नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप ? क्या आपको पता है पीरियड्स में बेचैनी क्यों महसूस होती हैं ?  हम सभी जानते हैं; कि मासिक धर्म के दौरान हर महिला और लड़की को किस परेशानी से गुजरना पड़ता है? माहवारी के दौरान महिलाओं को पेट दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन, पीठ दर्द, कमर दर्द, डायरिया, मतली जैसे शारीरिक पीड़ाओं का सामना करना पड़ता है।

पीरियड आने पर हमारे शरीर में हार्मोनल बदलाव देखे जाते हैं; जिस कारण मूड स्विंग्स अधिक मात्रा में देखने को मिलते हैं। मूड स्विंग होने पर और शरीर में दर्द होने पर महिलाओं में पीरियड के दौरान बेचैनी बढ़ती जाती है। घर की जिम्मेदारियां और बाहर के काम की जिम्मेदारियां संभालते संभालते मूड स्विंग्स हो ही जाते हैं। ऐसे में, मासिक धर्म के दौरान सभी जिम्मेदारियां निभाते निभाते बेचैनी महसूस होना आम बात होती है। इसी के साथ, बेचैनी महसूस होने की स्थिति में हार्मोनल बदलाव अधिक प्रभाव डालते हैं।

इस बेचैनी को कम करने के लिए महिलाओं को खुद के ऊपर काम करने की जरूरत होती है। महिलाएं घर की जिम्मेदारियां संभालते संभालते खुद की तबीयत का ध्यान रखना भूल जाती है। ऐसे में, महावारी के दौरान उसका प्रभाव अधिक मात्रा में दिखता है। तो दोस्तों आज जानेंगे, पीरियड्स में बेचैनी क्यों महसूस होती हैं।

पीरियड्स में बेचैनी क्यों महसूस होती है ? Period Me Bechaini Kyo ?

पीरियड्स में बेचैनी क्यों महसूस होती
पीरियड्स में बेचैनी क्यों महसूस होती

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं में बेचैनी अधिक मात्रा में महसूस होती है। बेचैनी महसूस होने के पीछे कई अलग-अलग तरह के कारण होते हैं। सबसे पहले, तो मासिक धर्म जब शुरू होता है; तब महिलाओं को तरह तरह के शारीरिक दर्द का अनुभव होता है।

शारीरिक दर्द का अनुभव होने पर महिलाएं कई बार थकावट और कमजोरी महसूस करती हैं। ऐसे में, घर के काम और बाहर की जिम्मेदारियां संभालने के लिए कई बार मासिक धर्म के दौरान महिलाएं असक्षम महसूस करती हैं। पीरियड आने से पहले हमारे शरीर में काफी सारे हार्मोनल बदलाव होते हैं। क्योंकि, अंडा इंप्लांट ना होने के कारण पीरियड्स शुरू हो जाते हैं और हार्मोन का स्तर अचानक से बदल जाता है।

हार्मोनल बदलाव तथा हार्मोन के लेवल का उतार चढ़ाव इस बेचैनी और चिंता का कारण बनता है। पीरियड आने के कुछ दिन पहले ही महिलाएं बेचैनी महसूस करने लगती है और अलग-अलग तरह के ख्याल उनके मन में आने लगते हैं। कई बार नेगेटिविटी आने के कारण स्ट्रेस भी आने लगता है।

तनाव आने के कारण ही महिलाओं में बेचैनी महसूस होने लगती है। हारमोंस में आए उतार-चढ़ाव ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर्स को प्रभावित करते हैं; जिस कारण मूड में बदलाव और चिंता, तनाव, बेचैनी जैसे अनुभव महिलाओं को आते हैं।

पीरियड्स में हो रही बेचैनी को रोकने के घरेलू उपाय : Period Me Baicheni Rokne Ke Gharelu Upay

पीरियड्स में हो रही बेचैनी को कम करने के लिए महिलाओं को अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव करने की जरूरत होती है। छोटे-छोटे बदलाव करने से ही पीरियड्स में हो रही बेचैनी के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

१) हाइजीन मेंटेन रखें –

मासिक धर्म के पहले दो से तीन  दिनों तक हेवी ब्लीडिंग होती है। हेवी ब्लीडिंग होने पर पेट में दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन होती हैं। लेकिन, उसी के साथ बार-बार पैड बदलना, पैड के गिलेपन की वजह से भी महिलाएं परेशान हो जाती है और बेचैनी महसूस करने लगती है। गर्मियों के दिनों में अक्सर पीरियड्स के दौरान पैड के गिलेपन से महिलाएं अधिक परेशान रहती है।

ऐसे में, सबसे पहले अपने हाइजीन को मेंटेन रखना चाहिए। हाइजीन मेंटेन रहेगी; तो बेचैनी कम महसूस होगी और इन्फेक्शन का खतरा भी कम होगा। हाइजीन को मेंटेन रखने के लिए पीरियड्स के दौरान एक अंतराल के बाद पैड का बदलना जरूरी होता है, योनि मार्ग की साफ सफाई जरूरी होती है और कॉटन के कंफरटेबल अंडरवियर पहनना भी जरूरी होता है।

२) संतुलित आहार –

पीरियड में अधिक ब्लीडिंग के कारण थकावट, कमजोरी महसूस होती है। ऐसे में, बेचैनी का अनुभव लाजमी होता है। पीरियड के दौरान बेचैनी को कम करने के लिए अपने आहार का ध्यान जरूर रखना चाहिए। अपने आहार में विटामिन डी युक्त पदार्थों का सेवन अवश्य करें; ताकि पीरियड के दौरान होने वाली जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन जैसी समस्याओं को नियंत्रित रखा जा सकता है।

अपने आहार में सभी प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर पदार्थों का सेवन करें। ताकि, आपके मस्तिष्क में हैप्पी हारमोंस सीक्रेट होने की क्षमता बढ़ पाए; जिससे आप खुश और शांत महसूस कर पाए। पीरियड के दौरान शरीर में पानी की कमी ना होने दें। सही मात्रा में पानी पीने से हमारे शरीर में संतुलन बना रहता है और बेचैनी को कम करने में मदद मिलती है।

३) लाइफस्टाइल में बदलाव –

पीरियड के दौरान दर्द का अनुभव करने पर महिलाएं अक्सर घर के बाहर निकलना टालती है। एक ही जगह पर रहने से हम बोरिंग महसूस करने लगते हैं; जिस कारण बेचैनी भी बढ़ जाती है। मासिक धर्म के दौरान हो रही बेचैनी को कम करने के लिए सुबह या शाम को टहलने जाए, हल्की सी वाकिंग करें, म्यूजिक सुनें, बुक्स पढ़े, चॉकलेट खाएं; जिससे आपका मूड अच्छा रहने में मदद मिलती है और बेचैनी कम होती है।

दोस्तों, महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान बेचैनी महसूस होना काफी आम बात होती है। मासिक धर्म तो हर महीने आती है; इसलिए महिलाएं इस चीज पर ध्यान देने से मुकर देती है। लेकिन, ऐसा नहीं करना चाहिए। पीरियड में हो रही बेचैनी आपको मानसिक रूप से भी हानिकारक होती है। इसीलिए, ऊपर दिए गए नुस्खों को आजमाएं और पीरियड्स के दौरान हो रही बेचैनी को कम करने में खुद की मदद करें।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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