नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप ? आज हम स्पर्म कैसे बढ़ाएं ? यह जानने वाले है | आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम प्रगति तो कर रहे हैं। लेकिन, उसका सीधा असर हमारे शरीर और हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण है, पुरुषों में स्पर्म काउंट का कम होना।
खराब जीवनशैली, शराब, धूम्रपान, तंबाकू के पदार्थ तथा नशीली चीजों का अधिक मात्रा में सेवन, देर रात तक काम करना, मानसिक और शारीरिक तनाव, जंक फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक्स जैसे अन हेल्थी पदार्थों का सेवन, व्यायाम का अभाव, बदली हुई दिनचर्या, खानपान की गलत पद्धति के कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी जैसे हजारों कारणों की वजह से पुरुषों में स्पम अकाउंट की कमी देखी जा रही है और यह समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं।
दरअसल, यह समस्या पुरुषों के खराब लाइफ़स्टाइल से अधिक जुड़ी हुई है। कई बार शारीरिक बीमारियां होने के कारण भी पुरुषों में स्पर्म काउंट की कमी हो जाती है। लेकिन, इसका सीधा असर पुरुषों के वैवाहिक जीवन पर पड़ता है।
उनमें स्पर्म काउंट कम होने के कारण कंसीव करने में भी महिलाओं को दिक्कत महसूस होती है और ऐसे में पारिवारिक माहौल बिगड़ जाता है। कई बार कुछ कपल्स में इसी कारण अनबन हो जाती हैं और रिश्ते टूटने की कगार पर आ जाते हैं।
शरीर में शुक्राणुओं की कमी को मेडिकल भाषा में “ओलिगोस्पर्मिया” कहा जाता है। इस समस्या के तहत पुरुषों में शुक्राणु की कमी होती है; जो आम समस्या हो गई है। शरीर में शुक्राणु की कमी होना, मतलब पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या सामान्य से कम होना।
सामान्य तौर पर, पुरुषों के शरीर में १५ से २०० मिलीयन प्रति मिलीलीटर इतनी शुक्राणुओं की संख्या होती है; जो एक स्टैंडर्ड और सामान्य वैल्यू है। अगर उनके शरीर में इस स्टैंडर्ड वैल्यू से कम शुक्राणुओं की संख्या मिलती है; तो ऐसी परिस्थिति को ओलिगोस्पर्मिया यानी शुक्राणुओं की कमी कहा जाता है।
पुरुष अगर अपने जीवन शैली में कुछ उचित बदलाव करेंगे और स्पर्म काउंट की कमी का ठीक तरीके से इलाज कर सकेंगे; तो यह समस्या कुछ ही समय में ठीक हो सकती है।
तो दोस्तों, आज जानेंगे; पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने के कारण, लक्षण, स्पर्म काउंट का निदान, उसका इलाज, उसके लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवाई और उसके लिए अपनी जीवनशैली में सुधार के बारे में।
शुक्राणु कम होने के लक्षण – Shukranu Kam Hone Ke Lakshan
पुरुषों के शरीर में शुक्राणु की संख्या कम होने के निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं; जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और वक्त पर इन लक्षणों को जरूर पहचानना चाहिए।
- पुरुषों में अंडकोष के हिस्से में दर्द, सूजन या गांठ की समस्या होना।
- सेक्स के दौरान परफॉर्मेंस में कमी होना।
- कामेच्छा में कमी होना।
- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन।
- पुरुषों के स्तनों के आकार में असामान्य वृद्धि होना।
- शरीर, चेहरे या अन्य हिस्सों पर बालों का कम होना।
- पूरा दिन थकान एवं कमजोरी महसूस होना।
- पार्टनर को गर्भधारणा में दिक्कत होना।
शुक्राणु कम होने के कारण – Shukranu Kam Hone Ke Karan
पुरुषों में शुक्राणु की कमी होने के कई कारण मौजूद होते हैं। इनमें से कई कारण उनकी गलत लाइफस्टाइल से जुड़े होते हैं।
- गुणसूत्र या अनुवांशिक कारण की वजह से पुरुषों में शुक्राणु बनने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
- वृषण में किसी तरह का संक्रमण या विकार पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी का कारण बनता है।
- अत्यधिक मानसिक और शारीरिक तनाव पुरुषों के शरीर में हारमोंस को असंतुलित बनाता है; जिसके कारण शुक्राणुओं की कमी हो जाती है।
- यौन संबंधित किसी तरह का संक्रमण पुरुषों में स्पर्म काउंट के कम होने का कारण बनता है।
- कई बार काम करते वक्त अधिक समय तक सीसा या अन्य भारी धातुओं के संपर्क में रहने से प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- मोटापा, डायबिटीज, हाई बीपी, थाइरोइड जैसी बीमारियां शरीर में हार्मोन के असंतुलन का कारण बनती है और पुरुषों को शुक्राणुओं की कमी का सामना करना पड़ता है।
- अत्याधिक शराब, धूम्रपान, तंबाकू के पदार्थ तथा नशीले पदार्थों का सेवन पुरुषों के शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है और प्रजनन क्षमता बाधित होती हैं। इसी कारणवश, उन्हें स्पर्म काउंट कमी का सामना करना पड़ता है।
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी परेशानियां पुरुषों में कम स्पर्म काउंट का कारण बनती है।
- गर्मी के अधिक संपर्क में आने से और अधिक तंग कपड़े पहनने से भी पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी देखी जा सकती हैं।
- शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी का कारण बनती है।
पुरुषों में शुक्राणु की जांच – Malew Sperm Ki Janch
दरअसल, पुरुषों के शरीर में शुक्राणुओं की कमी की सही जांच करने के लिए पुरुषों को डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत होती है। कई बार बहुत सालों तक प्रेगनेंसी के लिए ट्राई करने के बाद भी अगर आपकी पार्टनर कंसीव नहीं कर पाती हैं; तो ऐसे में डॉक्टर आपका सीमेन सैंपल चेक करवाने की सलाह देते है; जिससे आप अपने शुक्राणुओं की संख्या की जांच कर सकते हैं। आपके साथ साथ, आपके जीवन साथी का भी परीक्षण हो सकता है। सीमे सैंपल की जांच करवाने से डॉक्टर को आपके शुक्राणुओं की कमी का अच्छे से अंदाजा लग जाता है। ओलिगोस्पर्मिया का निदान करने के लिए डॉक्टर सीमे सैंपल का टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।
शुक्राणु कमजोर होने से क्या होता है ? Shukranu Kamjor Hone Se Kya hota hai ?
अगर किसी पुरुष के शरीर में शुक्राणु की कमी है; तो ऐसी स्थिति में उनके पार्टनर को कंसीव करने में काफी दिक्कत महसूस होती है। इसी के साथ; पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने के कारण उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल, शरीर में फैट का बढ़ना, मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी शारीरिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। शरीर में मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने के कारण पुरुषों को डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
शुक्राणुओं की कमी के कारण पत्नी कंसीव नहीं कर पाती हैं और ऐसे में, परिवारों का माहौल बिगड़ जाता है। शुक्राणुओं की कमी के कारण उस कपल में कई बार अनबन भी हो जाती है और रिश्तो में तनाव बढ़ जाता है। तनाव बढ़ने पर इसका सीधा असर शरीर पर पड़ता है और समस्याएं जटिल होती जाती है।
शुक्राणु की कमी का इलाज : Shukranu Ki Kami Ka Ilaj
सबसे पहले, सेक्स के दौरान कोई भी समस्या महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलना बहुत ही जरूरी होता है। अक्सर, हमारे देश में सेक्स संबंधित विषयों के बारे में चर्चा करने से परहेज किया जाता है।
समाज के डर और शर्म की वजह से पुरुष अपनी यौन संबंधित समस्याएं किसी से साझा नहीं कर पाते हैं। लेकिन, इस समस्या से उबरने में डॉक्टर आपकी काफी हद तक मदद कर सकते हैं। इसलिए, सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है।
डॉक्टर तरह-तरह की टेस्ट और परीक्षण करवाकर आपके शुक्राणुओं की संख्या कम होने के कारण की जांच करते हैं और उसके अनुसार आपको ट्रीटमेंट लेने की सलाह देते हैं।
१) हार्मोन थेरेपी –
पुरुषों के शरीर में हार्मोन का असंतुलन होने के कारण भी उन्हें स्पर्म काउंट कम होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, डॉक्टर हार्मोन थेरेपी की इलाज पद्धति अपनाते हैं। दरअसल, पुरुषों के शरीर में गोनेडोट्रोपिन हार्मोन शरीर में शुक्राणुओं का उत्पादन बढ़ाने के लिए अंडकोष को उत्तेजित करता है और यह एक सामान्य प्रक्रिया मानी जाती हैं।
अगर यह सामान्य प्रक्रिया अपना ठीक कार्य नहीं कर रही है और सामान्य रूप से नहीं हो रही है; तो पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी देखी जा सकती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर गोनेडोट्रोपिन हार्मोन को दवा के रूप में लेने का सुझाव देते हैं; जिससे शरीर में शुक्राणु का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
२) काउंसलिंग –
दवाइयों के साथ-साथ, डॉक्टर कई बार इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए पुरुषों के साथ काउंसलिंग का सेशन भी रखते हैं। काउंसलिंग के सेशन के दौरान, मरीज से जुड़ी सभी सेक्स संबंधित समस्याएं डिस्कस होती है और उनके बारे में चर्चा होने के बाद मरीज का हौसला बढ़ाया जाता है। कई बार काउंसलिंग की यह प्रक्रिया बिना दवाइयों के भी की जाती है।
३) शारीरिक संबंध –
काउंसलिंग के दौरान, कई बार डॉक्टर को मरीज के शारीरिक संबंध बनाने के तरीके के बारे में पता चल जाता है। अगर यह तरीका गलत हो; तो सही तरीके से यौन संबंध रखने की सलाह डॉक्टर देते हैं। उसी के साथ, डॉक्टर अपने लाइफ स्टाइल में कुछ उचित बदलाव करने की भी सलाह देते हैं। दरअसल, ओवुलेशन के समय शारीरिक संबंध बनाने से कंसीव करने में मदद मिलती हैं।
डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं; कि ओवुलेशन के समय और उसके बाद में शारीरिक संबंध रखने से आपके शुक्राणु एग तक पहुंचा है या नहीं? इस तरह से अगर आप अपने डॉक्टर से अपनी समस्या के बारे में सलाह मशवरा करते हैं; तो आपकी समस्या हल होने में आपको जरूर मदद मिलती हैं और आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
४) सर्जरी –
कई मामलों की गंभीरता को देख कर कुछ पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी की समस्या को ठीक करने के लिए सर्जरी करवाने की सलाह डॉक्टर देते हैं।
शुक्राणु बढ़ाने की सबसे अच्छी दवा कौनसी है ? Shukranu Badhane Ki Sabse Acchi Dawa
हमारे भारत देश के आयुर्वेद शास्त्र में मानव जाति से जुड़ी लगभग हर शारीरिक समस्या का समाधान मिलता है। शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में कुछ जड़ी बूटियों का सेवन करने की सलाह दी जाती है; जो एक अचूक मात्रा के रूप में काम आती है। आयुर्वेद के अनुसार; इन जड़ी बूटियों का सेवन करने से शरीर में शुक्राणुओं को बढ़ाया जाता है, तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं का समाधान मिलता है, तनाव से लड़ने में मदद मिलती है और शरीर में हार्मोन का संतुलन बनाए रखने में भी यह दवाइयां कारगर होती है।
१) अश्वगंधा –
पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए और प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने के लिए अश्वगंधा का सेवन काफी लाभदायक माना जाता है। अश्वगंधा का सेवन करने से पुरुषों के शरीर में शुक्राणुओं का उत्पादन बढ़ता है और उनमें नपुंसकता को नियंत्रित किया जाता है। तनाव के कारण अगर पुरुषों में प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है; तब अश्वगंधा का सेवन पुरुषों का तनाव कर कम करने में भी उपयोगी माना जाता है। अपने शरीर में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए, शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने के लिए और तनाव को कम करने के लिए पुरुषों को अश्वगंधा का सेवन अवश्य करना चाहिए।
२) गोक्षुर –
ऊर्जादायक और कामोत्तेजक गुणों से भरपूर गोक्षुरा का सेवन पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में काफी कारगर साबित होता है। गोक्षुर का सेवन करने से पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन बढ़ता है और इसी कारणवश, शुक्राणुओं का उत्पादन बढ़ने में भी मदद मिलती है। प्राकृतिक आयुर्वेदिक तत्वों से युक्त गोक्षुरा का सेवन करने से पुरुषों में फर्टिलिटी को बढ़ाया जा सकता है और यौन संबंधित समस्याओं के लिए भी यह दवाई का असरदार होती हैं। पुरुषों में अगर किसी प्रकार की यौन संबंधित समस्या है; तो आयुर्वेदिक चिकित्सक या विशेषज्ञ से मिलकर गोक्षुर का सेवन अवश्य करना चाहिए।
३) शतावरी –
पुरुषों में और महिलाओं में आई इनफर्टिलिटी को ठीक करने के लिए शतावरी का इस्तेमाल काफी पुराने जमाने से होता आ रहा है। शतावरी आयुर्वेद शास्त्र की एक ऐसी औषधि और जड़ी बूटी है; जिससे लगभग हर शारीरिक समस्या ठीक हो सकती है। शतावरी का सेवन करने से पुरुषों में नपुंसकता से छुटकारा मिल सकता है। शक्तिवर्धक और कामोत्तेजक गुणों से युक्त शतावरी का सेवन पुरुषों के शरीर में हारमोंस की लेवल को संतुलित रखता है और शरीर में शुक्राणुओं का उत्पादन बढ़ाता है। पुरूषों में बांझपन को दूर करने के लिए अनेकों पोषक तत्वों से युक्त शतावरी का सेवन अवश्य करना चाहिए।
४) शिलाजीत –
यौन कमजोरी को दूर करके पुरुषों में प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने का काम शिलाजीत यह औषधि करती है। यह औषधि ऊर्जा वर्धक और कामोत्तेजक होती है; जिसका सेवन दूध के साथ करना लाभदायक माना जाता है। शिलाजीत का सेवन करने से पुरुषों में नपुंसकता दूर होती है, शरीर में हार्मोन का संतुलन बना रहता है और शुक्राणुओं की संख्या बढ़ने में भी काफी मदद मिलती है। यौन संबंधित समस्याओं के लिए शिलाजीत का उपयोग काफी पुराने जमाने से होता आ रहा है। यौन समस्याओं के लिए यह एक भरोसेमंद औषधि साबित हुई है। इसीलिए, अगर पुरुषों को शुक्राणुओं की कमी की संख्या खल रही है; तो शिलाजीत का सेवन करना उचित उपाय होगा।
५) सफेद मूसली –
सफेद मूसली यौन संबंधित समस्याओं के लिए एक भरोसेमंद, सुरक्षित और असरदार औषधि साबित हुई है। सफेद मूसली की जड़ों का चूर्ण बनाकर उसका सेवन दूध के साथ किया जा सकता है। पुरुषों में नपुंसकता के लक्षण जैसे; शीघ्रपतन, अविलंब स्खलन, शुक्राणुओं की कमी, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी लगभग हर समस्या के लिए सफेद मूसली का उपयोग काफी असरदार साबित होता है। शुक्राणुओं की कमी होने पर आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार पुरुषों को श्वेत मूसली का सेवन अवश्य करना चाहिए।
शुक्राणु की संख्या कम होने पर क्या करना चाहिए ? Shukranu Ki Sankhya kam Hone Par
खराब जीवनशैली के चलते पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी की समस्या आम होती जा रही है। अपनी जीवनशैली में कुछ उचित बदलाव करने से पुरुष इस समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।
१) संतुलित आहार –
कई बार शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण भी शरीर के कार्य उचित रूप से नहीं हो पाते हैं। इसी कारणवश, पुरुषों के शरीर में शुक्राणुओं की कमी भी देखी जा सकती है। शरीर में सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में बनाए रखने के लिए संतुलित आहार लेना काफी आवश्यक होता है।
संतुलित आहार के तहत सभी पोषक तत्व से भरपूर पदार्थ जैसे; हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, स्प्राउट्स, अंडे, मछली, सलाद, दही, दूध, पनीर, सभी प्रकार के अनाज और दाल, फलों के जूस, नारियल पानी जैसे पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए यह सभी पदार्थ अपना अपना कार्य बड़ी खूबी से करते हैं। संतुलित आहार अपनाने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ सकती है और कामेच्छा में भी वृद्धि होती है।
२) एक्सरसाइज –
रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज हमारे शरीर को मजबूत बनाती हैं और शरीर का हर कार्य उचित रूप से होने में मददगार होती हैं। अपने शरीर में यौन क्षमता को बढ़ाने के लिए पुरुषों को रोजाना तौर पर एक्सरसाइज करना आवश्यक होता है। एक्सरसाइज करने से हमारे शरीर की सभी अंगों में ब्लड सरकुलेशन सुचारू रूप से होता है और बेहतर बनता है; जिससे मांसपेशियों को भी मजबूती मिलती है।
पुरुषों को कई बार शुक्राणुओं की कमी के कारण शिघ्रपतन, स्तंभन दोष, कामेच्छा में कमी जैसे अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में, एक्सरसाइज करने से पुरुषों के जननांगों में ब्लड सरकुलेशन पर बेहतर बनता है; जिससे यह समस्याएं नियंत्रित हो पाती है। नियमित तौर पर योग, प्राणायाम, एक्सरसाइज इन का अभ्यास करने से यौन संबंधित समस्याओं में काफी कमी भी देखी गई है।
३) नींद और तनाव –
आजकल देर रात तक काम करने की वजह से लोग ठीक तरीके से सो भी नहीं पाते हैं और इसी कारण उन्हें नींद की कमी का भी सामना करना पड़ता है। नींद की कमी होने पर उसका बुरा असर हमारे शरीर के सभी कार्यों पर पड़ता है और इससे हमारा तनाव भी बढ़ता है। बढ़े हुए तनाव के साथ कामेच्छा में कमी देखी जाती हैं और पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या भी कम होती जाती है।
इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लेना बहुत ही आवश्यक होता है। नींद लेने से हमारे मस्तिष्क को आराम मिलता है और तनाव नियंत्रित होने में भी मदद मिलती है। शुक्राणुओं का उत्पादन बढ़ाने के लिए पुरुषों को उचित मात्रा में नींद लेना आवश्यक है और तनाव को कम करना जरूरी है।
४) धूम्रपान और शराब –
तंबाकू के पदार्थों का सेवन, शराब, धूम्रपान तथा अन्य नशीली चीजों का सेवन करने से हमारे शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है और हमारा पूरा ही स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। शराब तथा धूम्रपान पुरुषों के शरीर में शुक्राणु का उत्पादन बाधित करता है; जिसकी वजह से उन्हें शुक्राणुओं की कमी की समस्या का सामना करना पड़ता है। शराब, धूम्रपान तथा अन्य नशीली चीजों का सेवन छोड़ने से पुरुष शुक्राणुओं का उत्पादन बढ़ा सकते हैं। यह सभी चीजें छोड़ने पर शुक्राणुओं की कमी की समस्या अपने आप ही कुछ समय में ठीक हो जाती हैं।
शुक्राणुओं की कमी से कौन सी बीमारी होती है ? Shukranu Ki Kami Se bimari
आमतौर पर पुरुषों के एक मिली सीमेन सैंपल में १५ मिलियन से २०० मिलियन शुक्राणु पाए जाते हैं। अगर किसी पुरुष के सीमेन सैंपल में यह संख्या १५ मिलियन से कम हो जाए; तब उसे शुक्राणुओं की कमी कहा जाता है। शुक्राणुओं की कमी को साइंटिफिक लैंग्वेज में ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है। जो पुरुष ओलिगोस्पर्मिया का इलाज सही समय पर नहीं करवाते हैं; उन पुरूषों में बांझपन की समस्या का सामना करना पड़ता है। शुक्राणुओं की कमी होने पर उनके पार्टनर को प्रेगनेंसी कंसीव करने में भी दिक्कत होती हैं और इसी कारणवश पुरुष अधिक तनाव में आ जाते हैं।
स्पर्म बढ़ाने के लिए आहार : Sperm Badhane Ke LiYe food
पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए उनके आहार में कुछ उचित बदलाव करने से फायदा देखने को मिलता है। कुछ ऐसे आहार मौजूद हैं; जिनको अपने डाइट में शामिल करने से पुरुष अपने शुक्राणुओं की संख्या बढ़ा सकते हैं।
- फलिया, नट्स, सीफूड जैसे जिंक युक्त पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने से पुरुष स्पर्म काउंट को बढ़ा सकते हैं।
- अनार या अनार का जूस का सेवन करने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाई जा सकती है। एक अध्ययन के अनुसार, अनार का सेवन पुरुषों के शरीर में शुक्राणु की संख्या को बढ़ाता है और टेस्टोस्टेरोन के लेवल को भी संतुलित रखता है।
- मक्का, चावल, गेहूं, रागी, बाजरा जैसे अनाजों का सेवन करने से पुरुष अपने शरीर में स्पर्म काउंट को बढ़ा सकते हैं।
- मूंग, मसूर, अरहर, सोयाबीन, चना, उड़द जैसे दालों का सेवन करने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ सकती है।
- ब्रोकली, पत्ता गोभी, पालक, मेथी, कद्दू, परवल, करेला, तुरई, गाजर, चुकंदर, ककड़ी जैसी सब्जियां अपने आहार में शामिल करने से पुरुष अपने शरीर में शुक्राणु का उत्पादन बढ़ा सकते हैं।
- बादाम, खजूर, अखरोट, अंजीर, काजू, किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स का सेवन पुरुषों को स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद करता है।
दोस्तों, अगर किसी को शुक्राणुओं की कमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है; तो इसमें शर्म की कोई भी बात नहीं है। यह एक ऐसी समस्या है; जो किसी को भी हो सकती हैं। बस, इसे आप अपने तक ना रखें। अपने पार्टनर के साथ या डॉक्टर के साथ अपनी समस्या जरूर शेयर करें। ऐसा करने से आपको इस समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
समाज के डर से पुरुष अपनी समस्या किसी से भी शेयर करने में संकोच महसूस करते हैं। लेकिन, ऐसा करना गलत होता है। शुक्राणुओं की कमी एक ऐसी समस्या है; जो दवाई या ट्रीटमेंट करवा कर आसानी से हल हो सकती है। इसी के साथ, पुरुषों को अपने जीवन शैली में भी कुछ उचित बदलाव करना जरूरी होगा; जिससे वह प्राकृतिक रूप से इस समस्या से छुटकारा पाने में सफल हो पाएंगे।
तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।