नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप ? आज हम अश्वगंधा कैप्सूल के बारे में जानकारी देने वाले है | हमारी भारतीय संस्कृति का एक प्राचीन, समृद्ध मानी गई है। भारतीय संस्कृति में आयुर्वेद शास्त्र का काफी महत्व है। पुराने जमाने में जब भी लोग बीमार पड़ते थे; तब आयुर्वेदिक दवाइयों का सहारा लेकर ही वह ट्रीटमेंट करवाते थे। उस जमाने में डॉक्टर या मेडिसिंस की कोई ज्यादा अहमियत थी ही नहीं । लोग सीधा आयुर्वेदिक तौर तरीके अपनाकर ही बीमारी का इलाज कराते थे।
हमारी भारतीय संस्कृति में आयुर्वेद शास्त्र का इतना महत्व है; कि ऋषि-मुनियों के जमाने से इसका उल्लेख देखने को मिलता है। अश्वगंधा नामक एक ऐसे ही जड़ी बूटी है; जो काफी प्राचीन काल से स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का निवारण करने के लिए इस्तेमाल करते आ रहे हैं। अश्वगंधा का साइंटिफिक नाम है, ”विदानिया सोम्निफेरा”।
आम भाषा में अश्वगंधा को भारतीय जिनसेंग भी कहा जाता है। अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी बूटी है; जिसका इस्तेमाल करके कई शरीर स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का निवारण किया जाता है। अश्वगंधा का चूर्ण, पावडर या कैप्सूल के रूप में सेवन किया जाता है। भारत देश के सूखे इलाके जैसे; गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान इन इलाकों में इसकी खेती की जाती है।
अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी बूटी है; जिसमें एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटिस्ट्रेस जैसे औषधीय तत्व पाए जाते हैं। इसीलिए, इस औषधि का सेवन करने से मानव जाति की लगभग हर समस्या का निवारण हो पाता है। अश्वगंधा का सेवन मस्तिष्क के स्वास्थ्य, ह्रदय का स्वास्थ्य, हड्डियों और मांसपेशियों का स्वास्थ्य बढ़ाने में कारगर माना जाता है।
इसी के साथ, जिन महिलाएं तथा पुरुषों को यौन संबंधित समस्याएं हैं या यौन कमजोरी है; उनको भी अश्वगंधा का सेवन करने से काफी लाभ देखने को मिलते हैं।
तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; अश्वगंधा कैप्सूल के बारे में पूरी जानकारी।
अश्वगंधा कैप्सूल कब और कैसे खाना चाहिए ? Ashwagandha Capsule Kab Aur Kaise Khaye ?
वैसे देखा जाए; तो अश्वगंधा कैप्सूल कई सारे स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का निवारण करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसीलिए, इसका सेवन भी स्थिति की गंभीरता और स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का प्रकार के अनुसार किया जाता है।
अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन की खुराक और समय के बारे में उचित जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको आयुर्वेदिक चिकित्सक एक बार सलाह जरूर लेनी चाहिए। आमतौर पर, अश्वगंधा कैप्सूल को दिन में दो बार खाया जाता है। अश्वगंधा कैप्सूल को खाना खाने के लगभग एक घंटे बाद गर्म या हल्के गुनगुने गर्म दूध के साथ एक एक टेबलेट का सेवन दिन में दो बार किया जाता है।
दिन में खाना खाने के बाद एक गोली और रात को सोने से पहले एक कैप्सूल, ऐसे रूप में आप अश्वगंधा के कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं। बेहतर जानकारी प्राप्त करने के लिए एक बार आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
अश्वगंधा का असर कितने दिन में होता है ? Ashwagandha Ka Asar Kitne Din Me Hota hai ?
ढेरों बीमारियों का निवारण करने वाली अश्वगंधा अपना असर दिखाने में ज्यादा देर नहीं लगाती है। आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार, अश्वगंधा का सेवन करने के १ से २ सप्ताह के भीतर ही आपको अश्वगंधा के स्वास्थ्यवर्धक लाभ तथा असर दिखना शुरू हो जाता है।
आपके स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार भी आपको अश्वगंधा का असर दिख सकता है। अगर आपको कोई गंभीर समस्या के तहत अश्वगंधा का सेवन करने की सलाह दी गई है; तो हो सकता है, कि आपको इसका असर दिखने में थोड़ी देर लग सकती है। लेकिन, अश्वगंधा अपना कमाल दिखाती जरूर है।
अश्वगंधा कैप्सूल दिन में कितनी बार लेना चाहिए ? Ashwagandha Capsule Din Me Kitne Bar Lena Chahiye ?
आमतौर पर, एक या दो अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन दिन में दो बार किया जा सकता है। स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के ऊपर भी यह निर्भर होता है; कि आप अश्वगंधा का सेवन दिन में कितनी बार कर सकते हैं और कितना कर सकते हैं? उचित जानकारी प्राप्त करने के लिए अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
अश्वगंधा कैप्सूल कितने दिनों तक खाना चाहिए ? Ashwagandha Capsule Kitne Dino Tak Khana Chahiye ?
अश्वगंधा के कैप्सूल का सेवन कितने दिनों तक करना चाहिए; यह बात आपके स्वास्थ्य संबंधित समस्या पर निर्भर होती है। अगर यौन संबंधित समस्या के लिए आप अश्वगंधा के कैप्सूल का सेवन कर रहे हैं; तो आपको कम से कम ३ महीनों तक इसका सेवन करना आवश्यक होता है। इसी लिहाज से, अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के लिए अगर आप अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन कर रहे हैं; तो उनके अनुसार आपको उसका सेवन करने की अवधि के बारे में डॉक्टर से उसकी जानकारी मिल जाती हैं।
अश्वगंधा कैप्सूल खाने से क्या फायदा होता है ? Ashwagandha Capsule Khane Ka Fayda
अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन करने से आपको इतने फायदे होते हैं; कि आप गिनते थक जाएंगे! अश्वगंधा कैप्सूल कई सारे स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का समाधान पाने के लिए इसका सेवन किया जाता है।
१) यौन संबंधित समस्या –
आजकल महिलाएं तथा पुरुष दोनों ही यौन संबंधित समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। यौन संबंधित समस्याएं होने के पीछे कई कारण मौजूद होते हैं; जिसमें गलत जीवनशैली, खानपान की गलत आदतें, व्यायाम का अभाव, खराब दिनचर्या, तनाव जैसे कारण भी शामिल होते हैं। यौन संबंधित समस्याओं के कारण महिलाएं तथा पुरुष बच्चे पैदा करने में असमर्थ हो जाते हैं। इन सभी समस्याओं का निवारण करने के लिए अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन काफी लाभदायक होता है।
अश्वगंधा कैप्सूल पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ाता है, कामेच्छा में वृद्धि करता है, शीघ्रपतन, स्तंभन दोषी जैसी समस्याओं का निवारण करता है, सेक्स पावर बढ़ाता है, प्रजनन क्षमता में सुधार लाता है, वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाता है, स्पर्म काउंट में इजाफा करता है और ऐसे अनगिनत फायदे दिलाता है। महिलाओं में भी यौन संबंधित समस्याओं का निवारण करने के लिए अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार करने से फायदा देखने को मिलता है।
२) मस्तिष्क का स्वास्थ्य –
मस्तिष्क का स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए और बढ़ाने के लिए अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन कैसे लाभदायक होता है। दरअसल, मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार लाने का काम अश्वगंधा करता है। मस्तिष्क के क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं के कार्य प्रणाली को सुधारने में अश्वगंधा का सेवन काफी हद तक मददगार होता है। दरअसल, अश्वगंधा का सेवन करने के बाद याददाश्त काफी लंबी उम्र तक बरकरार रहती हैं। इसी के साथ, अश्वगंधा के कैप्सूल का सेवन तनाव और अवसाद, चिंता को कम करने में भी प्रभावी होता है। अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन करने के बाद तंत्रिका तंत्र का विकास होता है और उसके कार्य प्रणाली में भी सुधार आता है।
३) अर्थराइटिस –
जिन मरीजों को अर्थराइटिस की समस्याएं होती हैं; उनका चलना, बैठना, घूमना, फिरना सब कुछ काफी तकलीफदेह् हो जाता है। अर्थराइटिस के मरीजों को शारीरिक गतिविधि करने में काफी तकलीफ महसूस होती है। ऐसे में, अर्थराइटिस के मरीजों के मांसपेशियां और जोड़ों में जकड़न, दर्द, ऐठन का अनुभव होने लगता है। अर्थराइटिस के मरीजों के लिए अश्वगंधा का सेवन काफी फायदेमंद माना गया है।
अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी बूटी है; जो एन्टी इन्फ्लेमेटरी गुणों से युक्त होती है। इसके एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण अर्थराइटिस के मरीजों के जोड़ों के दर्द, सूजन से उन्हें राहत मिल पाती है। अश्वगंधा का नियमित रूप से सेवन करने से अर्थराइटिस के लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसी के साथ, सिद्ध मकरध्वज और अश्वगंधा का एक साथ सेवन करने से अर्थराइटिस को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
४) महिलाओं के लिए फायदेमंद –
कई महिलाओं को सफेद पानी की समस्या अधिक रहती है। सफेद पानी की समस्या होने पर महिलाएं काफी थकान, कमजोरी का अनुभव करती है। सफेद पानी की समस्या से राहत पाने के लिए महिलाओं को अश्वगंधा के कैप्सूल का सेवन अवश्य करना चाहिए। अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा का सेवन करने से महिलाओं के शरीर में सफेद पानी की समस्या का निवारण हो सकता है।
इसी के साथ, कई कारणों की वजह से महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ती जा रही है। इनफर्टिलिटी की समस्या होने की वजह से महिलाएं बच्चा पैदा करने में असमर्थ हो जाती हैं। इस समस्या का निवारण करने के लिए भी महिलाओं में अश्वगंधा का सेवन काफी फायदेमंद होता है।
५) मधुमेह –
आजकल दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी डायबिटीज के रोग का शिकार हो रही है। डायबिटीज हो जाने पर अन्य दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है; जिसमें कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अगर आपको डायबिटीज की बीमारी से सुरक्षित रहना है; तो अश्वगंधा के कैप्सूल का सेवन अवश्य कीजिए। अश्वगंधा में हाइपोग्लाइमिक प्रभाव होता है; जो ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसी के साथ, जिन मरीजों को डायबिटीज की समस्या है; उनको भी अश्वगंधा का सेवन उनके डॉक्टर के सलाह के अनुसार करना उचित होता है।
६) इम्म्युन सिस्टम –
आजकल खानपान की गलत आदतें और गलत जीवनशैली के चलते लोग दिन पर दिन रोगों का शिकार होते जा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है; कि लोगों की रोगप्रतिकारक क्षमता दिन पर दिन घटते जा रही है। इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए अश्वगंधा का कैप्सूल असरदार हो सकता है। अश्वगंधा में मौजूद इम्यूनोमोड्यूलेटरी प्रभाव शरीर में जरूरत के हिसाब से इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करते हैं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं।
सबसे अच्छा अश्वगंधा कैप्सूल कौन सा है ? Sabse Best Ashwagandha Capsule
आजकल मार्केट में कई प्रकार की कंपनियां अश्वगंधा कैप्सूल का निर्माण कर रहे हैं। हम आपको अश्वगंधा कैप्सूल के कुछ बेहतर विकल्प बता रहे हैं; जिनका सेवन आप चिकित्सक की सलाह के अनुसार कर सकते हैं।
१) पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल –
पतंजलि अब भारत का जाना माना ब्रांड बन गया है; जो लोगों के लिए भरोसेमंद भी साबित हुआ है। लोग आजकल रोजमर्रा की जिंदगी में पतंजलि के कई प्रोडक्ट इस्तेमाल करने लगे हैं। क्योंकि, पतंजलि के द्वारा निर्माण किए गए प्रोडक्ट्स प्राकृतिक घटकों से बने होते हैं। इसीलिए, उनका साइड इफेक्ट लगभग ना के बराबर होता है। पतंजलि कंपनी ने अश्वगंधा का कैप्सूल भी बनाया है; जो पूरी तरह से शुद्ध अश्वगंधा से निर्मित है। अश्वगंधा कैप्सूल के साथ-साथ, पतंजलि ने अश्वगंधा चूर्ण का भी निर्माण किया है। पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन आप आंख बंद करके कर सकते हैं।
२) डाबर अश्वगंधा कैप्सूल –
आयुर्वेदिक उत्पादों के निर्माण में डाबर भी एक जानी-मानी, भरोसेमंद और प्रसिद्ध कंपनी है। लोग आज भी डाबर के कई सारे उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं और इसलिए यह कंपनी भारत की जानी-मानी कंपनी है। डाबर द्वारा भी अश्वगंधा कैप्सूल का निर्माण किया गया है; जो शुद्ध अश्वगंधा से निर्मित है। डाबर अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन करने के लिए पैक पर दिए गए निर्देशों के अनुसार ही उसका सेवन करें या किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेकर आप डाबर अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।
३) हिमालया अश्वगंधा जनरल वेलनेस् कैप्सूल –
हिमालया कंपनी द्वारा निर्मित अश्वगंधा का यह कैप्सूल भी पूरी तरीके से प्राकृतिक घटक को से निर्मित है। कंपनी का यह दावा है; कि इस कैप्सूल का निर्माण करते समय किसी भी केमिकल युक्त घटक, फ्लेवर का इस्तेमाल नहीं किया गया है। हिमालया कंपनी की भारत की सबसे प्रसिद्ध आयुर्वेदिक कंपनियों में से एक है; जो काफी सारे आयुर्वेदिक प्रोडक्ट का निर्माण करती है। इन्हीं प्रोडक्ट में से एक है, अश्वगंधा जनरल वेलनेस कैप्सूल; जो आपको एक बेहतर स्वास्थ्य के लिए मददगार साबित हो सकती हैं।
अश्वगंधा कब और किसे नहीं लेना चाहिए ? Ashwagandha Kab Aur Kise Lena Chahiye ?
दोस्तों, जैसे हर किसी वस्तु के फायदे होते हैं; वैसे ही कई बार उसके नुकसान भी देखने को मिलते हैं। अश्वगंधा का सेवन कुछ लोगों के लिए और कुछ परिस्थितियों में वर्जित माना जाता है।
१) लो ब्लड प्रेशर –
अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन लो ब्लड प्रेशर के मरीजों को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए। क्योंकि, अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन करने के बाद शरीर में रक्तचाप कम होने की संभावना होती है। ऐसे में, अगर निम्न रक्तचाप के मरीज अश्वगंधा का सेवन करते हैं; तो उनका रक्तचाप और कम हो सकता है। खासकर, रक्तचाप चाहे कोई भी हो; उच्च या निम्न, रक्तचाप के मरीजों को अश्वगंधा का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से एक बार सलाह जरूर लेनी चाहिए।
२) गर्भावस्था –
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अश्वगंधा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान किया गया अश्वगंधा का सेवन कई बार गर्भपात का कारण बनता है। अध्ययन के अनुसार यह साबित हुआ है; कि अश्वगंधा गर्भनिरोधक की तरह काम करता है। इसीलिए, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए।
३) कब्ज़ –
जिन लोगों को पेट संबंधित परेशानियां जैसे कब्ज की शिकायत रहती है; उनको अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए। अश्वगंधा का सेवन करने के बाद उल्टी, डायरिया या अन्य पेट संबंधित परेशानियां उत्पन्न हो सकती है।
अश्वगंधा रोज लेने से क्या होता है ? Ashwagandha Daily Lene Se Kya Hoga ?
जैसे कि हमने देखा; अश्वगंधा एक बहुत ही ताकतवर जड़ी बूटी एवं औषधि होती हैं। अश्वगंधा में ऐसे कई पोषक तत्व और औषधीय गुण पाए जाते हैं; जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। अश्वगंधा का रोजाना सेवन करने से हमारे शरीर में धीरे-धीरे इम्यून सिस्टम बुस्ट होती है। इसी के साथ, अश्वगंधा का रोजाना किया गया सेवन मांसपेशियों और हड्डियों को पर मजबूती प्रदान करता है।
अश्वगंधा का रोजाना सेवन करने से पुरुष तथा महिलाएं दोनों की प्रजनन क्षमता बेहतर होती है। इसी के साथ, अन्य शारीरिक समस्याओं के लिए भी अश्वगंधा का रोजाना किया गया सेवन बहुत ही लाभदायक होता है। अश्वगंधा का रोजाना किया गया सेवन कैंसर के पेशेंट में कीमोथेरेपी से होने वाले नुकसान से बचाता है। इसी के साथ, अश्वगंधा का सेवन कैंसर से हमें सुरक्षित रखता है।
अश्वगंधा में कितनी ताकत होती है ? Ashwagandha Ke Kitni Takat hoti hai ?
यह बताना बहुत ही मुश्किल होगा; कि अश्वगंधा में कितनी ताकत होती हैं? अश्वगंधा में इतने सारे औषधीय और यौगिक तत्व पाए जाते हैं; कि हम सोच भी नहीं सकते हैं! अश्वगंधा एक बहुत ही ताकतवर जड़ी बूटी है; जो मानव जाति की शारीरिक और मानसिक समस्याओं के निवारण करने के लिए बहुत ही कारगर मानी जाती है। आयुर्वेद शास्त्र में अश्वगंधा को सर्वोपरि स्थान दिया गया है। अश्वगंधा कैंसर जैसे बड़ी बीमारी से भी हमारा बचाव करती हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं; कि अश्वगंधा की ताकत कितनी होती है।
क्या हम रात में अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं ? Ashwagandha Ka Sevan
बिल्कुल! आप रात में अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, रात में अश्वगंधा का सेवन सबसे ज्यादा असरदार माना जाता है। अश्वगंधा का सेवन आपका हल्के गुनगुने गर्म पानी के साथ भी कर सकते हैं और दूध के साथ भी कर सकते हैं। अगर आपको दूध पचता नहीं है; तो आप पानी के साथ अश्वगंधा के कैप्सूल का सेवन करें। आमतौर पर, रात को सोने से पहले और खाना खाने के एक घंटे बाद हल्के गुनगुने गर्म दूध के साथ अश्वगंधा के कैप्सूल का सेवन सबसे लाभदायक माना गया है।
क्या अश्वगंधा का सेवन सिर्फ पुरुषों के लिए है ? Ashwagandha Ka Sevan Sirf Purusho Ke Liye Hai ?
जी नहीं! अश्वगंधा का सेवन सिर्फ पुरुषों तक मर्यादित नहीं है। अश्वगंधा जैसी ताकतवर जड़ी बूटी महिलाओं के समस्याओं के लिए भी काफी असरदार होती है। महिलाएं तथा पुरुष दोनों ही के यौन संबंधित समस्याओं का निवारण करने के लिए अश्वगंधा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसी के साथ, कई महिलाओं में थकावट एवं कमजोरी का भी अनुभव होता है, सफेद पानी की समस्या होती हैं; ऐसी महिलाओं को भी डॉक्टर की सलाह के अनुसार अश्वगंधा का सेवन करने से काफी लाभ देखने को मिलते हैं।
अश्वगंधा से शुक्राणु कैसे बढ़ाए ? Ashwagandha Se Shukranu Kaise Badhaye ?
अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी बूटी है; जो पुरुषों के यौन संबंधित समस्याओं का निवारण करने के लिए बहुत ही असरदार एवं गुणकारी मानी गई है। जिन पुरुषों को शुक्राणुओं की कमी होती हैं; उनमें भी अश्वगंधा का सेवन करने से काफी लाभ देखने को मिलते हैं। ऐसे पुरुषों में अश्वगंधा का सेवन करने से शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाई जाती है और वीर्य की गुणवत्ता में भी सुधार लाया जाता है। शुक्राणुओं की कमी होने पर पुरुषों को शीघ्रपतन, कामेच्छा की कमी जैसे अन्य यौन संबंधित समस्याएं भी सताने लगती है।
ऐसे में, पुरुषों को रोज दिन में दो बार खाना खाने के बाद अश्वगंधा के कैप्सूल का सेवन एक गिलास हल्के गुनगुने गर्म दूध के साथ अवश्य करना चाहिए। अश्वगंधा कैप्सूल के साथ साथ, आप अश्वगंधा के चूर्ण का भी सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आपको आधा चम्मच अश्वगंधा चूर्ण लेना है और एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर उसका सेवन करना है। ऐसा रोजाना करने से पुरुष अपने शुक्राणुओं की संख्या आसानी से बढ़ा सकते हैं। अश्वगंधा का सेवन पुरुषों में प्राकृतिक रूप से प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाता है और शुक्राणुओं की संख्या तथा वीर्य की गुणवत्ता में भी बढ़ोतरी लाता है।
तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।