नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? आजकल की बदली हुई जीवनशैली और खराब दिनचर्या के चलते लोगों को कई सारे विकार उत्पन्न होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। कोई भी समस्या होने पर हम डॉक्टर के पास जाकर ट्रीटमेंट करवाते हैं; जो कि एक बहुत ही अच्छा विकल्प होता है। आज के इस लेख में हम आपको वेजाइना में यीस्ट इंफेक्शन होने पर क्या करे ? इस जटिल विषय के बारे में बात करने वाले है |
आजकल की बदली हुई जीवनशैली के तहत महिलाएं भी प्रोफेशनल जॉब में मर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। कई बार महिलाएं काम में इतने व्यस्त हो जाती हैं; कि उनको अपने सेहत का ख्याल रखने का भी वक्त नहीं मिल पाता है।
घर की जिम्मेदारी, बच्चों की देखभाल और प्रोफेशनल जॉब की जिम्मेदारियां संभालते संभालते महिलाओं को खुद का ख्याल रखने के लिए टाइम नहीं मिल पाता है। लेकिन, इसी कारणवश महिलाओं के शरीर में कई सारे अनचाहे बदलाव होते हैं और उन्हें कई प्रकार के रोग होने का खतरा रहता है।
हम सभी जानते हैं; कि महिलाओं के शरीर में हर महीने हार्मोनल बदलाव होते हैं; जो अंदरूनी रूप से महिलाओं के लिए कुछ समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक होता है, वेजाइनल यीस्ट इनफेक्शन। योनि में जलन और खुजली पैदा करने वाला यह. इंफेक्शन महिलाओं को काफी परेशान कर देता है।
अगर महिलाएं योनि की ठीक तरीके से साफ सफाई नहीं करती है; तो वेजाइनल यीस्ट इनफेक्शन होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। इस यह इंफेक्शन होने के बाद महिलाओं को योनि में जलन, खुजली तथा दर्द का अनुभव होता है। इस समस्या का हल पाने के लिए महिलाओं को डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है।
तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; वेजाइनल यीस्ट इनफेक्शन के बारे में पूरी जानकारी।
वेजाइना में यीस्ट इंफेक्शन क्या होता है ? Vaginal yeast infection Kya hota hai ?
आमतौर पर, महिलाओं के गले, मुंह और योनि में कैंडिडा एलबिकंस नामक यीस्ट फंगस पाया जाता है। इन हिस्सों में कैंडिडें एलबिकंस का सामान्य स्तर किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता है। लेकिन, जैसे-जैसे कैंडिडा की वृद्धि होती जाती है; वैसे वैसे इंफेक्शन बढ़ते जाता है और योनि में पाए जाने वाले टिशूज को नुकसान पहुंचाता है।
कैंडिडा एल्बिकन्स की वृद्धि के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं। जैसे; योनि के पीएच में गड़बड़ी होना, शरीर में हार्मोनल बदलाव होना आदि। योनि में इन्फेक्शन होने की वजह से जलन, खुजली, बदबूदार स्राव, सफेद पानी जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
वेजाइनल यीस्ट इनफेक्शन का योनि के स्वास्थ्य के ऊपर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और तुरंत इसके लिए उपचार करवाना आवश्यक होता है। वेजाइनल यीस्ट इनफेक्शन को “वजायनाल कैंडीडायसिस” भी कहा जाता है।
यीस्ट इन्फेक्शन होने की वजह से महिलाओं को योनि के क्षेत्र में काफी असहजता महसूस होती है और कभी-कभी इन्फेक्शन बढ़ने पर रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कतें उत्पन्न हो जाती हैं।
कभी-कभी यह इंफेक्शन इतना तेज होता है; कि महिलाओं के योनि में सफेद रंग के निशान पड़ जाते हैं। हर महिला जिंदगी में किसी ना किसी पड़ाव पर वेजाइनल यीस्ट इनफेक्शन का सामना करती ही है।
वेजाइना में यीस्ट इंफेक्शन होने के कारण : Vagina me Yeast Infection Hone Ke Karan :
निम्नलिखित कारणों की वजह से महिलाओं को वेजाइनल फंगल इन्फेक्शन का सामना करना पड़ता है।
१) इंटीमेट हाइजीन वॉश –
आजकल के दौर में महिलाएं योनि की सफाई करने के लिए केमिकल युक्त वजाइनल इंटिमेट वॉश का इस्तेमाल करने लगी है। लेकिन, इनमें मौजूद केमिकल प्रोडक्ट्स की वजह से वजाइना के पीएच में बदलाव आने की संभावना रहती है।
अगर वजाइना के पीएच में थोड़ी भी गड़बड़ी हो जाए; तो फंगल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। आजकल के दौर में इंटिमेट हाइजीन वॉश का इस्तेमाल वजाइना में फंगल इन्फेक्शन होने का एक बड़ा कारण माना जाता हैं।
२) इंटिमेट हाइजीन ना रखना –
कई बार कुछ महिलाएं ठीक तरीके से योनि की सफाई नहीं करती हैं; जिसकी वजह से योनि में बैक्टीरिया पनपने की संभावना बढ़ जाती हैं। योनि का क्षेत्र हमेशा कपड़ों से ढका होता है।
सिंथेटिक अंडरवेयर का इस्तेमाल करने से योनि के आसपास के क्षेत्र में पसीना रहता है और पसीने की वजह से बैक्टीरिया पनपने लगते हैं; जो योनि में इन्फेक्शन का कारण बनते हैं। ऐसे में, अगर महिलाएं रोजाना नहाते समय हल्के गुनगुने पानी के मदद से योनि की सफाई नहीं करती हैं; तो उनको योनि में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।
३) हार्मोनल परिवर्तन –
महिलाओं के शरीर में ताउम्र हार्मोन के बदलाव देखे जाते हैं। मेनोपॉज, गर्भावस्था, स्तनपान कराने वाला दौर जैसे कई दौर से गुजरते हुए महिलाओं के शरीर में हारमोंस के ढेरों परिवर्तन देखे जाते हैं। आजकल बहुत सारी महिलाएं अनचाहे गर्भावस्था से छुटकारा पाने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं; जिनकी वजह से भी शरीर में हार्मोन के बदलाव देखे जाते हैं। हार्मोनल परिवर्तन होने की वजह से भी महिलाओं के योनि में फंगल इन्फेक्शन होने की संभावना रहती है।
४) मेडिसिन का सेवन –
विभिन्न प्रकार की बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए महिलाओं को एंटीबायोटिक तथा अन्य प्रकार की दवाइयों का सेवन करना पड़ता है। अत्याधिक एंटीबायोटिक का सेवन करने से शरीर में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया की संख्या कम होने लगती हैं और महिलाओं के योनि क्षेत्र में अनियंत्रित तरीके से यीस्ट बढ़ने लगता है। इसी वजह से, वह महिलाओं के योनि क्षेत्र के यीस्ट इन्फेक्शन का कारण बनता है।
५) बीमारियां –
आजकल महिलाएं थायराइड, मधुमेह, हाय बीपी, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मोटापा जैसी बीमारियों से ग्रसित हो रही है। इन बीमारियों के कारण भी महिलाओं के योनि क्षेत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है और अंदरूनी ने रूप से योनि में इन्फेक्शन का कारण बनता है। मधुमेह और हाई बीपी की स्थिति महिलाओं में यीस्ट पनपने के लिए एक अच्छा वातावरण माना जाता है।
६) इम्यूनिटी –
शरीर में किसी भी प्रकार के विकार से लड़ने के लिए हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन, शरीर में मौजूद प्रतिरक्षा प्रणाली ही कमजोर हो; तो हम किसी भी संक्रमण से लड़ने में सक्षम नहीं रहते हैं और कमजोर पड़ जाते हैं। महिलाओं के योनि क्षेत्र में फंगल इंफेक्शन होने का बड़ा कारण कमजोर इम्यूनिटी भी माना जाता है।
वजाइना में फंगल इन्फेक्शन होने पर घरेलू उपाय : Vagina me Fungal Infection :
निम्नलिखित घरेलू उपायों को अपनाकर महिलाएं योनि के फंगल इंफेक्शन के लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकती हैं।
१) नारियल तेल –
त्वचा संबंधित समस्याओं का निवारण करने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल काफी पुराने जमाने से होता आ रहा है। नारियल के तेल में एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल तथा अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं; जो कैंडिडा कवक को नष्ट करने में प्रभावी होते हैं।
अध्ययन के अनुसार, योनि में यीस्ट इन्फेक्शन होने पर नारियल तेल का इस्तेमाल करने से काफी फायदा देखने को मिलता है। अगर महिलाओं को योनि में यीस्ट इन्फेक्शन की समस्या हो रही हैं; तो उनको दिन में दो से तीन बार नारियल के तेल को योनि के क्षेत्र पर लगाना चाहिए। जब तक आपके इंफेक्शन में थोड़ा सुधार ना हो जाए; तब तक आप नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं।
२) टी ट्री ऑयल –
एक कप पानी में टी ट्री ऑयल डालकर उसमें एक चम्मच ऑलिव ऑयल मिलाए। इस मिश्रण को योनि के प्रभावित क्षेत्र पर दिन में दो से तीन बार लगाएं। टी ट्री ऑयल में प्राकृतिक एंटीफंगल तत्व पाए जाते हैं; जो योनि में हुए इंफेक्शन से राहत दिलाने में सक्षम होते हैं।
आप अगर गर्भवती हैं; तो योनि के इंफेक्शन के लिए ट्री ट्री ऑयल का इस्तेमाल करने से बचें। क्योंकि, टी ट्री ऑयल में मौजूद कुछ तत्व गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य के ऊपर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं।
३) सेब का सिरका –
सेब के सिरके में भी एंटी फंगल तत्व पाए जाते हैं। लेकिन, इसे सीधा योनि के क्षेत्र पर लगाने के बजाय; आप इसका दिन भर में दो से तीन बार सेवन कर सकते हैं। सेब के सिरके का सेवन करने से अंदरुनी रूप से वेजाइनल यीस्ट इन्फेक्शन से राहत पाने में मदद मिल पाती है।
४) तुलसी –
आयुर्वेद में तुलसी को सर्वोपरि स्थान दिया गया है। तुलसी में कई सारे औषधीय तत्व पाए जाते हैं। तुलसी में पाए जाने वाले एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक गुण स्किन पर हुए किसी भी इंफेक्शन से राहत दिलाने में सक्षम होते हैं। योनि में हुए इस इंफेक्शन से छुटकारा पाने के लिए तुलसी के पत्तों का प्रयोग काफी असरदार साबित होता है। तुलसी के पत्तों को धोकर योनि के प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और हल्के से रगड़े। तुलसी के पत्तों की चाय बनाकर उसमें सूती कपड़ा भिगोकर योनि के प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से भी योनि में हुए इंफेक्शन से राहत मिल पाती है।
५) दही –
दही को एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक के रूप में देखा जाता है। प्रोबायोटिक के रूप में इसका सेवन करने से अंदरुनी रूप से शरीर को कई सारे स्वास्थ्यवर्धक लाभ मिलते हैं।
योनी में हुए यीस्ट इंफेक्शन से छुटकारा पाने के लिए दही का सेवन करने से काफी लाभ देखने को मिलते हैं। दही में अच्छे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं; जो शरीर में जाकर मौजूदा बैक्टीरिया के सामान्य संतुलन और स्तर को नियंत्रित करने में सक्षम होते हैं।
इसीलिए, दही का सेवन योनि में हुए खमीर संक्रमण से राहत दिलाता है। दही को सीधे तौर पर योनि के प्रभावित हिस्से पर भी लगाया जा सकता है। लेकिन, योनि पर सीधे दही का प्रयोग करने से पहले किसी चिकित्सक से उचित परामर्श जरूर ले। लेकिन, आप रोजाना खाने के साथ दही का सेवन कर सकते हैं; यह आपके पूरे ही स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है और योनि के इन्फेक्शन को भी दूर करने में लाभदायक होता है।
वेजाइना में यीस्ट इंफेक्शन के मेडिसिन का नाम क्या है ? Vagina Me Yeast Infection ki Medicine :
वेजाइनल इंफेक्शन की शिकायत लेकर जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं; तब डॉक्टर के योनि की का परीक्षण कर सकते हैं। महिलाओं के योनि का परीक्षण करने के बाद डॉक्टर स्थिति की गंभीरता के अनुसार दवाइयों का सेवन करने की सलाह देते हैं।
सबसे पहले, तो डॉक्टर योनि की ठीक तरीके से साफ सफाई करने की सलाह देते हैं; ताकि इंफेक्शन का बचाव तथा नियंत्रण पाने में आप सफल हो पाए। इसी के साथ, डॉक्टर एंटीफंगल दवाइयों का सेवन करने की सलाह देते हैं।
योनि में हुए यीस्ट इनफेक्शन को पूरी तरीके से ठीक करने में डॉक्टर की दवाइयों के साथ-साथ, महिलाओं को योनि की समय समय पर ठीक तरीके से सफाई अवश्य करनी चाहिए। स्वयं की देखभाल और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का सेवन योनि में हुए फंगल इनफेक्शन का पूरी तरीके से इलाज करने में बहुत ही आवश्यक होते हैं।
एंटीफंगल दवाइयां मौखिक रूप से सेवन करने लायक दवाइयां होती है। फ्लूकोनाजोल, एब्रेक्साफैंगर्प जैसी एंटीफंगल दवाइयां “ओवर द काउंटर” मेडिसिन के रूप में उपलब्ध होती है; जो आसानी से योनि के इन्फेक्शन को ठीक करने में प्रभावी मानी जाती हैं।
इसी के साथ, डॉक्टर योनि पर सीधे रूप से लगाने के लिए एंटीफंगल क्रीम भी लिख कर देते हैं और इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। एंटी फंगल क्रीम जैसे क्लोट्रिमाजोल या मिकोनाजोल जैसे एंटीफंगल क्रीम का इस्तेमाल करने की भी सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है। यह तो हो गई सामान्य स्थिति की महिलाओं के बारे में बात।
अगर महिला गर्भावस्था के दौर से गुजर रही है और उस दौर में उनको योनि में इन्फेक्शन हो जाता है; तो सबसे पहले गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए और उन्हीं के परामर्श के अनुसार किसी भी दवाई का सेवन या योनि में लगाने के लिए किसी भी दवाई का इस्तेमाल करना चाहिए।
वेजाइना में यीस्ट इंफेक्शन की आयुर्वेदिक दवा की जानकारी – Yoni me Infection Ki Ayurvedic Dawa :
निम्नलिखित आयुर्वेदिक दवाइयों का सेवन महिलाओं के योनि में होने वाले खमीर संक्रमण को जड़ से ठीक करने में प्रभावी माना जाता है।
१) दारुहरिद्रा –
महिलाओं के योनि में होने वाले इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए और उससे छुटकारा पाने के लिए दारु हरिद्रा नामक जड़ी बूटी का सेवन करने से काफी लाभ देखने को मिलता है। इस जड़ी बूटी में एंटीफंगल तत्व पाए जाते हैं; जो फंगल इंफेक्शन को जड़ से नष्ट करने में प्रभावी माने जाते हैं। दारू हरिद्रा जड़ी बूटियां औषधि का सेवन डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार करना चाहिए। दारूहरिद्र औषधि पेस्ट, काढ़ा, पाउडर या औषधीय घी के रूप में उपलब्ध होती है। इसीलिए, इसका सही तरीके से इस्तेमाल और सही रूप में इस्तेमाल करने की सलाह आपको आयुर्वेदिक चिकित्सक ठीक तरीके से दे सकते हैं।
२) निम्बा-
तीखे स्वाद वाली औषधि जीवाणुरोधी और फंगल रोधी गुणों से युक्त होती है। अर्क, काढ़ा, औषधीय घी और तेल के रूप मैं उपलब्ध होने वाली यह औषधि डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए। फंगल विरोधी गुण होने के कारण महिलाओं के योनि में होने वाले फंगल इनफेक्शन का इलाज करने के लिए इस दवाई का सेवन करने से काफी फायदा देखने को मिलता है। इस दवाई का सेवन करने के बाद महिलाओं के योनि में फंगस की ग्रोथ को नियंत्रित किया जा सकता है और उसे बढ़ने से रोका जा सकता है।
३) मंजिष्ठा-
मंजिष्ठा पाउडर, काढ़ा आदि रूप में उपलब्ध होती है। एंटीफंगल तत्व होने के कारण मंजिष्ठा का सेवन करने से फंगल इंफेक्शन से छुटकारा पाया जा सकता है। मंजिष्ठा का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार या किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार करना उचित माना जाता है। मंजिष्ठा का सही तरीके से किया गया सेवन महिलाओं के योनि में होने वाले फंगल इन्फेक्शन को रोकने में और उसका इलाज करने में प्रभावी माना जाता है।
४) लहसून-
विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व, यौगिक तत्व, और औषधीय तत्वों से युक्त लहसुन का सेवन हमारे भारतीय घरों में लगभग रोजाना तौर पर किया जाता है। लेकिन, अगर महिलाओं को योनि में इन्फेक्शन की समस्या है; तो उनको दो से चार लहसुन की कच्ची कलियों का सेवन अवश्य करना चाहिए। लहसुन में पाए जाने वाले जीवाणु रोधी और एंटीफंगल तत्व योनि में हुए फंगल इन्फेक्शन का इलाज करने में अंदरूनी रूप से मदद करते हैं।
५) ब्राह्मी –
आयुर्वेद में ब्राह्मी को बहुत बड़ा स्थान दिया गया है। ब्राह्मी जड़ी-बूटी शक्तिवर्धक एवं ऊर्जा वर्धक होती है। इसीलिए, अगर किसी की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है; तो उसे ब्राह्मी का सेवन करने की सलाह दी जाती है। औषधीय घी, अर्क, काढ़ा, तेल या पाउडर आदि रूपों में उपलब्ध होने वाली ब्राह्मी जड़ी-बूटी एवं औषधि महिलाओं के योनि में होने वाले फंगल इंफेक्शन से छुटकारा दिलाने में भी मददगार होती है। ब्राह्मी का सेवन करने से महिलाओं के लिस्ट योनि में हुए खमीर संक्रमण से छुटकारा मिल सकता है। ब्राह्मी जड़ी-बूटी का सेवन ना सिर्फ कैंडीडायसिस को बढ़ने से रोकता है; बल्कि शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाता है; जिसकी वजह से हम किसी भी विकार से लड़ने में सक्षम बन पाते हैं।
तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह वेजाइना में यीस्ट इंफेक्शन का ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।