नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप?, आज हम जानेंगे महिलाओं के योनि पीएच के बारे में जानकारी। हम सभी जानते हैं; कि महिलाओं के योनि का हिस्सा सबसे नाजुक, महत्वपूर्ण और संवेदनशील होता है। महिलाओं में वेजाइना का हिस्सा प्रकृति द्वारा बनाया गया सबसे अद्भुत हिस्सा होता है; जो महिलाओं के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

महिलाओं के योनि के हिस्से के जरिए ही धरती का जीवन चलता है और आगे बढ़ता है। जैसे कि हमने कहा; महिलाओं की योनि का हिस्सा प्रकृति द्वारा बनाया गया सबसे नायाब और अद्भुत हिस्सा होता है। इसलिए, वेजाइना का हिस्सा अपने आप ही खुद की साफ करने में सक्षम होता है।

योनि के हिस्से में विविध प्रकार के जीवाणु मौजूद होते हैं; जो अच्छे भी होते हैं और बुरे भी होते हैं। इन जीवाणुओ की वजह से ही योनि के पीएच का लेवल मेंटेन रहता है। अगर किसी कारणवश महिलाओं के वेजाइना के हिस्से में जीवाणुओं की संख्या कम या ज्यादा हो जाती है; तो महिलाओं के पीएच के लेवल में भी गड़बड़ी देखी जा सकती है।

महिलाओं के योनि का पीएच का लेवल मेंटल रहना उनके पूरे ही यौन एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। महिलाओं के योनि के पीएच लेवल में थोड़ी भी गड़बड़ी आ जाने पर उन्हें कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे कई कारण होते हैं; जिसकी वजह से महिलाओं के योनि का पीएच कम या ज्यादा हो सकता है।

लेकिन, महिलाओं की योनि के पीएच को मेंटेन करना महिलाओं के हाथों में ही होता है। स्वस्थ जीवन शैली और संतुलित आहार का सेवन अंदरुनी रूप से महिलाओं के योनि के स्वास्थ्य को बरकरार रखता है; जिससे महिलाओं के योनि का पीएच लेवल भी मेंटेन रखने में मदद मिल पाती है।

तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; महिलाओं के योनि के पीएच के बारे में पूरी जानकारी।

योनि पीएच लेवल क्या होता है ? Vagina PH Leval Kya hai ?

योनि पीएच लेवल क्या होता है
योनि पीएच लेवल क्या होता है

दोस्तों, महिलाओं के शरीर में ता उम्र बदलाव देखे जाते हैं। अंदरूनी रूप से होने वाले यह बदलाव कई बार महिलाओं के प्रजनन क्षमता पर भी बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। साथ ही, जनन अंगों का विकास उनका स्वास्थ्य कैसा होता है; यह बातें भी आपके शारीरिक, मानसिक एवं यौन स्वास्थ्य पर निर्भर होती है।

एक स्वस्थ महिला की वेजाइना का पीएच लेवल ३.७ से लेकर ४.५ के बीच का होता है महिलाओं के योनि का पीएच अम्लीय होता है; जिसमें अच्छे बैक्टीरिया पनपने के लिए एक अच्छा वातावरण होता है। बुरे बैक्टीरिया को पनपने के लिए अम्लीय योनि का पीएच अनुकूल नहीं होता है।

इसीलिए, महिलाओं के योनि के पीएच की सामान्य लेवल बरकरार रहने पर महिलाओं को योनि में किसी भी तरह का संक्रमण होने की आशंका लगभग ना के बराबर होती है। महिलाओं के योनि का स्वास्थ्य और बरकरार रखने के लिए महिलाओं के योनि का पीएच ३.७ से लेकर ४.५ के बीच में होना सामान्य और अच्छा भी माना जाता है।

४.५ से ऊपर पीएच की मात्रा बढ़ने पर बुरे बैक्टीरिया को पनपने में अनुकूल वातावरण तैयार हो जाता है; जिसके चलते योनि में यीस्ट इनफेक्शन, फंगल इनफेक्शन और बैक्टीरियल इनफेक्शन होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। योनि के सामान्य पीएच लेवल को बरकरार रखने के लिए महिलाओं को अपनी जीवनशैली और खानपान की आदतें मेंटेन करना भी आवश्यक होता है।

उचित जीवन शैली स्वस्थ, आहार की पद्धति और पोषक तत्वों से युक्त चीजों का सेवन महिलाओं के योनि के पीएच को बरकरार रखने में उनकी काफी हद तक मदद करते हैं। साथ ही, महिलाओं को अत्याधिक शारीरिक एवं मानसिक तनाव भी नहीं लेना चाहिए; ताकि अंदरुनी रूप से उनके योनि का स्वास्थ्य और योनि का पीएच लेवल बरकरार रह सके।

योनि पीएच लेवल बरकरार रखना क्यों जरूरी होता है ? Yoni ki PH Leval Maintain Rakhna

योनि पीएच लेवल बरकरार रखना
योनि पीएच लेवल बरकरार रखना

दोस्तों, महिलाओं के यौन स्वास्थ्य को पूरी तरीके से बरकरार रखने के लिए महिलाओं के योनि का स्वास्थ्य उचित होना बहुत ही आवश्यक होता है। योनि में किसी भी तरह की गड़बड़ी हो जाने पर महिलाओं को विभिन्न प्रकार के इंफेक्शन का सामना करना पड़ सकता है; जो यौन स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते हैं और इनकी वजह से आपका पूरा ही शारीरिक स्वास्थ्य खराब होने की आशंका बनी रहती है।

योनि का पीएच लेवल नियंत्रित रहने पर महिलाएं विविध प्रकार के फंगल इंफेक्शन, यीस्ट इंफेक्शन या बैक्टीरियल इंफेक्शन से योनि को सुरक्षित रख सकती है। ऐसा इसलिए होता है; क्योंकि महिलाओं के योनि के पीएच लेवल मेंटेन रहने पर वेजाइना में बुरे बैक्टीरिया पनपने की संभावना बिल्कुल भी नहीं बचती है; जिसके चलते उन्हें इंफेक्शन होने का खतरा लगभग ना के बराबर होता है।

साथ ही, योनि का पीएच लेवल में रहना योनि के पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। महिलाओं के योनि का हिस्सा बहुत ही संवेदनशील होता है। इसलिए, महिलाओं को योनि के हिस्से को साफ करने के लिए किसी भी बाहरी प्रोडक्ट या इंटिमेट हाइजीन वॉश का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। संवेदनशील होने की वजह से योनि के हिस्से में इस्तेमाल किए जाने वाले इन प्रोडक्ट की वजह से योनि में विविध प्रकार के परेशानियां उत्पन्न होने की आशंका बनी रहती है।

कई महिलाओं को योनि में विविध प्रकार के इंटिमेट हाइजीन वॉश का इस्तेमाल करने के बाद खुजली, जलन, रेडनेस, रैशेज, सफेद पानी जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, यह सारे ही प्रोडक्ट केमिकल युक्त होते हैं; जिनकी वजह से महिलाओं के योनि का पीएच लेवल कम या ज्यादा हो सकता है। योनि का पीएच लेवल प्रभावित होने की वजह से महिलाओं को इंफेक्शन का सामना करना पड़ सकता है।

पीएच लेवल कम होने पर क्या करें ? Yoni Ka PH Leval Kam Hone Par

योनि पीएच लेवल कम होने पर
योनि पीएच लेवल कम होने पर

योनि का पीएच लेवल कम होने पर या प्रभावित होने पर निम्नलिखित उपाय अपनाएं।

१) प्रोबायोटिक का सेवन –

छांछ, दही, केला जैसे रोजमर्रा की जिंदगी में खाए जाने वाले पदार्थों में भरपूर मात्रा में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं; जिनका सेवन करने से योनि के पीएच लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है और बरकरार रखने में भी मदद मिल पाती हैं। साथ ही, मार्केट में ऐसे कई कमर्शियल प्रोडक्ट्स को प्राप्त होते हैं; जो प्रोबायोटिक के रूप में बेचे जाते हैं और उस में प्रोबायोटिक के तत्व पाए जाते हैं। दरअसल, प्रोबायोटिक अच्छे बैक्टीरिया होते हैं; जो लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं। प्रोबायोटिक्स का सेवन करने से महिलाओं के वेजाइना के पीएच के लेवल को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

२) रेगुलर चेक अप –

योनि के पीएच का लेवल कम होने पर नियमित रूप से अपने गायनेकोलॉजिस्ट की मदद से रेगुलर चेकअप कराएं। ऐसा करने से आपको योनि के पीएच लेवल में कुछ बदलाव आते हैं; तो उसका पता लगता है।

साथ ही, रोजाना तौर पर किया गया चेकअप आपको योनि के पीएचके लेवल की गड़बड़ी की वजह से होने वाले विभिन्न प्रकार के संक्रमण से सुरक्षित रखने में भी मददगार साबित होता है। इसी के साथ, डॉक्टर द्वारा किए गए नियमित रूप से चेकअप के द्वारा आप उनकी निगरानी में रहते हैं और योनि के पीएच के लेवल को मेंटेन करने के लिए डॉक्टर भी प्रयत्नशील रहती है।

३) संतुलित आहार –

योनि के पीएच के लेवल को अंदरूनी रूप से ठीक करने के लिए आप अपने आहार को संतुलित बनाए रखें; इससे आपको जरूर मदद मिलती है। आप अपने आहार में सभी पोषक तत्व युक्त पदार्थों का नियमित रूप से और मर्यादित मात्रा में सेवन करें; ताकि आपका यौन स्वास्थ्य बरकरार रहे और योनि में पीएचके लेवल भी नियंत्रित रह सके। हरी सब्जियां, फल, पनीर, जूस, स्प्राउट, सलाद, साबुत अनाज, विविध प्रकार की दालों का सेवन करने से आपको अंदरुनी रूप से योनि की पीएच के लेवल को मेंटेन करने में मदद मिल पाती हैं।

४) एंटीबायोटिक्स का सेवन –

अत्यधिक मात्रा में किया गया एंटीबायोटिक्स का सेवन आपके योनि के हिस्से में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया के विरुद्ध काम करता है। इसीलिए, जरूरत ना होने पर अतिरिक्त एंटीबायोटिक्स का सेवन करने से बचे। डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी एंटीबायोटिक का सेवन या दवाई का सेवन अपने आप से बिल्कुल भी ना करें।

योनि के पीएच लेवल को सही रखने के लिए क्या करें ? Vagina PH Leval Sahi Rakhne Ke Liye

वेजाइना के पेशल के लेवल को सही बनाए रखने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाएं ।

१) कंडोम –

अगर महिलाएं गर्भधारणा नहीं चाहती है या बच्चा नहीं करना चाहती है; तो हमेशा सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें। असुरक्षित यौन संबंध बनाने से या बिना कंडोम के सेक्स करने से महिलाओं के योनि के अम्लीय वातावरण में बिगाड़ आ सकता है; जिसकी वजह से योनि के पीएच लेवल में गड़बड़ी हो जाती है। इन समस्याओं से दूर रहने के लिए और योनि के पीएच लेवल को सही बनाए रखने के लिए महिलाओं को शारीरिक संबंध बनाने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। आजकल तो मार्केट में फीमेल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले फीमेल कंडोम भी उपलब्ध है; महिलाएं उनका इस्तेमाल भी कर सकती है।

२) कॉटन अंडरवियर –

आजकल फैशन के चलते महिलाओं में सिंथेटिक कपड़े से बने अंडरवियर का इस्तेमाल का चलन काफी बढ़ गया है। इसी कारणवश, महिलाओं को योनि से संबंधी अनगिनत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। योनि का हिस्सा बहुत ही संवेदनशील होता है। ऐसे में, योनि के हिस्से की पीएच के लेबल को बरकरार रखने के लिए वेजाइना के हिस्से में प्राकृतिक वेंटीलेशन बनाए रखना अति आवश्यक होता है।

प्राकृतिक वेंटीलेशन को बनाए रखने के लिए महिलाओं को हमेशा ही कॉटन के अंडरवियर का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही, कॉटन के अंडरवियर पहनने से योनि में आए अतिरिक्त पसीने को भी अंडरवेयर सोख लेता है; जिससे योनि में बैक्टीरिया पनपने की आशंका नहीं बचती है और योनि में इन्फेक्शन होने से योनि सुरक्षित रह पाती है।

३) इंटीमेट हाइजीन प्रोडक्ट्स –

महिलाओं के योनि के हिस्से की सफाई योनि अपने आप ही कर लेती है। महिलाओं को योनि की सफाई करने के लिए अतिरिक्त किसी भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होती है। इसीलिए, महिलाओं को योनि के हिस्से को साफ करने के लिए नहाते वक्त सिर्फ हल्के गुनगुने पानी की मदद से हल्के हाथों से योनि को साफ करना ही पर्याप्त होता है।

महिलाएं योनि को साफ करने के लिए केमिकल युक्त इंटिमेट हाइजीन वॉश प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से बचे; जो केमिकल युक्त होते हैं। इन केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से योनि के पीएच का लेवल कम या ज्यादा हो जाता है; जिससे महिलाओं को इंफेक्शन होने की संभावनाएं बनी रहती है। इसीलिए, ऐसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से बचे और योनि के पीएच को बरकरार रखें।

योनि का पीएच बैलेंस प्राकृतिक रूप से कैसे बनाए रखें ? Yoni Ka PH Balance

योनि के पीएच बैलेंस को प्राकृतिक रूप से बनाए रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं।

१) तनाव –

अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक तनाव की वजह से भी वेजाइना के पीएच लेवल में गड़बड़ी आ सकती है। क्योंकि, अत्याधिक तनाव लेने की वजह से शरीर में कोर्टिसोल का उत्पादन अधिक होता है; जिसकी वजह से योनि का पीएच लेवल बाधित होता है। तनाव से बचने के लिए और तनाव को मैनेज करने के लिए महिलाएं मेडिटेशन, योगा, वाकिंग, एक्सरसाइज जैसी अच्छी प्रैक्टिस का पालन कर सकती है। साथ ही, तनाव को कम करने के लिए महिलाएं अपनी मनपसंद चीजें या हॉबीज कर सकती है।

२) चीनी का सेवन –

योनि के पीएच लेवल को प्राकृतिक रूप से बनाए रखने के लिए अपने आहार में चीनी का कम से कम सेवन करने की कोशिश करें। आजकल भूख लगने पर हम पिज़्ज़ा, बर्गर या कोल्ड ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक, इंस्टेंट फूड, नूडल्स जैसे पदार्थों का सेवन ऐसे ही कर लेते हैं। लेकिन, इन सारे ही पदार्थों में शुगर अधिक मात्रा में होती हैं; जो हमारे शरीर के लिए घातक होती है। साथ ही, अतिरिक्त चीनी की वजह से योनि के पीएच लेवल में गड़बड़ी आ जाती है; जो आपके यौन स्वास्थ्य को बिगाड़ कर रख देता है। इसीलिए चीनी का सेवन कम करने की कोशिश करें।

३) मेंस्ट्रूएल हाइजीन –

मासिक धर्म के दौरान होने वाली ब्लीडिंग का पीएच थोड़ा क्षारीय होता है; जिसकी वजह से आपके योनि के पीएच की लेवल बढ़ सकती हैं। इसीलिए, मासिक धर्म के दौरान मेंस्ट्रूअल हाइजीन की पूरी सावधानी बरतें और मासिक धर्म के दौरान योनि के पीएच लेवल को प्राकृतिक रूप से बनाए रखने की कोशिश करें। योनि के पीएच लेवल को मासिक धर्म के दौरान मेंटेन रखने के लिए समय-समय पर सेनेटरी पैड, टेंपोन, मेंस्ट्रूअल कप समय-समय पर बदलते रहे।

४) नशे से दूर रहें –

शराब, धूम्रपान या अन्य नशीली चीजों का सेवन रूप से आपके यौन स्वास्थ्य को काफी हद तक प्रभावित करता है। इसीलिए, योनि के पीएच को मेंटेन करने के लिए महिलाओं को शराब, धूम्रपान जैसी गलत आदतों का परहेज करना होगा और अच्छी आदतों का पालन करना होगा।

योनि का पीएच संतुलन बनाए रखने के लिए किन चीजों से बचना चाहिए ? Yoni Ka PH Santulan Banaye Rakhne Ke Liye :

दोस्तों, किसी भी बीमारी का इलाज करवाने से बेहतर है; कि वह बीमारी आपको हो ही ना और आप उसे बचे रहे। इसके लिए आप विविध प्रकार से प्रयत्नशील रह सकते हैं। योनि के पीएच को लेवल को संतुलित बनाए रखने के लिए महिलाओं को निम्नलिखित चीजों से परहेज करना चाहिए।

  1. वेजाइना के पीएच को बैलेंस करने के लिए महिलाओं को वेजाइना के हिस्से में किसी भी प्रकार के केमिकल युक्त प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  2. वेजाइना में लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करने से बचें; इससे योनि में पीएच की लेवल में गड़बड़ी आ जाती है और सूजन की समस्या पैदा हो जाती हैं।
  3. वेजाइना के हिस्से में इंफेक्शन से बचे रहने के लिए और वेजाइना के पीएच को बैलेंस रखने के लिए हमेशा कॉटन के अंडरवियर का इस्तेमाल करें। साथ ही, भीगे हुए कपड़ों को तुरंत बदले और साफ-सुथरे कपड़े पहने।
  4. अत्यधिक एंटीबायोटिक्स का सेवन ना करें; इससे आपके वेजाइना के पीएच की लेवल में गड़बड़ी आ जाती है।
  5. योनि में किसी भी तरह का इन्फेक्शन (बैक्टीरियल, फंगल या यीस्ट), जलन, खुजली, लालिमा, रैशेज, सफेद पानी की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर का इलाज करवा कर इंफेक्शन ठीक करवाएं।
  6. सेक्स टॉयज का इस्तेमाल करते हुए अपने योनि का ध्यान रखें। इसी के साथ, इस्तेमाल किए गए सेक्स टॉयज किसी के साथ भी शेयर करने से बचें।
  7. योनि के हिस्से में अत्याधिक डूशिंग करने से योनि के पीएच लेवल में गड़बड़ी आ जाती है; इसीलिए योनि के हिस्से डुशिंग करने से बचें।
  8. योनि के हिस्से में इंफेक्शन होने पर घरेलू इलाज अपनाने से पहले दो बार जरूर सोचे। क्योंकि, योनि का हिसाब होती संवेदनशील होता है; इसीलिए इस हिस्से में इंफेक्शन होने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार इलाज करवाना ही उचित माना जाता है।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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