नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? आज का आर्टिकल होने वाला है, महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर सबसे ज्यादा कब होती है ? इस विषय के बारे में । दोस्तों, सेक्स हम सभी की जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण और अहम हिस्सा माना जाता है। शारीरिक संबंध बनाने की प्रक्रिया के जरिए दो अनजान लोग एक दूसरे से करीब आते हैं और जीवन भर के लिए भावनात्मक जुड़ाव से बंध जाते हैं।

साथ ही, सेक्स की प्रक्रिया के जरिए ही दो लोग माता पिता बनने की खुशी को प्राप्त करते हैं। हालांकि, शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा या सेक्सुअल डिजायर कई कारकों पर निर्धारित की जाती है। जैसे; व्यक्ति की उम्र, उसका लिंग, सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन, उसकी मेडिकल हिस्ट्री, उसके रिश्तो की स्थिति तथा व्यक्तिगत जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव जैसे अनगिनत कारकों पर व्यक्ति का सेक्सुअल लाइफ निर्भर होता है।

महिलाओं में और पुरुषों में सेक्सुअल डिजायर पाया जाता है; परंतु दोनों में सेक्सुअल डिजायर एक-दूसरे से काफी अलग होता है । सेक्सुअल डिजायर या लिबिडो का संबंध यौन इच्छा से होता है। मानव शरीर का सेक्सुअल डिजायर उसके मस्तिष्क में सेक्स से संबंधित सेंटर और सेक्स हार्मोन से प्रभावित होता है।

परंतु, पिछले कुछ सालों से अतिरिक्त शारीरिक एवं मानसिक तनाव, बिगड़ी हुई जीवनशैली, डिप्रेशन, शारीरिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं, रिश्तो में अनबन, यौन स्वास्थ्य में कमी जैसे अनगिनत कारणों की वजह से महिलाओं में और पुरुषों में कामेच्छा की कमी देखी जा रही है। काफी कम उम्र में आने वाली कामेच्छा की कमी महिलाएं तथा पुरुष दोनों को ही परेशान कर देती है।

क्योंकि, इसका सीधा असर उनके सेक्स लाइफ पर होता है। महिलाओं में खासतौर पर पूरे ही जीवन भर शरीर में हार्मोन परिवर्तन देखे जाते हैं; जिसके चलते उनका यौन जीवन काफी हद तक प्रभावित हो जाता है।

तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; महिलाओं में सेक्सुअल डिजायर के बारे में पूरी जानकारी।

सेक्सुअल डिजायर क्या होता है ? Sexual Desire Kya Hota Hai ?

सेक्सुअल डिजायर क्या होता है
सेक्सुअल डिजायर क्या होता है

दोस्तों, सेक्सुअल डिजायर, सेक्स ड्राइव या लिबिडो व्यक्ति की यौन इच्छा को दर्शाता है और कामेच्छा के रूप में जाना जाता है। सेक्सुअल डिजायर एक बहुत ही सामान्य भावना होती हैं; जिसे हर कोई अनुभव कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति बच्चे पैदा करना चाहता हो या नहीं चाहता हो; फिर भी उसके मन में यौन इच्छा जागृत जरूर होती है और यह बहुत ही प्राकृतिक प्रक्रिया होती है।

सेक्सुअल डिजायर या कामेच्छा हमारे शरीर में मौजूद सेक्स हार्मोन तथा मस्तिष्क में सेक्स संबंधित केंद्र से प्रभावित होता है। महिलाओं में और पुरुषों में सेक्सुअल डिजायर एक-दूसरे से काफी अलग पाए जाते हैं। महिलाओं में पूरे ही उम्र भर सेक्सुअल डिजायर में कभी भी कमी आ सकती है या कभी भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती हैं।

सेक्सुअल डिजायर महिलाओं के उम्र के हिसाब से कम या ज्यादा होती रहती है। साथ ही, महिलाओं के शरीर में ता उम्र बदलाव देखे जाते हैं; जिसमें मुख्य तौर पर हारमोंस के परिवर्तन होते हैं और हार्मोन में परिवर्तन होने पर महिलाओं का यौन जीवन काफी हद तक प्रभावित हो जाता है।

महिलाओं में सेक्सुअल डिजायर कितनी उम्र से बढ़ने लगता है ? Mahila Ki Sexual Desire Kitni Umra Tak Badhne Lagti hai ?

दोस्तों, एक महिला के जीवन में सामाजिक, भावनिक, शारीरिक और मानसिक रूप से कई सारे बदलाव आते रहते हैं। उम्र के हर पड़ाव पर शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन के साथ एडजस्ट करते हुए महिलाओं को काफी परेशानियों का भी अनुभव होता है। हर महिला का सेक्सुअल डिजायर उसके निजी अनुभव, उसका निजी जीवन, उसका शारीरिक स्वास्थ्य, यौन स्वास्थ्य, उसकी उम्र तथा सामाजिक जीवन पर निर्भर होता है।

हर महिला को हर उम्र में अलग तरह का सेक्सुअल डिजायर अनुभव करने को मिल सकता है। क्योंकि, कोई भी महिला सेक्सुअल उत्तेजना के लिए उम्र से बंधी नहीं होती हैं। कई ऐसी महिलाएं होती हैं; जिन्हें कम उम्र में ही कामेच्छा की कमी सताने लगती है। वहीं दूसरी ओर, कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं; जिन्हें ४० से ५० की उम्र के बाद भी सेक्स करने की इच्छा जोरों पर होती है।

आमतौर पर, १८ से ३५ की उम्र के बीच की महिलाओं में सेक्सुअल डिजायर सबसे अधिक पाया जाता है, कुछ वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं; कि बढ़ती उम्र के साथ भले ही महिलाओं की फर्टिलिटी घटती हो; परंतु उसमें सेक्सुअल डिजाइन बढ़ता ही रहता है। हालांकि, यह स्पष्ट बिल्कुल भी नहीं है; कि ऐसा क्यों होता है। परंतु, कई महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ सेक्सुअल डिजायर में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती हैं।

बढ़ती उम्र के साथ शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन महिलाओं के सेक्सुअल डिजायर को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। साथ ही, हर महिला का शरीर एक दूसरे से अलग होता है और उनके शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन भी एक-दूसरे से काफी अलग पाए जाते हैं। इसीलिए, यह कहना बहुत ही कठिन हो जाता है; कि किस महिला की किस उम्र में उसकी सेक्सुअल डिजायर कितनी होगी?

महिलाओं में सेक्सुअल डिजायर सबसे ज्यादा कम किस उम्र में होती हैं ? Sexual Desire Sabse Jyada Kam Kab Hoti hai ?

दोस्तो, ४०-५० की उम्र में महिलाएं मेनोपॉज के दौर से गुजर रही होती हैं। ऐसे में, उनके शरीर में तीव्र गति से हार्मोनल परिवर्तन देखे जाते हैं। इस उम्र की महिलाओं में एस्ट्रोजन की मात्रा कम होती हैं; जिसके चलते उनके शरीर में यौन इच्छा की कमी देखी जाती है। साथ ही, इस उम्र में आने तक कई महिलाएं डिप्रैशन और अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से भी घिर जाती हैं।

इसी कारणवश, महिलाओं में ४० की उम्र के बाद सेक्सुअल डिजायर में कमी देखने को मिलती हैं। साथ ही, कई महिलाओं में सैक्सुअल डिजायर में कमी आने के अन्य कारण भी मौजूद होते हैं। जैसे; घर और ऑफिस की जिम्मेदारियां, स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं, मानसिक तनाव तथा सामाजिक जीवन जैसे कारणों की वजह से भी महिलाओं में सेक्सुअल डिजायर की कमी हो सकती है।

सेक्सुअल डिजायर को बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए ? Sexual Desire Badhane Ke Liye Kya Karna Chahiye ?

सेक्सुअल डिजायर को बढ़ाने के लिए
सेक्सुअल डिजायर को बढ़ाने के लिए

प्राकृतिक तरीके से अपने सेक्सुअल डिजायर को बढ़ाने के लिए महिलाएं निम्नलिखित घरेलू उपायों को अपना सकती हैं।

१) बेहतर खानपान –

आजकल की बिगड़ी हुई खानपान की पद्धति की वजह से भी कई महिलाओं में कम उम्र में ही कामेच्छा की कमी देखी जाती हैं; जिसका सीधा असर उनके यौन जीवन पर पड़ता है। ऐसे में, अपने खानपान की पद्धति को उचित बनाकर तथा अपने आहार में विशिष्ट प्रकार के पोषक तत्वों से युक्त पदार्थों का समावेश करके महिलाएं प्राकृतिक तरीके से अपने शरीर में सेक्सुअल डिजायर को बढ़ा सकते हैं।

सेक्सुअल डिजायर को बढ़ाने के लिए महिलाएं विभिन्न प्रकार की दाले, सभी प्रकार की हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, फलों के जूस, पनीर, मछली, अंडे, दही, स्प्राउट, साबुत अनाज, ड्राई फ्रूट्स, सलाद जैसे पोषक तत्वों से युक्त पदार्थों का समावेश अवश्य करें।

साथ ही; अनार का जूस, तरबूज, केला, अंगूर, सेब जैसे विशिष्ट प्रकार के फल खाने से महिलाओं में यौन प्रदर्शन में काफी बढ़ोतरी देखने को मिलती हैं। इसी के साथ, महिलाएं लहसुन की कच्ची कलियों का सेवन भी कर सकती हैं; जिससे प्राकृतिक तरीके से उनके कामेच्छा की वृद्धि होती है।

२) योग प्राणायाम –

प्राकृतिक तरीके से अपने सेक्सुअल डिजायर को बढ़ाने के लिए तथा यौन प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए महिलाएं रोजाना तौर पर योगासन तथा प्राणायाम का अभ्यास कर सकती हैं। विविध प्रकार के योगासन जैसे; तितली आसन, सर्वांगासन, हलासन, पश्चिमोत्तानासन, भुजंगासन, मकरासन, धनुरासन जैसे आसनों का रोजाना तौर पर किया गया अभ्यास महिलाओं के जननांगों में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और जननांग की मांसपेशियों में मजबूत दिलाता है। ऐसा होने पर महिलाओं के कामेच्छा में वृद्धि होती है। साथ ही; भस्त्रिका, भ्रामरी, अनुलोम विलोम, उज्जाई, कपालभाति जैसे प्राणायाम का अभ्यास करने से महिलाओं के यौन तंत्रिकाओं पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और उनके यौन प्रदर्शन में सुधार देखने को मिलता है।

३) तनाव –

कई महिलाएं अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक तनाव के चलते अपने यौन जीवन को खुद ही बर्बाद कर लेती है। आजकल तनाव के साथ जीवन पद्धति को अपनाना काफी जरूरी हो गया है। तनाव हर किसी के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है; जिसके साथ रहने की कला हमें सीखने की जरूरत है। तनाव को मैनेज करने के लिए तथा तनाव मुक्त रहने के लिए महिलाएं रोजाना तौर पर ध्यान धारणा तथा मेडिटेशन जैसे आदतों का पालन कर सकती है।

साथ ही, हमेशा खुश रहने की कोशिश करें, अच्छे दोस्तों के साथ और अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करें और अच्छी आदतों का पालन करें; इससे आपके शारीरिक एवं मानसिक तनाव को कम करने में आपको मदद मिल पाती है। तनाव कम होने की वजह से महिलाएं यौन रूप से मजबूत बनती है और उनमें सेक्सुअल डिजायर में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती है।

४) आयुर्वेद का सहारा –

अपने सेक्सुअल डिजायर को बढ़ाने के लिए महिलाएं आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से निर्मित दवाइयों का सेवन भी कर सकती है। हमारा आयुर्वेद शास्त्र काफी संपन्न और समृद्ध है; जिसमें मानव जाति से जुड़ी लगभग हर शारीरिक, मानसिक तथा यौन संबंधित समस्या का निवारण आसानी से संभव हो पाता है।

महिलाएं शतावरी, अश्वगंधा, अशोक की छाल जैसे आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से निर्मित दवाइयों का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार कर सकती है। यह सारी जड़ी बूटियां महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है महिलाओं में आई यौन कमजोरी को दूर करते हुए यह सेक्सुअल डिजायर को बढ़ाती है, हार्मोन को संतुलित रखती हैं और यौन प्रदर्शन में भी सुधार लाती है।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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