नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप?  आज के इस लेख में हम आपको ब्रेस्ट के नीचे लाल कलर के दाने क्यों आते है और इसका इलाज संभव है क्या ? इसके बारे में जानने वाले है | महिलाओं का जीवन बहुत ही संघर्षमय होता है। महिलाओं के शरीर में ताउम्र बदलाव देखे जाते हैं। अगर महिलाओं के शरीर में किसी भी प्रकार का हार्मोनल परिवर्तन हो जाता है; तो उनको कई सारे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मासिक धर्म अनियमितता आ जाने की वजह से महिलाओं के पूरा ही मासिक चक्र बिगड़ जाता है और उसकी वजह से कई सारे लक्षण उभर कर आते हैं।

योनि तथा स्तन महिलाओं के शरीर के बहुत ही महत्वपूर्ण अंग माने जाते हैं। महिलाओं के स्तनों से ही बच्चों की पहली पहचान होती हैं और स्तनों के जरिए ही वह दूध पी पाता है। अगर महिलाओं के स्तनों में थोड़ी भी गड़बड़ी हो जाए; तो उनका सीधा असर उनकी प्रजनन क्षमता और पूरे ही शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।

आमतौर पर, महिलाएं स्तनों में हो रही हो रहे किसी भी बदलाव को जांचने में और परखने में उतना गंभीर नहीं होती है। स्तनों में हो रहा दर्द, स्तनों की सूजन या अन्य कोई भी समस्या महिलाएं अक्सर नजरअंदाज कर देती है। लेकिन, यह बहुत ही गलत बात है। महिलाओं के अपने योनि के साथ-साथ; स्तनों का भी ख्याल रखना और उनके ऊपर ध्यान देना बहुत ही जरूरी होता है।

स्तनों में हुए किसी भी बदलाव को लेकर अगर आपके मन में किसी भी तरह की आशंका है; तो बेहतर है, कि आप किसी डॉक्टर से उचित सलाह लें। स्तनों के हेल्थ में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती जाए; तो कई सारी स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उत्पन्न होने की आशंका बनी रहती है।

महिलाओं के स्तनों के नीचे लाल कलर के दाने आना भी एक ऐसी समस्या है; जिसको महिलाएं अक्सर नजरअंदाज कर देती है। लेकिन, इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त ना होने की वजह से भी महिलाएं इनके ऊपर ध्यान नहीं देती है। तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; महिलाओं के स्तनों के नीचे लाल कलर के दाने आने के बारे में पूरी जानकारी।

ब्रेस्ट के नीचे लाल कलर के दाने क्यों आते हैं ? Breast ke Niche Lal Rashes

ब्रेस्ट के नीचे लाल कलर के दाने
ब्रेस्ट के नीचे लाल कलर के दाने

ब्रेस्ट के नीचे लाल कलर के दाने आने के निम्नलिखित कारण होते हैं।

१) पसीना –

कई बार महिलाएं बहुत भारी मात्रा में पसीने का सामना करती है। कई महिलाओं को अधिक मात्रा में पसीना भी आता है। ऐसे में, अगर वह अपने ब्रेस्ट के नीचे के हिस्से को ठीक तरीके से साफ नहीं करती हैं; तो पसीने की वजह से वहां पर बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और इन्फेक्शन का कारण बनते हैं। इस इंफेक्शन की वजह से महिलाओं के ब्रेस्ट के नीचे लाल कलर के दाने या खुजली, जलन का भी अनुभव होने लगता है।

२) पर्सनल हाइजीन –

पर्सनल हाइजीन को ठीक तरीके से मेंटेन ना करने की वजह से भी महिलाओं के ब्रेस्ट के नीचे दानों की समस्या हो जाती हैं। कई महिलाएं नहाने के बाद ब्रेस्ट लाइन को और ब्रेस्ट के निचले हिस्से को ठीक तरीके से पोछती और सुखाती नहीं है। इसी कारण वहां पर नमी बनी रहती हैं और बैक्टीरियल इन्फेक्शन का कारण बनती है। इसी इंफेक्शन की वजह से महिलाओं के ब्रेस्ट के नीचे दाने आना, खुजली, जलन का अनुभव होना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

३) सैगी ब्रेस्ट और मोटापा –

उम्र के साथ महिलाओं के स्तनों में ढीलापन यानी सैगीनेस आ जाता है। इसी कारणवश, महिलाओं के ब्रेस्ट आगे की तरफ झुक जाते हैं और ब्रेस्ट लाइन पूरी तरीके से पिगमेंटेशन का शिकार बन जाती है। ऐसे में, पिगमेंटेशन की वजह से ब्रेस्ट लाइन के आसपास का हिस्सा गहरे रंग का हो जाता है; जिसकी वजह से उनमें दानों की समस्या हो जाती है।

कई महिलाओं को मोटापे की परेशानी होती है। मोटापा होने की वजह से ब्रेस्ट के आसपास अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है; जिसकी वजह से अतिरिक्त फैट की परते एक दूसरे से चिपक जाती हैं। इसी कारणवश, मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को ब्रेस्ट के निचले हिस्से में दानों की और रैशेज की समस्या हो जाती हैं।

४) स्किन इंफेक्शन –

कई महिलाओं को स्किन इन्फेक्शन की वजह से भी ब्रेस्ट के निचले हिस्से में दानों की समस्या हो सकती है। स्किन इनफेक्शन बैक्टीरिया, यीस्ट या फंगस जैसे जीवाणुओं की वजह से होता है। स्किन इन्फेक्शन के तहत त्वचा पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। ब्रेस्ट के निचले हिस्से में नमी बनी रहती है, इंफेक्शन बढ़ता है और वहां पर दानों की समस्या हो जाती हैं।

दाद, खुजली, सोराइसिस, एक्जिमा जैसे अनगिनत स्किन इन्फेक्शन होने पर महिलाओं को ब्रेस्ट के नीचे लाल कलर के दाने आना, खुजली, जलन का अनुभव होना, स्किन में ड्राइनेस आना जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।

५) टाइट कपड़े –

आजकल फैशन के चलते सिंथेटिक और टाइट ब्रा पहनने का चलन बढ़ता जा रहा है। लेकिन l, इसकी वजह से महिलाओं के स्तनों के स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। टाइट कपड़े पहनने की वजह से स्तनों में प्राकृतिक वेंटीलेशन नहीं रहता है; जिसकी वजह से ब्रेस्ट के हिस्से में पसीना आता है, नमी बनी रहती है, बैक्टीरिया पनपते हैं और इन्फेक्शन का कारण बनते हैं। इसी इंफेक्शन की वजह से महिलाओं के ब्रेस्ट के निचले हिस्से में दानों की समस्या हो जाती है।

ब्रेस्ट के नीचे लालपन महसूस होने पर क्या करना चाहिए ? Breast Ke niche Laalpan

ब्रेस्ट के नीचे लालपन
ब्रेस्ट के नीचे लालपन

ब्रेस्ट के नीचे लाल पन महसूस होने पर या दानों की समस्या होने पर महिलाओं को निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना चाहिए।

  1. ब्रेस्ट के नीचे लालपन, एलर्जी या दानों की समस्या होने पर सबसे पहले महिलाओं को सूती, कॉटन के और ढीले ढाले ब्रा और कपड़े पहनना चाहिए।
  2. ब्रेस्ट के नीचे लाल पन महसूस होने पर महिलाओं को प्रभावित क्षेत्र का ठीक तरीके से ध्यान रखना चाहिए और समय-समय पर प्रभावित हिस्से की जांच करती रहनी चाहिए।
  3. जाहिर है, ब्रेस्ट के नीचे लालपन या दानों की समस्या होने पर आपको जलन और खुजली का अनुभव होता है; जिसकी वजह से आपकी खरोचने की इच्छा रहती है। लेकिन, ऐसा होने पर प्रभावित क्षेत्र पर बिल्कुल भी नाखून ना लगाएं और हरोचे बिल्कुल भी खरोचना नही चाहिए।
  4. ब्रेस्ट के नीचे रेडनेस, रैशेज या दानों की समस्या होने पर महिलाओं को किसी भी प्रकार के केमिकल युक्त प्रोडक्ट का इस्तेमाल ब्रेस्ट के प्रभावित हिस्से पर नहीं करना चाहिए।
  5. ब्रेस्ट के नीचे दानों की समस्या होने पर महिलाओं को प्रभावित क्षेत्र पर प्राकृतिक मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
  6. समस्या अधिक दिनों तक बरकरार रहने पर और लक्षण बढ़ने पर महिलाओं को तुरंत किसी स्किन स्पेशलिस्ट या अन्य डॉक्टर की सलाह लेनी आवश्यक होता है।

ब्रेस्ट के नीचे लाल कलर के दाने और पिंपल्स आने पर उस पर क्या लगाना चाहिए ? Chest Ke Niche Laal Dane aur Pimples

ब्रेस्ट के नीचे लाल कलर के दाने और पिंपल्स
ब्रेस्ट के नीचे लाल कलर के दाने और पिंपल्स

ब्रेस्ट के नीचे लाल कलर के दाने होने पर महिलाएं निम्नलिखित घरेलू उपचार को अपना सकती हैं।

१) एलोवेरा जेल –

त्वचा संबंधित लगभग हर समस्या का निवारण करने के लिए एलोवेरा जेल काफी पुराने जमाने से इस्तेमाल होता आ रहा है। एलोवेरा जेल में एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीफंगल, एंटी इन्फ्लेमेटरी जैसे औषधीय तत्व पाए जाते हैं; जो स्किन इन्फेक्शन को खत्म करने के लिए और उनके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए बहुत ही गुणकारी साबित होते हैं।

ब्रेस्ट के नीचे लाल कलर के दाने और पिंपल्स हो जाने पर प्रभावित हिस्से पर एलोवेरा जेल को लगा कर २० मिनट तक रखें। आपको इसे धोने की जरूरत नहीं है; इसे ऐसा ही लगा रहने दें। इसी के साथ, आप एलोवेरा जेल में हल्दी मिलाकर भी प्रभावित हिस्से पर १५-२० मिनट तक लगा कर रख सकते हैं। एलोवेरा जेल और हल्दी में मौजूद औषधीय तत्व ब्रेस्ट के नीचे आए लाल दाने और पिंपल्स की समस्या को कम करने में प्रभावी होते हैं।

२) नारियल तेल –

स्किन संबंधित समस्याओं का समाधान पाने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। ब्रेस्ट के नीचे अगर लाल दाने तथा रैशेज हो गए हैं; तो प्रभावित हिस्से पर नारियल तेल को लगाकर रखें। नारियल तेल में मॉइश्चराइजर के तत्व पाए जाते हैं; जो त्वचा में उचित ना में बनाए रखते हैं और प्रभावित क्षेत्र बैक्टीरिया जैसे जीवाणुओं से सुरक्षित रह पाता है। नारियल तेल में एंटीसेप्टिक, एंटीमाइक्रोबॉयल के औषधीय तत्व पाए जाते हैं; जो जीवाणुओं को नष्ट करने में प्रभावी होते हैं। प्रभावित हिस्से पर नारियल तेल का प्रयोग आप दिन में दो से तीन बार कर सकते हैं।

३) तुलसी –

एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक जैसे औषधीय गुणों की वजह से तुलसी का इस्तेमाल लगभग हर शारीरिक समस्या के लिए किया जाता है। तुलसी में मौजूद यह सारे औषधीय तत्व इंफेक्शन को जड़ से खत्म करने में और उसके विकास को रोकने में प्रभावी माने जाते हैं। ब्रेस्ट के नीचे अगर लाल दाने तथा खुजली, जलन का अनुभव हो रहा है; तो तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है। तुलसी के पत्तों को थोड़ा सा रगड़ के उनको प्रभावित इसे पर लगाया जा सकता है। ऐसा करने से इंफेक्शन की रोकथाम होती है और इंफेक्शन ठीक होने में भी मदद मिल पाती हैं।

मेरे ब्रेस्ट के नीचे दर्द हो रहा है तो मुझे क्या करना चाहिए ? Breast Ke niche Lal Pan Ane par Dard Hona :

अगर आपको स्तनों के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव हो रहा है; तो आप निम्नलिखित उपायों को अपनाएं।

१) मसाज –

ब्रेस्ट के निचले हिस्से में दर्द होने पर महिलाओं को ब्रेस्ट की हल्के हाथों से मालिश करनी चाहिए। मालिश करने के लिए वह जैतून का तेल, सरसों का तेल या नारियल का तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं। ब्रैस्ट मसाज करने के लिए तेल को सबसे पहले हल्का गुनगुना गर्म करें और बाद में हल्के हाथों से सर्कुलर मोशन में ५ से १० मिनट तक स्तनों का मसाज करें। ब्रेस्ट मसाज आप दिन में दो से तीन बार कर सकती हैं। ब्रेस्ट का मसाज करने के लिए महिलाएं कैस्टर ऑयल का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

लेकिन, कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल करते हुए महिलाओं को यह ध्यान रखना चाहिए; कि सिर्फ कैस्टर ऑयल से मसाज ना करें। एक चम्मच कैस्टर ऑयल और दो चम्मच नारियल तेल को उस में मिलाकर उसको अच्छे से मिक्स करके इस मिश्रण की मदद से ब्रेस्ट का मसाज करना चाहिए। ब्रेस्ट का मसाज करने से ब्रेस्ट टिशूज को आराम मिलता है, ब्रेस्ट की मांसपेशियों को रिलैक्सेशन महसूस होता है और ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है; जिसकी वजह से ब्रेस्ट पेन कम होने में मदद मिल पाती है।

२) बर्फ से सिकाई –

ब्रेस्ट के निचले हिस्से में तथा पूरे ही ब्रेस्ट में दर्द होने पर महिलाओं को बर्फ की मदद से ब्रेस्ट की अच्छे से सिकाई करने से काफी लाभ देखने को मिलते हैं। बर्फ से सिकाई करने के बाद ब्रेस्ट में हो रहे दर्द के साथ-साथ; ब्रेस्ट में आई सूजन भी कम होने में मदद मिल पाती है। बर्फ से सिकाई करने के बाद महिलाओं के स्तनों को आराम मिलता है और ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है; जिसकी वजह से दर्द और सूजन कम होने में मदद मिल पाती हैं।

३) सपोर्टिव ब्रा –

महिलाओं को हमेशा ही सपोर्टिव यानी ब्रेस्ट को आधार प्रदान करने वाली ब्रा का चयन करना चाहिए। ब्रा का चयन करते हुए महिलाओं को यह हमेशा ध्यान में रखना चाहिए; कि वह अच्छे सूती, कॉटन के कपड़े से बनी हो और उसका कपड़ा सिंथेटिक का ना हो। सपोर्टिव ब्रा ब्रेस्ट के हिस्से को अच्छे से सपोर्ट प्रदान करती हैं; जिसकी वजह से ब्रेस्ट पेन कम होने में मदद मिल पाती हैं।

मेरे ब्रेस्ट के नीचे इंफेक्शन होने पर उस पर कौन सी क्रीम लगाएं ? Breast Ke Niche Infection :

ब्रेस्ट के निचले हिस्से में इन्फेक्शन तथा दानों की समस्या होने पर त्वचा काफी बुरी हद तक प्रभावित होती हैं; जिसकी वजह से त्वचा में ड्राइनेस बढ़ने की संभावनाएं रहती हैं। ड्राइनेस की वजह से वहां पर इचिंग और इरिटेशन का अनुभव होता है; जो काफी तकलीफदेह होता है। ब्रेस्ट के नीचे इंफेक्शन होने पर प्रभावित हिस्से पर कैलामाइन लोशन का इस्तेमाल करना चाहिए; जिससे प्रभावित हिस्से पर हुए इंफेक्शन के विकास में रोक लगती हैं और इंफेक्शन ठीक होने में भी मदद मिल पाती हैं। इसी के साथ, ब्रेस्ट के निचले हिस्से में इंफेक्शन होने पर प्रभावित हिस्से में नमी बनाए रखने का काम कैलामाइन लोशन करता है।

स्तनों के नीचे लाल सूजन को कम करने के लिए दवा की जानकारी : Stano ke Niche Lal Sujan

सबसे पहले तो, बूब्स के नीचे अगर लाल दानों के साथ-साथ सूजन, जलन और दर्द का अनुभव हो रहा है; तो आपको किसी डॉक्टर की सलाह की आवश्यकता होती हैं। अपने आप किसी भी दवाई का सेवन करने से बचें; क्योंकि महिलाओं का सबसे नाजुक अंग स्तनों को माना जाता है। ऐसे में, अगर वह स्तनों में आए लाल दानों की समस्या का हल निकालने के लिए खुद से ही किसी दवाई का सेवन कर लेती हैं; तो इससे उनको साइड इफेक्ट्स होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

बूब्स के नीचे लाल सूजन को कम करने के लिए महिलाए किसी उचित एंटीसेप्टिक साबुन और गर्म पानी का इस्तेमाल करके प्रभावित हिस्से को साफ करने की कोशिश करें। आप चाहे तो; प्रभावित हिस्से पर कैलामाइन लोशन भी लगा सकती हैं। अगर आप के स्तनों के नीचे लाल सूजन २ से ३ दिनों से ज्यादा रहती हैं और घरेलू उपचार अपनाने के बाद भी यह समस्या कम नहीं होती है; तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक होता है।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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