नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप ? क्या आपको पता है पीरियड में बाल को धोना चाहिए या नहीं ?  मासिक धर्म हर महिला के जीवन में एक अंतराल के बाद होने वाली प्राकृतिक प्रक्रिया है। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को कई सारी जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। आज भी महिलाएं माहवारी के बारे में खुलकर चर्चा करने में कतराती हैं ।

समाज में आज भी महावारी के बारे में खुलकर बातें करने को नजरअंदाज किया जाता है। इस कारण भारत देश के ग्रामीण इलाकों की महिलाएं अधिक मात्रा में दिक्कतों का सामना करना करती है। ग्रामीण इलाकों में महिलाएं अशिक्षित होने के कारण उन्हें मासिक धर्म के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती हैं। ऐसे में, माहवारी के बारे में पुराने जमाने से चलती आ रही प्रथाओं को उन्हें निभाना ही पड़ता है।

मासिक धर्म के बारे में पुराने जमाने से कुछ मिथक आज भी प्रचलित है। उनमें से एक मिथक है; मासिक धर्म के दौरान बालों को धोना चाहिए या नहीं। बुजुर्गों के अनुसार, पीरियड्स के दौरान बालों को नहीं धोना चाहिए। पुराने जमाने में उसके पीछे उनके कुछ अलग कारण होते थे। लेकिन, आज भी वह प्रथाएं चलती आ रही है।

वहीं दूसरी ओर, आजकल के मॉडर्न युग की महिलाएं किसी मिथकों को नहीं मानती हैं। पीरियड्स के दौरान बालों को धोना चाहिए या नहीं; इस मुद्दे पर अलग-अलग विचार धाराएं हैं। तो दोस्तों, आज बात करेंगे पीरियड्स के दौरान बालों को धोना चाहिए या नहीं।

पीरियड्स के दौरान बालों को धोना चाहिए या नहीं ? Periods Ke Dauran Balo ko Dhona

पीरियड्स के दौरान बालों को धोना चाहिए या नहीं
पीरियड्स के दौरान बालों को धोना चाहिए या नहीं

जैसे कि हमने कहा; महावारी के दौरान बालों को धोना चाहिए या नहीं, इस मुद्दे पर सबकी अपनी अलग-अलग राय होती हैं। पुराने जमाने में महिलाएं पीरियड्स में बालों को धोने से परहेज करती थी। वही, मॉडर्न जमाने में महिलाएं इन चीजों को नहीं मानती हैं। दोनों ही विचारधाराओं के अपने अलग-अलग कारण है। तो दोस्तों, हम दोनों ही विचारधाराओं के अनुसार इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

१) पीरियड्स में बाल नहीं धोने चाहिए –

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के शरीर का तापमान अधिक होता है। ऐसे में, अगर महिलाएं अपने बाल धोती हैं; तो उनके शरीर का तापमान कम हो जाता है। इसी कारण, ब्लडिंग खुलकर नहीं हो पाती है और महिलाओं के शरीर में अंदरूनी तौर पर परेशानियां बढ़ने का खतरा बनता है।

पीरियड्स के दौरान अगर बिल्डिंग खुलकर ना हो; तो गर्भाशय के अंदर खून के थक्के जमा हो जाते हैं, जो आगे जाकर किसी प्रकार का इन्फेक्शन या पेट दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न करता है। गर्भाशय में जमे खून के थक्के या गांठ प्राकृतिक रूप से ना निकलने के कारण, कभी-कभी सर्जरी करवाने की जरूरत पड़ती है।

अध्ययन के अनुसार, पुराने जमाने से पीरियड्स के दौरान बाल ना धोने की प्रथा चलती आ रही है। उसके पीछे भी एक कारण है। सबसे पहले, तो पुराने जमाने में बाथरूम नहीं होते थे। ऐसे में, महिलाओं को नहाने के लिए या अन्य किसी भी कार्य करने के लिए नदी, तालाब जैसे साधनों का इस्तेमाल करना पड़ता था।

ऐसे में, अगर माहवारी के दौरान महिलाएं नदी पर नहाने या बाल धोने के लिए जाती; तो नदी का पानी दूषित हो जाता, जिससे अन्य लोगों को भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती थी। वहीं दूसरी ओर, उसके पीछे एक अलग सोच भी थी; कि महिलाओं को माहवारी के दौरान किसी भी शरीर एक कष्ट का सामना ना करना पड़े। इसलिए, उन्हें बाहर जाने के लिए और कोई भी काम करने के लिए परहेज किया जाता था।

२) पीरियड्स में बाल धोने चाहिए –

दोस्तों, पीरियड में बाल धोने चाहिए या नहीं; इसका एक नजरिया तो हमने देख लिया। अब बात करते हैं दूसरे नजरिए की। आजकल महिलाएं शिक्षित हो रही है और ऊंचे ऊंचे पदों पर काम कर रही हैं। ऐसे में, वह पुराने जमाने के मिथकों को मानने से परहेज करती हैं। पीरियड के दौरान बाल धोने से शरीर को स्वास्थ्यवर्धक लाभ ही मिलते हैं; ऐसा उनका मानना होता है।

डॉक्टर के अनुसार, पीरियड्स के दौरान किसी भी समय बाल धोने से कोई भी नुकसान नहीं होता है। उल्टा, इससे आप कई सारे इंफेक्शन और अन्य शारीरिक संबंधी परेशानियों से बच पाते हैं। आजकल पीरियड अवेयरनेस बढ़ने के कारण महिलाएं पीरियड के दौरान हाइजीन का अधिक मात्रा में ख्याल रखने लगी है। ऐसे में, पीरियड्स के दौरान बाल धोना उनके लिए आम बात होती है।

पीरियड्स के दौरान हाइजीन मेंटेन करने के लिए और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचने के लिए बाल धोना फायदेमंद ही होता है। पीरियड के दौरान बाल धोने से स्ट्रेस फ्री महसूस होता है। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को मांसपेशियों की ऐंठन, दर्द, मूड स्विंग्स का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, महावारी के दौरान बाल धोने से महिलाओं के शरीर में मांसपेशियों को आराम मिलता है और ऐंठन से राहत मिलती हैं। इसी के साथ, वह किसी भी इंफेक्शन के खतरे से बच पाती हैं।

दोस्तों, मासिक धर्म के दौरान होने वाली जटिलताएं और उनके मिथको का सामना सिर्फ महिलाएं ही कर सकती हैं! इसीलिए, खासकर महिलाओं को पीरियड के दौरान अपने हाइजीन का ख्याल जरूर रखना चाहिए और पीरियड्स के बारे में किसी भी संभ्रम को नजरअंदाज ना करके उस बारे में तुरंत डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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