में सुधार देखा जाता है और कई प्रकार की शारीरिक मानसिक समस्याएं हल होने में मदद मिल पाती है।

महावारी के दौरान होने वाले रक्तस्राव की अनियमितता को दूर करने के लिए महिलाओं को एक्सरसाइज, योगा, प्राणायाम जैसे अच्छी आदतों को जरूर अपनाना चाहिए। कीगल एक्सरसाइज, स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, प्लैंक एक्सरसाइज जैसे एक्सरसाइज करने से महिलाओं के जननांगों में रक्त प्रवाह तेजी से बढ़ता है; जिसके चलते पीरियड्स रेगुलर होने में मदद मिल पाती है।

साथ ही, भुजंगासन, शलभासन, मकरासन, धनुरासन, हलासन जैसे योगासनों का अभ्यास भी जरूर किया जाना चाहिए। कपालभाति, अनुलोम विलोम, उज्जायी, भस्त्रिका, भ्रामरी जैसे प्राणायाम करने से हमारे मस्तिष्क के कार्य प्रणाली में सुधार आता है और यौन तंत्रिकाओं पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है; जिसके चलते माहवारी नियमित होने में मदद मिल पाती है।

२) दालचीनी –

मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए महिलाओं को दालचीनी का सेवन जरूर करना चाहिए। दालचीनी में मौजूद उचित प्रकार के पोषक तथा यौगिक तत्व महिलाओं के पीरियड्स खुलकर आने में काफी मददगार साबित होते हैं। आप दालचीनी को पानी में उबालकर उसका दिन में दो से तीन बार सेवन कर सकते हैं। साथ ही, दालचीनी की चाय बनाकर या गर्म दूध में दालचीनी का पाउडर डालकर भी इसका सेवन किया जा सकता है; इससे आपके पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव संतुलित होने में मदद मिल पाती हैं।

३) पपीता –

पीरियड्स खुलकर ना आने की समस्या से राहत पाने के लिए महिलाओं को दिन में लगभग १५० से २०० ग्राम कच्चे पपीते का सेवन जरूर करना चाहिए। पपीता महिलाओं के जननांग में रक्त प्रवाह को तेजी से बढ़ता है और गर्भाशय में संकुचन पैदा करता है; जिससे चलते पीरियड खुलकर आने में और महावारी नियमित होने में मदद मिल पाती है।

पीरियड्स में खून का फ्लो बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए ? Periods Me Blood Flow Badhane Ke Liye Kya khaye ?

पीरियड्स में खून का फ्लो बढ़ाने के लिए क्या खाना
पीरियड्स में खून का फ्लो बढ़ाने के लिए क्या खाना

दोस्तों, पीरियड्स में रक्त प्रवाह को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित पदार्थों को अपने डाइट में शामिल करना चाहिए।

१) तिल और गुड़ –

दोस्तों, तिल और गुड़ का कॉन्बिनेशन बहुत ही स्वादिष्ट लगता है! हमारे घरों में तीज त्यौहार के दिनों में तिल और गुड़ को प्रसाद के रूप में भी बांटा जाता है। तिल और गुड दोनों ही गर्म तासीर वाले होते हैं। ऐसे में, माहवारी के दौरान अगर महिलाओं को अनियमित रक्तस्त्राव हो रहा है और माहवारी खुलकर नहीं आ रही है; तो उन्हें तिल और गुड़ को समान मात्रा में मिलकर इसका सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से खून के थक्के नहीं जमते हैं और माहवारी खुलकर आने में मदद मिल पाती हैं। तिल और गुड़ का सेवन माहवारी के दौरान या महावारी आने से पहले भी किया जा सकता है।

२) सौंफ और धनिया –

महावारी खुलकर आने के लिए महिलाओं को सौंफ और धनिया का काढ़ा बनाकर पीने से काफ़ी लाभ देखने को मिलता है। महावारी के दौरान भी आप इस काढ़े को बनाकर पी सकती है। सौंफ और धनिया से बने काढ़े का सेवन करने के बाद महिलाओं के जननांग में प्रवाह नियंत्रित होता है; जिसके चलते महावारी नियमित होने में और माहवारी के दौरान रक्तस्राव खुलकर होने में मदद मिल पाती हैं।

३) अदरक का रस –

अदरक को कद्दूकस कर लें या काटकर टुकड़े बनाकर उसे पानी में उबाल लें। इस पानी को छानकर उसमें स्वाद अनुसार शहद और नींबू का रस मिलाकर अच्छे से मिक्स करें। इस पानी का सेवन सुबह खाली पेट करने से माहवारी खुलकर आने में काफी हद तक मदद मिल पाती है। अदरक का सही तरीके से किया गया सेवन माहवारी से जुड़ी लगभग हर समस्या में फायदेमंद साबित होता है।

पीरियड्स खुलकर आने की घरेलू दवा : Periods Khulkar Ane Ki Gharelu Dawa

दोस्तों, महिलाओं में पीरियड्स खुलकर नहीं आने पर निम्नलिखित घरेलू उपाय अपनाए जाने चाहिए।

१) ओमेगा थ्री फैटी एसिड युक्त भोजन –

महिलाओं के माहवारी से जुड़ी समस्याओं के लिए ओमेगा थ्री फैटी एसिड युक्त पदार्थ का सेवन करने से काफी लाभ देखने को मिलते हैं। ओमेगा थ्री फैटी एसिड महिलाओं के शरीर में हारमोंस के संतुलन को बनाए रखने में और माहवारी को नियमित रखने में बहुत ही मददगार होते हैं। इसीलिए, महिलाओं को अपने आहार में रोजाना ओमेगा थ्री फैटी एसिड युक्त पदार्थ जैसे; सालमन मछली, अखरोट, अलसी, कॉड लिवर ऑयल इनका समावेश करना चाहिए।

२) गाजर –

अनगिनत प्रकार के विटामिन, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्वों से युक्त गाजर का सेवन हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। गाजर में पाए जाने वाले विटामिन महिलाओं के शरीर में खून की कमी नहीं होने देते हैं, हार्मोनल कार्य को भी नियंत्रित करते हैं और पीरियड्स को उत्तेजित करते हैं; जिसके चलते माहवारी से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलने में मदद मिल पाती है। गाजर का सेवन आप किसी भी रूप में कर सकते हैं; सलाद, जूस या उसका सूप बनाकर भी खा सकते हैं। गाजर का सेवन करने से माहवारी नियमित होने में मदद मिल पाती है।

३) हल्दी –

दोस्तों, हल्दी को “प्राकृतिक हीलिंग एजेंट” कहा जाता है; जो हमारे शरीर में घाव को भरने में और रक्त को शुद्ध करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हल्दी का सही तरीके से किया गया सेवन माहवारी को खुलकर आने में काफी मददगार होता है। हल्दी का सेवन आप रोजाना सब्जी में डालकर कर सकते हैं या रात को सोते समय हल्के गुनगुने गर्म दूध में हल्दी को मिलकर इसका सेवन किया जा सकता है। हल्दी का सेवन पीरियड्स खुलकर आने के लिए हल्दी का सेवन माहवारी के दौरान या महावारी आने से एक हफ्ते पहले भी किया जा सकता है।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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