हेलो दोस्तों, स्वागत है आपका। आज का आर्टिकल होने वाला है, डिलीवरी के कितने दिनों बाद सेक्स करना चाहिए इस विषय के बारे में। दोस्तों, इस दुनिया में जब हम जन्म लेते हैं; तब कुछ रिश्ते हमें जन्म से ही मिल जाते हैं। उसमें सबसे खास रिश्ता होता है; माता-पिता का! जब हम जन्म लेते हैं; तब सबसे पहले पहचान मां के स्तनों से आने वाले दूध से ही होती है और मां के दूध से ही हमारा पोषण होता है, हमारा शारीरिक और मानसिक विकास होने में मदद मिल पाती हैं।

बच्चे को जन्म देने के बाद मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहता है। गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए गर्भावस्था के दौरान मां हमेशा चिंतित रहती है; कि उसका स्वास्थ्य बिगड़े नहीं और उसे गर्भ में किसी भी तरह की तकलीफ ना हो। इस बात को सुनिश्चित करने के लिए महिलाएं गर्भावस्था के दौरान खुद का विशेष तौर पर ख्याल रखती हैं और कई सारी अनगिनत मनपसंद चीजों से, पदार्थों से परहेज कर देती हैं।

अपने बच्चे को जन्म देने के बाद, असहनीय पीड़ा सहने के बाद महिलाएं अपने बच्चे की एक स्माइल को देखते हुए सारी पीड़ा सह लेती है और इसीलिए मां का रिश्ता इस दुनिया में सबसे ऊपर माना गया है। हालांकि, बच्चों को जन्म देने के बाद माता को उतना ही ख्याल रखना होता है; जितना कि वह अपने गर्भावस्था के दौरान खुद का ख्याल रखती हैं।

वैसे देखा जाए; तो मां बनने की जिम्मेदारी किसी चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियों से कम नहीं है। मां बनने के बाद माता को बच्चे की सेहत के लिए और खुद की सेहत के लिए भी अतिरिक्त सावधान रहना बहुत ही आवश्यक माना जाता है। कई लोगों के मन में यह सवाल आता है; कि डिलीवरी होने के कितने दिनों बाद वह अपना सेक्स लाइफ फिर से शुरू कर सकते हैं?

दोस्तों, जैसा कि हम सभी जानते हैं; ९ महीने की गर्भावस्था और नॉरमल या सिजेरियन डिलीवरी होने के बाद माता का शरीर बहुत ही कमजोर हो जाता है; जिसे पूरी तरीके से ठीक होने में कुछ हफ्तों का तथा महीनों का समय लग सकता है। इसीलिए, डिलीवरी होने के बाद और बच्चे को जन्म देने के बाद माता को सेक्स कब करना चाहिए; यह बात हर माता के पोस्ट डिलीवरी रिकवरी पर निर्भर होती है।

साथ ही, डिलीवरी के बाद शारीरिक संबंध बनाने के लिए आप अपने गायनेकोलॉजिस्ट से भी सलाह ले सकते हैं; ताकि आपको इसके बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सके। माता की नॉर्मल डिलीवरी होती हैं या सर्जिकल सिजेरियन डिलीवरी होती है; इस बात पर भी माता का पोस्ट डिलीवरी रिकवरी निर्भर होता है।

हर माता का शरीर एक दूसरे से अलग होता है; इसलिए डिलीवरी होने के बाद हर माता को रिकवर होने में लगने वाला समय भी एक-दूसरे से काफी अलग हो सकता है। डिलीवरी होने के बाद सेक्स कब करना चाहिए; इसकी सही जानकारी प्राप्त करने के लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे, डिलीवरी होने के बाद सेक्स कब करना चाहिए; इस विषय के बारे में पूरी जानकारी।

औरत की डिलीवरी होने के तुरंत बाद सेक्स करना चाहिए या नहीं ? Aurat ko Delivery Je Baad Sex Karna Chahiye ya Nahi ?

डिलीवरी होने के तुरंत बाद सेक्स
डिलीवरी होने के तुरंत बाद सेक्स

दोस्तों, औरतों का जीवन किसी संघर्ष से कम नहीं होता है। किशोरावस्था के दौरान शुरू होने वाली माहवारी से लेकर अधेड़ी की उम्र में आने वाला मेनोपॉज इस दौर से गुजरते हुए हर महिला जीवन में कई सारी शारीरिक, मानसिक तथा यौन संबंधित समस्याओं का सामना करती हैं।

हालांकि, बच्चे को जन्म देने के बाद मां का खुशी का ठिकाना नहीं रहता है। लेकिन, जैसा कि हम सभी जानते हैं; गर्भावस्था के दौर के वह ९ महीने किसी महिला के लिए जंग से कम नहीं होते हैं। ९ महीनों के दौरान वह हमेशा अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए चिंतित रहती है; कि उसे गर्भ में किसी तरह की तकलीफ ना हो और उसका स्वास्थ्य ना बिगड़े।

९ महीने पूर्ण होने के बाद जब एक महिला बच्चे को जन्म देती है; तब भी वह उसके बच्चे के बारे में ही सोचती है और डिलीवरी के समय होने वाले दर्द के बारे में भूल जाती हैं। जब एक औरत बच्चे को जन्म देने के लिए इतना संघर्ष कर सकती है; तब क्या एक पुरुष डिलीवरी होने के बाद सेक्स करने के लिए कुछ समय तक रुक नहीं सकता? दोस्तों, जैसा कि हम सभी जानते हैं; हर महिला की गर्भावस्था और गर्भावस्था के दौरान उसका स्वास्थ्य एक-दूसरे से काफी अलग होता है।

साथ ही, डिलीवरी होने के बाद महिला का पोस्ट डिलीवरी रिकवरी भी एक दूसरे से अलग होता है। इसी लिहाज से, महिला की नॉर्मल डिलीवरी हो या सिजेरियन डिलीवरी; उसको रिकवर होने में कुछ हफ्तों तथा महीनों का समय लग सकता है। ऐसे में, अगर पुरुष डिलीवरी होने के तुरंत बाद शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा रखता हो; तो क्या यह गलत नहीं होगा?

चाहे फिर वह नॉर्मल डिलीवरी हो या सिजेरियन डिलीवरी हो; बच्चे को जन्म देने के बाद एक महिला का शरीर पूरी तरीके से खोखला बन जाता है और उसे शारीरिक रूप से मजबूत होने में काफी समय लगता है। डॉक्टर भी बच्चे को जन्म देने के बाद तुरंत शारीरिक संबंध बनाने से मना कर देते हैं; जो कि एक अच्छा सुझाव माना जाता है।

बच्चे को जन्म देने के बाद महिला के योनि का हिस्सा नाजुक, मुलायम तथा कमजोर पड़ जाता है; जिसके चलते योनि में पतलापन आ जाता है। योनि में पतलापन आने के बावजूद अगर डिलीवरी होने के बाद तुरंत शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं; तो योनि में घाव तथा चोट लगकर संक्रमण होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। इसीलिए, डिलीवरी होने के तुरंत बाद शारीरिक संबंध बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहिए।

महिला की डिलीवरी के बाद उसकी पूरी तरीके से रिकवरी होने पर और शारीरिक रूप से वह मजबूत होने पर ही शारीरिक संबंध बनाने के बारे में सोचा जाना चाहिए। साथ ही, नॉर्मल डिलीवरी या सिजेरियन डिलीवरी होने के बाद सेक्स लाइफ कब फिर से शुरू करनी चाहिए; इस बात की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह मशवरा अवश्य ले।

डिलीवरी होने के बाद सेक्स कब करें ? Delivery Hone Ke Baad Sex Kab Kare ?

दोस्तों, जैसा कि हम सभी जानते हैं; महिला बच्चे को जन्म देने के बाद उसे योनि में से खून निकलना शुरू हो जाता है; जो लंबी अवधि तक जारी रहता है। डिलीवरी के समय प्लासेंटा के बाहर निकलने से गर्भाशय में हुए घाव को भरने में और वह चोट पूरी तरीके से ठीक होने में काफी समय लगता है।

डिलीवरी होने के लगभग तीन से चार हफ्तों तक महिला को ब्लीडिंग होती है; जो बाद में धीरे-धीरे कम होते जाती है और एक्स वक्त आने के बाद पूरी तरीके से बंद हो जाती हैं। आमतौर पर, डिलीवरी होने के छह हफ्तों के बाद तक महिला को ब्लीडिंग होना पूरी तरीके से बंद हो जाता है।

अगर महिला का ब्लीडिंग बंद होने से पहले ही सेक्स किया जाता है; तो महिला के योनि के हिस्से में संक्रमण होने की संभावनाएं सबसे अधिक मानी जाती हैं। साथ ही, बच्चों को जन्म देने के बाद महिला के योनि का हिस्सा नाजुक और पतला हो जाता है; जिसके चलते डिलीवरी के तुरंत बाद सेक्स करने से महिला के योनि में चोट तथा घाव होकर योनि में संक्रमण होने की आशंका भी बढ़ जाती है।

इसी के साथ, हर महिला की डिलीवरी, हर महिला की गर्भावस्था और उसकी पोस्ट डिलीवरी रिकवरी एक-दूसरे से काफी अलग होती है। डिलीवरी किस तरीके से हुई है, वह नॉर्मल है या सिजेरियन डिलीवरी है; इसके ऊपर भी महिला की पोस्ट डिलीवरी रिकवरी का समय निर्धारित हो सकता है।

जब भी महिला को लगे, कि वह शारीरिक और मानसिक रूप से शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार है; वह डॉक्टर की सलाह लेकर अपने सेक्स लाइफ को फिर से शुरू कर सकती हैं। आमतौर पर, डिलीवरी होने के लगभग एक से डेढ़ महीने के बाद ही डॉक्टर आपको शारीरिक संबंध बनाने की अनुमति देते हैं।

नॉर्मल डिलीवरी के बाद सेक्स करते समय क्या ख्याल रखें ? Normal Delivery Ke Baad Sex

जिन महिलाओं की नार्मल डिलीवरी होती हैं; उनको तुरंत शारीरिक संबंध बनाने से बिल्कुल परहेज कर देना चाहिए क्योंकि, नॉर्मल डिलीवरी के तहत प्लासेंटा के बाहर निकलने से गर्भाशय में घाव बन जाता है; जिसे भरने में कम से कम एक महीने का समय लगता है। साथ ही, नॉर्मल डिलीवरी होने के बाद महिलाओं को योनि में से काफी ब्लीडिंग भी होता है।

ऐसे में, अगर ब्लीडिंग पूरी तरीके से बंद ना होने के बावजूद सेक्स किया जाता है; तो महिला के योनि में घाव तथा संक्रमण होने की आशंका बनी रहती है। इसलिए, नॉर्मल डिलीवरी वाली महिलाओं को कम से कम एक महीने तक शारीरिक संबंध बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहिए और अपनी सेक्स लाइफ को फिर से शुरू करने के लिए डॉक्टर से उचित सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

नॉर्मल डिलीवरी के तहत बच्चे को जन्म देने के बाद सेक्स करते हुए भी महिलाओं को काफी बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी माना जाता है; ताकि उनका यौन स्वास्थ्य पूरी तरीके से स्वस्थ रहें और इसमें किसी भी तरह की तकलीफ उत्पन्न ना हो सके। डिलीवरी के बाद अपनी सेक्स लाइफ फिर से शुरू करते हुए महिलाओं को सेक्स करते हुए अपने जीवनसाथी को कंडोम का इस्तेमाल करने के बारे में बोलना चाहिए।

सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने से महिला तथा पुरुष दोनों ही जननांग में होने वाले संक्रमण से सुरक्षित रह पाते हैं। साथ ही, डिलीवरी के बाद सेक्स करते हुए महिलाओं को उचित प्रकार की सेक्स पोजीशन को ट्राई करना चाहिए; जिसके चलते उन्हें सेक्स करने में आसानी हो और सेक्स करते हुए उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े।

सिजेरियन डिलीवरी के बाद सेक्स करते हुए क्या ख्याल रखें ? Cesarean Delivery Ke Baad Sex

दोस्तों, जैसा कि हम सभी जानते हैं; सिजेरियन डिलीवरी के तहत बच्चे को जन्म देते समय महिला की सर्जरी करवाई जाती है और सर्जरी करते हुए बच्चे को बाहर निकाला जाता है। इसीलिए, सिजेरियन डिलीवरी में रिकवरी करने के लिए महिलाओं को नार्मल डिलीवरी के मुकाबले अधिक समय लगता है।

सिजेरियन डिलीवरी के तहत पेट में लगे हुए चार को बंद करने के लिए टांके लगाए जाते हैं; जिनका घाव पूरी तरीके से ठीक होने में कम से कम एक से डेढ़ महीने का समय जरूर लगता है। भले ही, आपके टांके ऊपर ही रूप से स्वस्थ लग रहे हो या पूरी तरीके से घाव भर चुका हो; फिर भी अंदरूनी रूप से मांसपेशियों में आई ऐंठन को पूरी तरीके से ठीक होने में काफी समय लगता है।

चाहे आपके टांके पूरी तरीके से घूल चुके हो या आप की बाहरी त्वचा भी बेहतर लग रही हो; फिर भी अंदरूनी रूप से आपको पूरी तरीके से ठीक होने में और दर्द, असहजता से छुटकारा पाने में अधिक समय लग सकता है। इसीलिए, सिजेरियन डिलीवरी होने के लगभग ६ हफ्तों तक शारीरिक संबंध बनाने से पूरी तरीके से मना किया जाता है।

अंदरुनी रूप से आपका घाव कितना ठीक हुआ है; इस बात की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए डॉक्टर से समय-समय पर चेकअप जरूर करवाएं। सिजेरियन डिलीवरी होने के बाद यह पूरी तरीके से सुनिश्चित करें; कि आप बाहरी और अंदरूनी रूप से पूरी तरीके से स्वास्थ्य और शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हैं।

डिलीवरी के बाद सेक्स करने की पोजीशन : Delivery Ke Baad Sex Karne Ki Position

दोस्तों, महिला की डिलीवरी चाहे नॉर्मल हो या सिजेरियन; डिलीवरी होने पर महिलाओं को पूरा रिकवर होने में काफी समय लगता है। डिलीवरी के बाद बाहरी रूप से आप भले ही स्वस्थ दिखे; लेकिन अंदरूनी रूप से पूरी तरीके से फिट होने में महिलाओं को काफी समय लग जाता है।

शरीर में आई थकावट, बच्चे की जिम्मेदारी और बच्चे को जन्म देने के बाद आने वाले तनाव को झेलते हुए महिलाएं अपने पति की इच्छा को ध्यान में रखते हुए डिलीवरी के बाद शारीरिक संबंध बनाने के लिए जैसे तैसे मान जाती है।

क्योंकि, डिलीवरी के बाद भले ही ऊपर से वह स्वस्थ नजर आती हो; लेकिन अंदरूनी रूप से पेट और यूटरस की मांसपेशियों में आई खिंचाव तथा ऐठन को पूरी तरीके से ठीक होने में काफी समय लगता है। लेकिन, पति को भी उसकी सेहत का ख्याल रखना उतना ही जरूरी होता है।

डिलीवरी के बाद शारीरिक संबंध बनाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए विशिष्ट प्रकार के सेक्स पोजीशन को ट्राई करना चाहिए; जिससे महिलाओं को डिलीवरी के बाद सेक्स करते हुए किसी भी तरह की परेशानी ना हो सके।

१) वूमेन ऑन द टॉप सेक्स पोजीशन –

दोस्तों, डिलीवरी के बाद सेक्स करते समय महिलाओं को इस सेक्सपोजिशन के तहत ही शारीरिक संबंध बनाना चाहिए। क्योंकि, इस सेक्सपोजिशन के तहत सेक्स करते हुए पूरा कंट्रोल महिलाओं के हाथों में होता है; जिससे उन्हें सेक्स के दौरान असहजता होने की संभावना बहुत ही कम हो जाती हैं। विमेन ऑन द टॉप सेक्स पोजिशन के तहत शारीरिक संबंध बनाने की प्रक्रिया को करते हुए महिलाओं के पेट के ऊपर किसी भी प्रकार का दबाव या प्रेशर नहीं आता है; जिसके चलते वह बिना किसी दर्द और पीड़ा के शारीरिक संबंध बनाने का आनंद उठा पाती है।

२) स्पूनिंग सेक्स पोजिशन –

डिलीवरी के बाद बेहतर सेक्स लाइफ को फिर से शुरू करने के लिए महिलाएं सेक्स के दौरान स्पूनिंग सेक्स पोजिशन को अपनाकर संभोग का सुख प्राप्त कर सकती हैं। दरअसल, जिन महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी होती है; उन महिलाओं के लिए भी डिलीवरी के बाद सेक्स के लिए यह पोजीशन सर्वोत्तम मानी गई है। इस पोजीशन के तहत सेक्स करने से महिलाओं के पेट के ऊपर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं पड़ता है; जिसके चलते वह बिना किसी परेशानी के सेक्स कर सकती है। इसी के साथ, इस सेक्स पोजीशन के तहत सेक्स करने का पूरा कंट्रोल महिलाओं के हाथों में होता है; जिससे डिलीवरी होने के बावजूद वह सेक्स का एक बेहतरीन अनुभव ले सकती हैं।

३) रिवर्स चेयर सेक्स पोजिशन –

दोस्तों, डिलीवरी के बाद सेक्स करने के लिए महिलाएं इस सेक्सपोजिशन का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। दरअसल, इस सेक्सपोजिशन के तहत शारीरिक संबंध बनाने की प्रक्रिया के दौरान पुरुषों को किसी चेयर पर बैठना होता है और महिलाएं उनकी तरफ कमर करके या मुंह करके भी लिंग को अपने योनि में डालते हैं और सेक्स की प्रक्रिया का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में रखते हुए उसे आगे बढ़ाती हैं। इस सेक्सपोजिशन के तहत सेक्स करने से महिलाओं के पेट के हिस्से पर किसी भी प्रकार का प्रेशर नहीं पड़ता है; जिसके चलते वह बिना किसी दर्द और पीड़ा के सेक्स का अनुभव ले पाती हैं।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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