नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? हर महिला के शरीर में पूरे ही महीने में कई बदलाव देखे जाते हैं। मासिक धर्म का चक्र उचित बनाए रखने के लिए यह बदलाव जरूरी भी होते हैं। लगभग सभी सभी महिलाओं को पीरियड्स के पहले सफेद पानी यानी व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या होती है।
सफेद पानी की समस्या काफी महिलाओं ने आम बात है और वह अपने आप ठीक भी हो जाती हैं। दरअसल, महिलाओं के शरीर में वजाइना और सरविक्स में मौजूद ग्लैंड एक फ्लूइड बनाती है; जो अक्सर महावारी के पहले सफेद पानी के रूप में बाहर आता है। सफेद पानी महिलाओं के शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया और डेड सेल्स को बाहर निकालते हैं और गर्भाशय एवं पेल्विस को सुरक्षित रखने का काम करते हैं।
सफेद पानी की इस सामान्य प्रक्रिया के दौरान महिलाओं का स्वास्थ्य भी बना रहता है। लेकिन, कई बार अधिक मात्रा में सफेद पानी का निकलना शरीर में किसी संक्रमण या बीमारी के खतरे का संकेत भी देता है। तो दोस्तों, आज जानेंगे महावारी के पहले सफेद पानी निकलने का कारण, लक्षण और उसके उपाय के बारे में।
पीरियड्स के पहले सफेद पानी निकलने का कारण : Period Ke Pehle White Discharge kaisa hota hai ?
पीरियड्स के पहले सफेद पानी आने की समस्या के कई कारण हो सकते हैं।
- महिलाओं में यीस्ट इनफेक्शन होना आम बात है। इस इंफेक्शन होने से योनि मार्ग में खुजली, जलन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यीस्ट इंफेक्शन होने के बाद सफेद पानी निकलता है; जो गाढ़ा होता है और वह कॉटेज चीज की तरह दिखता है।
- महिलाओं के वजाइना में मौजूद बैक्टीरिया का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने से “बैक्टीरियल वेजाइनोसिस” होता है। इस स्थिति में भी योनि मार्ग में खुजली, जलन होती है और सफेद पानी निकलता है; जिसकी अजीब सी गंध होती है।
- सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीसिस जैसे गोनोरिया, ट्राईकोमोनास जैसे स्थितियों में भी पीरियड के पहले सफेद पानी निकल सकता है। सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीसि की वजह से निकलने वाले सफेद पानी का रंग अधिक पीला होता है, वह बदबूदार होता है और उसका टेक्सचर मवाद के जैसे होता है।
- अधिकतर महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं; जिस कारण उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसी कारण, पीरियड के पहले सफेद पानी निकलने की समस्या हो सकती है; जो कोई गंभीर समस्या नहीं होती है।
- अधिक मामलों में प्राइवेट पार्ट की ठीक से साफ सफाई और क्लीनिंग ना होने के कारण भी पीरियड के पहले व्हाइट डिस्चार्ज होता है।
- अधिक मात्रा में तनाव और किसी भी स्थिति में अधिक घबराहट की वजह से भी पीरियड के पहले सफेद पानी निकलता है।
- बार-बार अबॉर्शन होना और शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण भी पीरियड्स के पहले सफेद पानी की समस्या होती है।
पीरियड के पहले सफेद पानी निकलने के लक्षण : Period Ke Pehle White Discharge Ke Lakshan
मासिक धर्म के पहले सफेद पानी निकलने पर कुछ लक्षण दिखाई देते हैं।
- वजाइना से व्हाइट डिस्चार्ज होना और प्राइवेट पार्ट में खुजली, जलन और रैशेज होना।
- कमजोरी एवं थकान महसूस होना, चक्कर आना।
- व्हाइट डिस्चार्ज होने के बाद प्राइवेट पार्ट से बदबू आना।
- कब्ज होना।
- सिर दर्द होना।
पीरियड्स के पहले सफेद पानी निकलने के उपाय : Periods Ke Pehle Safed Pani Nikalne Ke Upay
मासिक धर्म की शुरुआत होने से पहले सफेद पानी की समस्या को रोकने के लिए कुछ घरेलू उपाय ट्राई कर सकते हैं।
१) अदरक –
एक लीटर पानी में अदरक के कुछ टुकड़े डालकर उस पानी को लगभग आधा होने तक उबालें। उबालने के बाद पानी को छान लें और दिन भर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में इस पानी का सेवन करें। अदरक के इस पानी का सेवन करने से सफेद पानी की समस्या से राहत मिल पाती हैं। अदरक में एंटीसेप्टिक, एंटीमाइक्रोबॉयल तत्व पाए जाते हैं; जो शरीर में किसी भी संक्रमण को फैलने से बचाते हैं और इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
२) टी ट्री ऑयल –
हल्के गुनगुने पानी में टी ट्री ऑयल को मिलाकर मिक्स करें। कॉटन बॉल को इस पानी में भिगोए और वेजाइनल एरिया में लगाकर उसकी सफाई करे। टी ट्री ऑयल का इस तरह से इस्तेमाल करने से वेजाइनल इनफेक्शन कम होने में मदद मिलती है; जिस कारण सफेद पानी की समस्या से राहत मिल पाती हैं।
३) संतुलित आहार –
अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों का समावेश करें। कभी कभी खराब और गलत डाइट के चलते भी वजायनल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, वजाइनल इन्फेक्शन से बचने के लिए अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों का समावेश करें; जो इंफेक्शन से लड़ने में शरीर को सक्षम बनाते हैं।
४) पानी –
शरीर के सभी अंगों को उचित रूप से कार्य करने के लिए उचित मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। कभी-कभी शरीर में पानी की कमी के कारण डिहाइड्रेशन हो जाता है और प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। डिहाइड्रेशन के कारण प्राइवेट पार्ट में खुजली, जलन हो सकती है। ऐसे में, इन सभी संक्रमण से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
५) प्राइवेट पार्ट की सफाई –
किसी भी प्रकार का संक्रमण को रोकने के लिए प्राइवेट पार्ट की सफाई बहुत ही आवश्यक होती हैं। प्राइवेट पार्ट को ठीक तरीके से साफ ना करने के कारण भी वजाइनल इन्फेक्शन बढ़ते हैं; जो सफेद पानी का कारण बनते हैं। इसीलिए, समय-समय पर अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई करें। तंग एवं सिंथेटिक अंडरवियर पहनने से बचें; हमेशा ही ब्रीदेबल कॉटन अंडरवियर का इस्तेमाल करें।
तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।