नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप ? भगवान ने जब इस दुनिया की रचना की, तब ऐसे कहा जाता है; कि एक नारी को बनाने के लिए भगवान ने सबसे ज्यादा वक्त लगाया था। भगवान से नारी को सृजन शक्ति का वरदान प्राप्त है। इसी कारण, वह अपने कोख में बच्चे को पालती है और उसे जन्म देती है। जन्म लेने के बाद छोटे बच्चे की सबसे पहली पहचान मां के स्तनों से होती हैं। अक्सर लड़की के ब्रेस्ट ढीले और छोटे होकर लटक जाते है |

मां के स्तनों का दूध पीने से बच्चों का पोषण होता है। इसीलिए, स्तनों को एक महिला के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना गया है। वैसे तो, महिला के शरीर में सारी उम्र काफी सारे बदलाव देखे जाते हैं। महिला के पूरे शरीर का स्वास्थ्य हार्मोन पर निर्भर होता है।

हारमोंस का असंतुलन होने पर महिलाओं के शरीर में कई सारे अनचाहे बदलाव होते हैं और उन्हें शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जब एक लड़की किशोरावस्था में होती है; तब उसके पीरियड शुरू हो जाते हैं। मासिक धर्म शुरू होने के दौरान एक लड़की के शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं; जो शारीरिक एवं मानसिक रूप से विभाजित है।

शरीर में होने वाले हार्मोन के बदलाव लड़की के जननांगों में और स्तनों का विकास करने में सहायता प्रदान करते हैं। अपने शरीर में होने वाले यह बदलाव देखकर लड़कियां थोड़ी घबरा जाती है और असमंजस में आ जाती है। ऐसे में, घर के दादी, नानी तथा मां उनके प्रश्नों के उत्तर देती हैं।

अपने बारे में जानने के लिए लड़कियां काफी उत्सुक रहती हैं और उम्र के इस पड़ाव पर अपने शरीर में हो रहे बदलावों का अनुभव करती हैं। कुछ महिलाओं के तथा लड़कियों के स्तन आकार में छोटे होते हैं। बढ़ती उम्र के साथ स्तनों में ढीलापन आना, एक आम बात मानी जाती है। लेकिन, कई कारणों की वजह से आजकल कम उम्र में ही लड़कियों के स्तन ढीले और छोटे हो जाते हैं।

तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; लड़कियों के स्तन छोटे तथा ढीले होने के कारण और उसके उपचार के बारे में पूरी जानकारी।

लड़की के ब्रेस्ट ढीले क्यों पड़ते हैं ?

लड़की के ब्रेस्ट ढीले क्यों पड़ते हैं
लड़की के ब्रेस्ट ढीले क्यों पड़ते हैं

लड़की के ब्रेस्ट ढीले पड़ने के पीछे कई कारण मौजूद होते हैं। विज्ञान के अनुसार; लड़कियों के ब्रेस्ट फैट और टिशू से बने होते हैं। ब्रेस्ट को फर्म और टाइट रखने के लिए एक लिगामेंट होता है; जिसे “कूपर लिगामेंट” कहां जाता है। जब यह कूपर लिगामेंट किसे कारणों की वजह से ढीला पड़ने लगता है; तो ब्रेस्ट में भी सैगीनेस बढ़ जाता है और ब्रेस्ट ढीले पड़ने लगते हैं।

१) धूम्रपान-

आजकल लड़कियां कम उम्र में ही धूम्रपान तथा अन्य नशीले पदार्थों का सेवन कर रही हैं; जिसका बुरा असर उनके प्रजनन क्षमता पर पड़ता है। दरअसल, हमारे शरीर में कोलेजन नामक प्रोटीन मौजूद होता है; जो त्वचा में इलास्टिसिटी को बनाए रखता है। अगर कॉलेज इनकी मात्रा कम हो जाती हैं; तो त्वचा ढीली पड़ने लगती है।

उम्र के साथ कॉलेजन की मात्रा कम होना, एक आम बात मानी जाती हैं; जिसकी वजह से बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं के ब्रेस्ट में ढीलापन देखे जा सकता है। लेकिन, कम उम्र में ही धूम्रपान जैसे गलत आदतों के कारण लड़कियों के शरीर में कॉलेजन घटता जाता है; जिसका सीधा परिणाम उनके ब्रेस्ट के विकास और स्वास्थ्य पर पड़ता है और ब्रेस्ट में ढीलापन आ जाता है।

२) जेनेटिक्स –

हमारे शरीर में मौजूद कुपर लिगामेंट की मजबूती हमारे जेनेटिक्स पर निर्भर होती हैं। अगर आपके दादी, नानी या मां के ब्रेस्ट कम उम्र में ही ढीले हो गए थे; तो आपके ब्रेस्ट भी कम उम्र में ढीले पड़ने की संभावना अधिक होती है।

३) वजन घटना –

कई बार लड़कियां वेट लॉस करने की कोशिश करती हैं। लेकिन, इसका परिणाम आपके ब्रेस्ट के ऊपर हो सकता है। बिना प्लान के अगर आप अपना वजन घटाना चाहते हैं; तो इसके कारण ब्रेस्ट टिश्यूज़ में मौजूद ढेर सारा फैट अचानक से घट जाता है और आपके ब्रेस्ट में ढीलापन आ सकता है।

४) व्यायाम का अभाव –

आजकल हमें खुद की तरफ ध्यान देने का टाइम ही नहीं मिल पाता है; जिसकी वजह से हम एक्सरसाइज बिल्कुल भी नहीं करते हैं। लेकिन, लड़कियों में व्यायाम का अभाव होने से ब्रेस्ट के कसाव में परिणाम होता है और ढीलापन आ सकता है। दरअसल, हमारे ब्रेस्ट में कसाव बरकरार रहने के लिए एक्सरसाइज बहुत ही आवश्यक होती है। ब्रेस्ट की मांसपेशियों में कसाव को बनाए रखने के लिए पुश अप्स, प्लैंक एक्सरसाइज या चेस्ट प्रेस जैसे एक्सरसाइज का अभ्यास जरूरी होता है। अगर आप एक्सरसाइज बिल्कुल भी नहीं करती हैं; तो ब्रेस्ट में ढीलापन आ जाता है।

५) पोस्चर सही ना होना –

अगर आप बैठते समय झुक कर बैठती हैं; तो इसकी वजह से आपके कूपर लिगामेंट पर प्रभाव पड़ता है। यह स्थिति तुरंत नहीं होती हैं; लेकिन समय के साथ अगर आप लगातार गलत तरीके से बैठते हैं, तो आपके ब्रेस्ट में ढीलापन आ जाता है। इसी के साथ, अगर आप सही तरीके से ब्रा नहीं पहनती है; इसकी वजह से भी ब्रेस्ट में ढीलापन आ जाता है।

लड़कियों की छाती कैसे बढ़ती है ?

लड़कियों की छाती कैसे बढ़ती है
लड़कियों की छाती कैसे बढ़ती है

जैसे कि हम जानते हैं, जब लड़की किशोरावस्था में आती हैं; तब उसके शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं। यह शारीरिक बदलाव होने के बाद ब्रेस्ट में भी बदलाव देखा जाता है। अन्य शारीरिक विकास होने के साथ-साथ; किशोरावस्था के दौरान लड़कियों के जननांगों और स्तनों में भी विकास देखने को मिलता है।

प्यूबर्टी के दौरान, लड़कियों के स्तन का आकार बदलने लगता है और बढ़ने भी लगता है। ऐसा कह सकते हैं; कि किशोरावस्था के समय से ही लड़कियों के ब्रेस्ट बढ़ने की शुरुआत हो जाती हैं। लड़कियों के जब पीरियड शुरू होते हैं; तब उनके शरीर में प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है।

इसी कारणवश, लड़कियों के स्तनों का आकार बढ़ सकता है। अक्सर कहा जाता है: कि शादी के बाद लड़कियों के स्तनों का आकार बड़ा हो जाता है। लेकिन, पूरी तरीके से यह सही नहीं हो सकता। हालांकि, शादी के बाद सहजीवन शुरू करने के बाद एक लड़की के जीवन और शरीर में भी बदलाव देखे जाते हैं। शादी होने के बाद प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं; जिसकी वजह से ब्रेस्ट का आकार बढ़ सकता है।

डिलीवरी होने के बाद जब नवजात शिशु अपनी मां का दूध पीने लगता है; उस दौरान भी एक महिला के स्तनों के आकार में वृद्धि देखी जा सकती है। इसी के साथ, आजकल गलत खानपान की पद्धति के कारण लड़कियां मोटापा का शिकार होती जा रही है। ऐसे में, अगर कम उम्र में ही अधिक मोटापा हो जाता है; तो वजन बढ़ने के कारण भी लड़कियों के स्तनों का आकार बड़ा हो जाता है।

लड़कियों की छाती कितनी उम्र में बढ़ती है ?

लड़कियों की छाती कितनी उम्र में बढ़ती है
लड़कियों की छाती कितनी उम्र में बढ़ती है

किशोरावस्था के दौरान, लड़कों की तुलना में लड़कियों का शारीरिक विकास बहुत ही तेजी से होता है। लड़कियों में किशोरावस्था की औसतन उम्र ११ साल होती है। ८ साल से लेकर १५ साल तक लड़कियों में प्यूबर्टी का दौर देखा जाता है।

ऐसा कहा जाता है; कि आजकल लड़कियां काफी कम उम्र में “बड़ी” बन रही है। इसके पीछे कई कारण मौजूद होते हैं। लेकिन, अध्ययन के अनुसार, प्यूबर्टी के ४ सालों में ही लड़कियां पूर्ण यौन परिपक्वता प्राप्त कर लेती है। किशोरावस्था के दौरान ही लड़कियों के शरीर में हारमोंस के तेज बदलाव देखे जाते हैं।

इसी कारणवश, उनका शारीरिक विकास तेजी से होता है। शारीरिक विकास तेजी से होने के कारण लड़कियों के जननांग तथा स्तनों के आकार में वृद्धि देखी जा सकती हैं। ऐसा कह सकते हैं; कि लड़कियों के स्तनों का आकार उनके किशोरावस्था में बढ़ना शुरू हो जाता है।

लड़कियों की छाती बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए ?

छाती बढ़ाने के लिए क्या खाना
छाती बढ़ाने के लिए क्या खाना

किशोरावस्था के दौरान होने वाले हारमोंस के बदलाव लड़कियों को कई बातों के लिए आकर्षित करते हैं। किशोरावस्था के दौरान अगर किसी लड़की के ब्रेस्ट छोटे है; तो ऐसे में वह अपने ब्रेस्ट को बड़ा बनाने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं। अपने स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए लड़कियां मार्केट में मिलने वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने के बारे में सोचती है। लेकिन, यह उनके लिए हानिकारक भी हो सकता है। प्राकृतिक तरीके से अगर आप अपने स्तनों का आकार बढ़ाना चाहती हैं; तो लड़कियों को अपने आहार में कुछ उचित बदलाव करके देखना चाहिए; जो उनके लिए काफी सरल और सुरक्षित उपाय होगा।

१) सोया प्रोडक्ट्स –

सोया प्रोडक्ट्स में आइसोफ्लेवोन्स मौजूद होते हैं; जो एस्ट्रोजन की तरह काम करते हैं। इसी कारणवश, सोया प्रोडक्ट्स का सेवन करने के बाद लड़कियां अपने स्तनों का आकार बढ़ाने में सफल हो पाती हैं। टोफू, सोयाबीन तथा सोया मिल्क जैसे सोया प्रोडक्ट्स का सेवन करने से लड़कियों के शरीर में उचित पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है; जो उनका शारीरिक विकास तेजी से करने में सहायता करते हैं। सोया प्रोडक्ट का सेवन लड़कियों के शरीर में मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है और उनमें कसाव बढ़ाता है; जो उनको अपने स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए उपयुक्त होते हैं।

२) दूध –

अपने स्तनों का आकार प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के लिए लड़कियां दूध का सेवन भी कर सकती हैं। मानव शरीर के समान दूध में एस्ट्रोजन, प्रोलेक्टिन, प्रोजेस्टेरोन जैसे हारमोंस मौजूद होते हैं। इसी के साथ, दूध में प्रोटीन, कई प्रकार के विटामिन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। दूध का सेवन करने से लड़कियों के शरीर में हारमोंस का संतुलन बना रहता है, यह शारीरिक विकास को गति प्रदान करता है, मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है और प्रजनन क्षमता के विकास में काम करता है; जिससे लड़कियां अपने स्तनों का आकार बढ़ाने में सफल हो पाती हैं।

३) बीज –

अलसी के बीज, कद्दू के बीज तथा सूरजमुखी के बीजों में कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं; जो हमारे शारीरिक विकास की गति को बढ़ाते हैं। इन सभी बीजों में कैल्शियम, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा कई तरह के मिनरल्स मौजूद होते हैं; जिससे लड़कियों के शरीर में उचित पोषक तत्वों की आपूर्ति होती हैं और उनका शारीरिक विकास बेहतर होने में मदद मिलती हैं। इसी के साथ, बीजों का सेवन लड़कियों के शरीर में मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है और उनके स्तनों का आकार बढ़ाने में मददगार होता है।

४) मेथी दाना –

मेथी कड़वी जरूर होती है; लेकिन इसका सेवन हमारे शरीर के लिए कई रूपों से स्वास्थ्यवर्धक होता है। अगर लड़कियां अपने स्तनों का आकार बढ़ाना चाहती हैं; तो उनको मेथीदाना का सेवन अवश्य करना चाहिए। मेथी दाना का सेवन आपका ही रूपों से कर सकते हैं। मेथीदाना का पानी पी सकते हैं, उसको खाने में डाल कर खा सकते हैं या सीधे तौर पर एक चम्मच मेथी दाने का सेवन कर सकती है।

मेथी दाने में ऐसे कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं; जो हमारे शरीर में ब्लड सरकुलेशन को बढ़ाते हैं। इसी के साथ, मेथीदाना का सेवन लड़कियों के शरीर में हारमोंस के संतुलन को बनाए रखता है और उनके मांस पेशियों में विकास करके स्तनों के आकार को बढ़ाता है।

५) लीन मांस –

लीन मांस में प्रोटीन और हेल्दी फैट्स की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है; जो लड़कियों के स्तनों का आकार बढ़ाने के साथ-साथ, उन में कसाव उत्पन्न करके टाइट भी बनाते हैं।

लड़की के ब्रेस्ट छोटे होने के कारण –

लड़की के ब्रेस्ट छोटे होने के कारण
लड़की के ब्रेस्ट छोटे होने के कारण

निम्नलिखित कारणों की वजह से लड़कियों के ब्रेस्ट छोटे हो सकते हैं।

  1. लड़कियों के ब्रेस्ट छोटे होने के पीछे हार्मोन असंतुलन बड़ा कारण हो सकता है। कई लड़कियों के शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा कम होती है और प्रोजेस्टेरोन की मात्रा अधिक होने के कारण उनके ब्रेस्ट का आकार छोटा रह जाता है।
  2. शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण भी लड़कियों का शारीरिक विकास बेहतर तरीके से नहीं हो पाता है और उनके स्तनों का आकार छोटा रह जाता है।
  3. लड़कियों के ब्रेस्ट छोटे रहने के पीछे अनुवांशिकता भी एक कारण हो सकता है।
  4. वजन कम होना भी लड़कियों के ब्रेस्ट छोटे होने के पीछे का कारण होता है।
  5. विशिष्ट प्रकार की दवाइयों का सेवन करने के बाद उनकी वजह से होने वाले साइड इफेक्ट्स की वजह से भी लड़कियों में स्तनों का आकार छोटा रह जाता है|

लड़कियों के ब्रेस्ट टाइट करने के घरेलू उपाय –

ब्रेस्ट टाइट करने के घरेलू उपाय
ब्रेस्ट टाइट करने के घरेलू उपाय

लड़कियों के स्तनों को टाइट बनाने के लिए और उन में कसाव उत्पन्न करने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी अपनाए जा सकते हैं।

१) सही ब्रा का चयन-

ढीले पड़े स्तनों को सही आकार देने के लिए और उन्हें कसाव उत्पन्न करने के लिए सही ब्रा का चयन करना भी बहुत आवश्यक होता है। अगर आप अधिक ढीली ढाली या अधिक टाइट ब्रा पहनती हैं; तो इसका बुरा परिणाम आपके ब्रेस्ट पर होता है। इसलिए, ब्रा का चयन करते समय उसके कप साइज और उसकी क्वालिटी अच्छी होना बहुत ही आवश्यक होता है। ध्यान रहे; कई सालों तक एक ही ब्रा का इस्तेमाल करने से बचें। अपने स्तनों को सही आकार देने के लिए, उनमें कसाव उत्पन्न करने के लिए और उन्हें टाइट बनाने के लिए आपके स्तनों को सपोर्ट देने वाली ब्रा का चयन करें।

२) संतुलित आहार-

अपने स्तनों को टाइट बनाने के लिए अपना आहार संतुलित रखना बहुत ही आवश्यक होता है। अपने आहार में उचित पोषक तत्वों से युक्त पदार्थों का समावेश करें; जिसकी वजह से आप के स्तनों की मांसपेशियों में कसाव उत्पन्न होता है और प्राकृतिक रूप से आप अपने ब्रैस्ट को टाइट बना सकती हैं।

३) एक्सरसाइज –

हमारे शरीर के हर हिस्से की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने के लिए एक्सरसाइज बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एक्सरसाइज तथा योग प्राणायाम का अभ्यास शरीर को स्वास्थ्यवर्धक लाभ दिलाता है। अगर लड़कियां अपने ब्रेस्ट में कसाव उत्पन्न करके उन्हें टाइट बनाना चाहती हैं; तो उनको रोजाना तौर पर एक्सरसाइज करना आवश्यक होता है। ढीले स्तनों को टाइट बनाने के लिए योग तथा प्राणायाम करने से भी फायदा देखने को मिलता है। योग, प्राणायाम या कोई भी एक्सरसाइज आपके स्तनों के मांसपेशियों में कसक उत्पन्न करती हैं; जिससे वह टाइट बनने में मदद मिलती है।

४) तेल की मालिश-

अपने स्तनों में कसावट उत्पन्न करने के लिए रोजाना तेल की मालिश करनी चाहिए। सरसों के तेल, जैतून का तेल, नारियल तेल जैसे कई तरह के तेलों का इस्तेमाल करके आप अपने स्तनों की मालिश कर सकती हैं। अपने हाथों पर इन तेलों की कुछ बूंदे लें और हल्के हाथों से सर्कुलर मोशन में ब्रेस्ट की मालिश करें। मालिश करने से स्तनों के ब्लड सरकुलेशन में बढ़ोतरी होती हैं, मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, मांसपेशियों में कसाव उत्पन्न होता है; जिसके कारण आपके स्तनों का आकार बढ़ने में मदद मिलती है।

५) अनार-

अनार एक बेस्ट एंटी एजिंग सामग्री के रूप में जाना जाता है। अनार के छिलकों का पाउडर ले और उनको ने सरसों के तेल में मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को ब्रेस्ट पर लगाकर ५ से १० मिनट तक मसाज करें और थोड़ी देर बाद पानी से स्तनों को धो डालें। ऐसा प्रयोग करने से आपको अपने ब्रेस्ट में कसाव मिल पाता है और आपके ब्रेस्ट टाइट बन जाते हैं।

लड़की के ब्रेस्ट टाइट करने की टैबलेट –

लड़की के ब्रेस्ट टाइट करने की टैबलेट
लड़की के ब्रेस्ट टाइट करने की टैबलेट

लड़की के स्तनों को टाइट बनाने के लिए निम्नलिखित टेबलेट का सेवन किया जा सकता है।

१) ओसिड बूब्स टोनर कैप्सूल –

लड़कियों के तथा महिलाओं के स्तनों की मांसपेशियों में कसाव उत्पन्न करने के लिए इस टेबलेट का सेवन डॉक्टर के सुझाव से किया जा सकता है। इस टेबलेट का सेवन करने के बाद लड़कियों के स्तनों की मांसपेशियों में मजबूती प्रदान होती हैं; जिसकी वजह से उनके स्तनों का आकार बढ़ता है। इस टैबलेट के नियमित सेवन से महिलाओं के स्तनों के मांस पेशियों का विकास तेज गति से होता है और उनका ब्रेस्ट का आकार बढ़ता है; जिसकी वजह से ब्रेस्ट की मांसपेशियों में कसाव उत्पन्न होकर वह टाइट बनने में मदद मिलती है।

२) बोसोम ब्रेस्ट कैप्सूल –

पूर्णतः आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से निर्मित यह कैप्सूल महिलाओं पर किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होने देती हैं। इस औषधि का नियमित सेवन ढीले पड़े स्तनों का आकार बड़ा कर उन्हें टाइट बना सकती हैं। इस दवाई का सेवन करने के बाद महिलाओं के ब्रेस्ट में ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है, मांसपेशियों में वृद्धि होती हैं और ढीले पड़े ब्रेस्ट में कसाव उत्पन्न होकर वह टाइट बनने में मदद मिलती है। डॉक्टर द्वारा सलाह के अनुसार ही इस दवाई का सेवन करना चाहिए।

३) नेचुरल कर्व प्रो हर्बल कैप्सूल –

अपने छोटे और ढीले स्तनों को बड़ा और टाइट बनाने के लिए महिलाएं तथा लड़कियां इस कैप्सूल का सेवन कर सकती हैं। विविध प्रकार की जड़ी बूटियों से बनाई गई या कैप्सूल साइड इफेक्ट रहित होती हैं। इस कैप्सूल का सेवन करने के बाद लड़कियों को छोटे स्तनों से छुटकारा मिलता है और उनके स्तनों के आकार में बढ़ोतरी देखी जा सकती हैं। इस टेबलेट का सेवन करने के बाद लड़कियों के स्तनों में कसावट उत्पन्न होती हैं और उनके ब्रेस्ट टाइट बनते हैं।

४) बस्ट ३६ कैप्सूल –

आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से निर्मित यह कैप्सूल लड़कियों के स्तनों का आकार बढ़ाने में सहायता कर सकती है। इस कैप्सूल का सेवन करने के बाद लड़कियों को किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होता है। इस कैप्सूल का सेवन लड़कियों को छोटे तथा ढीले स्तनों से छुटकारा दिलाता है। यह कैप्सूल खाने के बाद कुछ ही दिनों में लड़कियों के स्तन बड़े दिखने लगते हैं और उन में कसावट उत्पन्न होकर वह टाइट बन जाते हैं।

लड़की के ब्रेस्ट टाइट करने की दवा –

ब्रेस्ट टाइट करने की दवा
ब्रेस्ट टाइट करने की दवा

निम्नलिखित दवाइयों का सेवन तथा इस्तेमाल लड़कियों के ढीले ब्रैस्ट को टाइट बना सकती हैं।

१) सैनफे रिफॉर्म ब्रेस्ट टोनिंग ऑयल –

कई कारणों की वजह से लड़कियां कम उम्र में ही अपने स्तनों का लचीलापन और कसावट खो देती है; जिसकी वजह से उन्हें सैगी ब्रेस्ट यानी लटकने वाले स्तनों की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए और अपने स्तनों का आकार एवं लचीलापन बढ़ाने के लिए इस ऑयल से फायदा देखने को मिलता है।

लड़कियों को अपने छोटे स्तनों को सुडौल बनाने के लिए और उनमें इलास्टिसिटी बढ़ाने के लिए इस तेल के रूप में अच्छा विकल्प मिला है। खुबानी का तेल और सी बकथॉर्ण ऑयल को मिलाकर इस तेल की निर्मिती होती है। इस तेल का इस्तेमाल करने के बाद लड़कियां अपने स्तनों का आकार बढ़ा सकती है और उनमें कसाब उत्पन्न करके उन्हें टाइट बना सकती हैं।

२) क्लोविया बोटानिका ८ इन १ ब्रेस्ट फर्मिंग ऑयल –

पूरी तरीके से प्राकृतिक सामग्री द्वारा बनाए गए इस तेल में ८ तरीके के एसेंशियल ऑइल्स मौजूद होते हैं; जो लड़कियों के ढीले स्तनों को सही आकार और सुडौल बनाने के लिए फायदेमंद होते हैं। इस तेल का इस्तेमाल खासतौर पर स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए किया जाता है। इस तेल का इस्तेमाल करने के बाद लड़कियों के स्तनों में ब्लड सरकुलेशन नियंत्रित हो पाता है; जिसकी वजह से उनके स्तनों की मांसपेशियों में कसावट उत्पन्न होती हैं और स्तनों का आकार बड़ा बनकर वह टाइट बनते हैं।

३) इनलाइफ बी-फर्म नेचरल ब्रेस्ट टाइटनिंग क्रीम –

ढीले पड़े स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए और उन में लचीलापन बढ़ाने के लिए इस क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस क्रीम का इस्तेमाल करने के बाद स्तनों के आसपास मौजूद मांसपेशियों में कसावट उत्पन्न होती है और ऊपर लिगामेंट मजबूत बनता है; जिसकी वजह से प्राकृतिक रूप से स्तनों का आकार बढ़ता है और वह टाइट बनते हैं। इस क्रीम की खासियत यह है; कि यह क्रीम किसी भी स्किन टाइप के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।

४) शतावरी कैप्सूल –

महिलाओं की लगभग हर शारीरिक समस्या से छुटकारा पाने के लिए शतावरी काफी फायदेमंद होती है। शतावरी का इस्तेमाल महिलाओं के लिए सर्वोत्तम माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार, शतावरी महिलाओं के लिए टॉनिक की तरह काम करता है। शतावरी के इस कैप्सूल का सेवन करने के बाद महिलाओं के ढीले स्तनों को सही आकार प्राप्त होता है और उनकी मांसपेशियां मजबूत होने के कारण वह टाइट बनने में मदद मिलती हैं। इसी के साथ, इस कैप्सूल का सेवन करने के बाद महिलाओं के शरीर में हार्मोन संतुलित रहते हैं; जिसकी वजह से स्तनों का आकार भी संतुलित रहने में मदद मिलती है।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आप को आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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