नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप ? आज हम पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के बारे में जानेंगे | आजकल शारीरिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है। लोगों के जीवन शैली में आया बदलाव और खानपान की गलत आदतें लोगों को कई रोगों का शिकार बना रहे हैं। पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज महिलाओं में होने वाला एक बहुत बड़ा संक्रमण होता है।

इस संक्रमण की वजह से महिलाओं को लगातार पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता है। पेल्विक हिस्से में दर्द होने के कारण महिलाओं को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

आमतौर पर, महिलाएं पेल्विक पार्ट में दर्द होने पर उसे नजरअंदाज कर देती है। लेकिन, इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और लगातार कुछ दिनों तक पेट में दर्द होने पर आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक होता है।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने पर महिलाएं गर्भवती होने में भी परेशानी महसूस करती हैं। पेल्विक हिस्से में दर्द होने की वजह से महिलाओं को शारीरिक स्वास्थ्य संबंधित जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज के बारे में पूरी जानकारी।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज क्या होता है ? Pelvic inflammatory disease (PID)

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज क्या होता है
पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज क्या होता है

महिलाओं के जननांगों में होने वाले संक्रमण को फैलने के इन्फ्लेमेटरी डिजीज कहा जाता है। यौन संचारित बैक्टीरिया जब महिलाओं के योनि में से गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और ओवरी तक फैलता है; तब आपको पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज का खतरा बना रहता हैं।

आमतौर पर, महिलाएं पेट के निचले हिस्से में दर्द को एक रोजमर्रा की समस्या समझ कर भूल जाते हैं और उसे नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन, पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने की वजह से आपको यह दर्द हो सकता है और आपको तुरंत जांच करवाने की आवश्यकता होती है। जब एक महिला गर्भवती होने में दिक्कतें महसूस करती हैं; तब डॉक्टर के पास जाने के बाद इस डिसीज का पता लगता है।

इस प्रकार के संक्रमण में कई तरह के लक्षण दिखाई देते है। पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज से सुरक्षित रहने का सबसे सेफ और आसान तरीका है; सुरक्षित सेक्स करना। असुरक्षित यौन संबंध बनाने से महिलाओं को कई प्रकार के यौन संचारित रोग होने का खतरा बढ़ जाता है; जिसकी वजह से पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने की संभावना भी बनी रहती है।

क्या पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज ठीक हो सकता है ? Pelvic inflammatory disease Thik Hoga Kya ?

जी हां! पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज पूरी तरीके से ठीक हो सकता है। लेकिन, जब आप पूरी तरीके से इसके दवाइयों का कोर्स पूरा करते हैं। अगर आप दवाइयों का कोर्स बीच में ही छोड़ देते हैं; तो फिर से इसके लक्षण दिखाई देना शुरू हो सकता है। पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज के लिए एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करने से यह बीमारी पूरी तरीके से ठीक होने में मदद मिलती है।

इसी के साथ, अगर बीमारी का पता जल्दी लग जाता हैं, इसकी जल्दी जांच करवाई जाती है और उसका तुरंत इलाज किया जाता है; तब यह संक्रमण बहुत ही जल्दी कंट्रोल में आने में मदद मिलती है। बस, आपको डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार दवाइयों का कोर्स पूरा करना होता है और बीच में ही दवाइयों को नहीं छोड़ना होता है।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज की जांच कैसे की जाती है ? Pelvic inflammatory disease Ki Test

पीआईडी की जांच करने के लिए निम्नलिखित निरीक्षण पद्धति का अवलंब किया जाता है।

१) अल्ट्रा साउंड –

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज की जांच करने के लिए पेल्विक अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती हैं। यह सब से आम परीक्षण होता है; जो काफी आसान एवं सरल होता है।

२) लेप्रो स्कॉपी –

लेप्रोस्कोपी प्रक्रिया के तहत पेट को चीरा लगाकर उसमें एक लचीला उपकरण छोड़ा जाता है; जो पेल्विक हिस्से के आसपास की तस्वीरें लेता है और सही तरीके से जांच हो पाती है।

३) बायोप्सी –

बायोप्सी की प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर गर्भाशय की सतह का एक छोटा सा नमूना लेते हैं और उसकी जांच करके इंफेक्शन का पता लगाने की कोशिश करते हैं।

४) अन्य परीक्षण –

गर्भाशय ग्रीवा की जांच के लिए गर्भाशय ग्रीवा का परीक्षण करना, यूरिन टेस्ट, श्रोणी परीक्षण जैसे अन्य परीक्षणों के तहत पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज का पता लगाया जाता है।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने का कारण क्या है ? Pelvic inflammatory disease Ka Karan

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने का कारण
पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने का कारण

निम्नलिखित कारणों की वजह से पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने का खतरा रहता है।

  1. असुरक्षित यौन संबंध बनाना पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
  2. गोनोरिया, क्लैमीडिया जैसे यौन संचारित रोग के कारण पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होता है।
  3. गर्भपात के बाद और प्रसव होने के बाद भी पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने की संभावना रह सकती है।
  4. गर्भनिरोधक उपकरण याने इंट्रायूटरिन डिवाइस का इस्तेमाल करने से भी पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने की संभावना रहती है।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने से क्या नुकसान होता है ? Pelvic inflammatory disease Se Nuksan

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिसीज होने के बाद महिलाओं को कई सारी स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना रहती है। पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज ना सिर्फ गर्भवती बनने में बाधा उत्पन्न करता है; बल्कि प्रजनन क्षमता पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता है। इस संक्रमण की वजह से महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में काफी गंभीर दर्द महसूस हो सकता है। इसी के साथ; पेशाब करते वक्त दर्द होना, संभोग के दौरान दर्द महसूस होना, उल्टी, बुखार, अनियमित मासिक धर्म जैसे कई जटिलताएं उत्पन्न होने की संभावना रहती है। पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज अस्थानिक गर्भावस्था का कारण बन सकता है।

पीआईडी ठीक होने में कितना समय लगता है ? Pelvic inflammatory disease Thik Hone me Kitna Samay

एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करने से पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज को ठीक किया जा सकता है। जैसे कि हम जानते हैं; कई तरह के बैक्टीरिया का संक्रमण होने की वजह से पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होता है। इसीलिए, इन बैक्टीरिया को नियंत्रित करने के लिए और इसके संक्रमण को पूरी तरीके से ठीक होने में लगभग दो से ढाई हफ्तों का समय लग सकता है। शुरुआती दौर में २४ दिनों की एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करने के बाद इंजेक्शन लगवाने की सलाह भी डॉक्टर द्वारा दी जाती है।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज के लिए सबसे अच्छा इलाज कौनसा है ? Pelvic inflammatory disease Ka Ilaj

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज की शिकायत लेकर जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं; तो प्रारंभिक रूप से वह आपको कुछ दवाइयां तुरंत लेने की सलाह देते हैं। बाद में डॉक्टर आपको कुछ परीक्षण या जांच करने को बोलते हैं; जिससे डॉक्टर को इस संक्रमण का सही इलाज करने में मदद मिल पाती है।

एक बार प्रयोगशाला परीक्षण के परिणाम पता चल जाते हैं; तो डॉक्टर आपकी दवाइयों में बदलाव भी कर सकते हैं। एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करने से पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करने के बाद कुछ ही दिनों में आप मेहतर महसूस करने लगते हैं।

लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है; कि आप दवाइयों का सेवन बंद कर दें। डॉक्टर ने जितनी देर तक और जितने समय पर दवाइयां लेने को बोली है; आपको पूरी तरीके से दवाइयों का सेवन करना आवश्यक होता है। अगर आप बीच में ही दवाइयों का सेवन करना छोड़ देते हैं; तो इस संक्रमण के लक्षण फिर से दिखना शुरू हो जाते हैं।

बाद में डॉक्टर आपको इस इंफेक्शन की समय-समय पर जांच करवाने के लिए हर दो से तीन दिनों में बुला सकते हैं। दवाइयों का सेवन करने के साथ-साथ, इस संक्रमण को पूरी तरीके से ठीक करने के लिए आपको अपनी भावनाओं के ऊपर संयम रखना आवश्यक होता है।

जब तक आपका पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का इन्फेक्शन पूरी तरीके से ठीक नहीं हो जाता; तब तक संभोग करने से बचना चाहिए। साथ ही, डॉक्टर आपके सेक्स पार्टनर को भी जांच तथा इलाज करवाने की सलाह दे सकते हैं।

क्योंकि, हो सकता है; आपको इंफेक्शन का पता ना हो और आपने उसी दौरान उसके साथ शारीरिक संबंध बना लिया हो; तो उन्हें भी इंफेक्शन का खतरा रह सकता है।

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के लिए कौनसी दवा सबसे अच्छी हैं ? Pelvic inflammatory disease Ki Dawa

शुरुआती दौर में अगर पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज की शिकायत लेकर आप डॉक्टर के पास जाते हैं; तो डॉक्टर सबसे पहले आपको कुछ दवाइयों का सेवन करने की सलाह देते हैं। बाद में सही तरीके की जांच कराने के लिए डॉक्टर विविध प्रकार के परीक्षण कर सकते हैं।

इन परीक्षण का परिणाम आने के बाद डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करने की सलाह देते हैं। इस इंफेक्शन के कई सारे मामले एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करने के बाद कुछ ही दिनों में ठीक होने की संभावना रहती है। पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज के लिए सबसे अच्छी दवाई एंटीबायोटिक्स मानी जाती है।

पीआईडी होने पर क्या ख्याल रखें और क्या परहेज करें ? Pelvic inflammatory disease Hone Par

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज की शिकायत होने पर आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए और कुछ चीजें परहेज करना चाहिए।

  1. सबसे पहले तो, पीआईडी की शिकायत होने पर आपको पूरी तरीके से आराम करना चाहिए। क्योंकि, पीआईडी के शिकायत होने पर पेल्विक हिस्से में काफी दर्द होता है; इसीलिए ज्यादा से ज्यादा आराम करने की कोशिश करें।
  2. जैसे ही, आपको पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज के बारे में पता चलता है, जब तक यह ठीक नहीं हो जाता; तब तक आपको शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए।
  3. पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने पर अगर आपको शारीरिक संबंध बनाना है; तो सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और शारीरिक संबंध बनाते दौरान सुरक्षित उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए।
  4. इस संक्रमण से बाधित होने के बाद महिलाओं को अपने खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए। महिलाओं को हमेशा हेल्दी पदार्थों का सेवन करना चाहिए और आहार को संतुलित रखना चाहिए; ताकि अंदरुनी रूप से आप इस इंफेक्शन से लड़ने में सक्षम हो सके।
  5. पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने के बाद महिलाओं को संतुलित मात्रा में पानी पीने की आवश्यकता होती है। शरीर में पानी की कमी ना होने दें; अन्यथा शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
  6. जैसे ही, आपको पता चलता है; कि आपको पहले एक इन्फ्लेमेटरी डिजीज की शिकायत है; आप डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का सेवन उनके निर्देशों के अनुसार ही करें। हो सकता है; दवाइयों का सेवन करने के बाद कुछ ही दिनों में आपको बेहतर महसूस होगा।

लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है; कि आप दवाइयां बंद कर देंगे। इस इंफेक्शन को पूरी तरीके से ठीक करने के लिए महिलाओं को डॉक्टर के निर्देशक द्वारा बताए गए समय पर जांच करवाने को जाना चाहिए और दवाइयों का पूरी तरीके से सेवन करना चाहिए।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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