नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप ? महिला बांझपन क्या है ? आज हम जानेंगे | आजकल की बदलती हुई जीवनशैली हमारे स्वास्थ्य के ऊपर काफी बुरा प्रभाव डाल रही है। इसकी वजह से मानसिक स्वास्थ्य से लेकर शारीरिक स्वास्थ्य पूरी तरीके से खराब होता जा रहा है।
खराब जीवनशैली, गलत दिनचर्या, खाने पीने की गलत आदतें, मानसिक और शारीरिक तनाव जैसे कारणों की वजह से अंदरूनी रूप से लोग खोखले होते जा रहे हैं और सिर्फ बाहरी सुंदरता की और ही अपना ध्यान केंद्रित करते हैं।
लेकिन, इसका सीधा असर हमारे प्रजनन क्षमता पर भी दिखाई दे रहा है। पहले के जमाने में गायनेकोलॉजिस्ट के पास सिर्फ प्रेग्नेंट होने के बाद में ही जाते थे और पूरी तरीके से अच्छे से जांच करवाते थे। लेकिन, आजकल के जमाने में गायनेकोलॉजिस्ट के पास मरीजों की लंबी कतार देखने को मिलती है।
क्योंकि, महिलाओं में बांझपन की समस्या दिन पर दिन बहुत ही ज्यादा मात्रा में बढ़ती जा रही है। महिलाओं में बांझपन आने के कई कारण मौजूद होते हैं। कोई भी महिला अगर प्राकृतिक रूप से प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही है; तो इसे “महिला बांझपन” कहा जाता है।
चाहे कोई भी महिला हो; हर महिला के लिए यह बांझपन की समस्या भावनिक रूप से बहुत ही तकलीफदेह होती है। महिला बांझपन की समस्या होने पर गर्भधारण होने में काफी दिक्कत महसूस होती है।
महिलाओं में बांझपन होने के कई सारे लक्षण भी दिखाई पड़ते हैं; जिन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। भारत देश के ग्रामीण इलाकों में अगर महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं; तो उनको कई सारी मानसिक पीड़ा का भी सामना करना पड़ता है।
समाज के कई तबके ऐसे मिलते हैं; जिसमें महिलाओं का बांझपन अशुभ माना जाता है और ऐसी महिलाओं को समाज में काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, यह गलत बात है। महिला हो या पुरुष; बांझपन की समस्या किसी को भी हो सकती है।
आजकल का जमाना ही ऐसा हो गया है; कि क्या शारीरिक समस्या हो जाए, इसके बारे में कोई नहीं बता सकता! महिलाओं में बांझपन की समस्या होने पर घर के सभी सदस्यों को उनका साथ देना चाहिए और इस समस्या से उबरने में उनकी मदद करनी चाहिए।
तो आइए दोस्तों, आज जानेंगे; महिलाओं में आने वाले बांझपन की समस्या के बारे में पूरी जानकारी।
महिला बांझपन क्या होता है ? Mahila Banjhpan Infertility Kya Hai ?
जब कोई भी महिला प्राकृतिक तरीके से गर्भधारणा करने में असमर्थ हो जाती हैं; तो उसे “महिला बांझपन” कहा जाता है। मेडिकल भाषा में महिला बांझपन को “फीमेल इनफर्टिलिटी” कहा जाता है। महिलाओं में बांझपन आने के कई तरह के कारण मौजूद होते हैं; जिनमें खराब जीवन शैली से संबंधित कारण मुख्य तौर पर उभर कर आते हैं।
असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद भी लगातार एक साल में आप गर्भधारणा नहीं कर पाती हैं; तो आपको महिला बांझपन की समस्या हो सकती हैं। ऐसा होने पर तुरंत आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और अंदरूनी रूप से आपको पूरी तरीके से जांच करवाना आवश्यक होता है।
कई बार ऐसे भी होता है; कि महिला पहली बार मां बन जाती हैं और एक बच्चे को जन्म देने के बाद दूसरे बच्चे के लिए प्रयत्नशील रहती है। लेकिन, उसकी गर्भधारणा नहीं हो पाती है; इसका इलाज लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक होता है।
महिलाएं बांझ क्यों होती हैं ? Mahila Banjh Kyo Hoti hai ?
महिलाओं में बांझपन की समस्या होने के पीछे कई कारण मौजूद होते हैं। खराब जीवनशैली, गलत खानपान की पद्धति, शारीरिक विकार जैसे; मोटापा, हाई बीपी, डायबिटीज, थाइरॉएड तथा कैंसर, एंडोमेट्रियोसिस, बार बार गर्भपात होना जैसे अन्य कई कारणों की वजह से महिलाओं में बांझपन की समस्या हो जाती है। यह समस्या होने के पहले आपको कुछ लक्षण भी दिखाई पड़ते हैं; जैसे पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, मासिक धर्म में अनियमितता होना आदि। इन लक्षणों को महसूस करने के तुरंत बाद आपको गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह लेना आवश्यक होता है।
महिला बांझपन के कारण क्या है ? Mahila Banjhpan Ke Karan
निम्नलिखित कारणों की वजह से महिलाओं में बांझपन की समस्या हो जाती हैं।
१) उम्र-
जब एक लड़की २० से २२ साल की होती है; तब उसके गर्भधारणा होने की संभावनाएं सबसे अधिक होती है। वहीं दूसरी ओर, जब एक महिला ३५ से ३८ साल की हो जाती हैं; उसके गर्भधारणा होने की संभावना कम हो जाती जाती है। जाहिर है, हर लड़की तथा महिला का शरीर अलग-अलग होता है और अंदरूनी रूप से उनका शारीरिक स्वास्थ्य भी अलग अलग होता है। आमतौर पर, बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं के शरीर में सेक्स हारमोंस में असंतुलन बढ़ जाता है और महिलाएं प्रेग्नेंट होने में असमर्थ महसूस करने लगती है l। महिलाओं में बांझपन की समस्या के पीछे बढ़ती उम्र भी एक कारण हो सकता है।
२) हार्मोनल असंतुलन –
महिलाओं के शरीर में उम्र हारमोंस बदलते रहते हैं। हारमोंस की गतिविधियां और उनके कार्यप्रणाली पर थोड़ा भी बुरा असर हो जाता हैb; तो हार्मोन में असंतुलन आ जाता है। खराब जीवनशैली के चलते शराब, धूम्रपान तथा तंबाकू के पदार्थों का सेवन, नशीली चीजों का सेवन, व्यायाम का अभाव जैसे कारणों की वजह से महिलाओं में हार्मोन असंतुलन हो जाता है।
इसी के साथ; शारीरिक विकार जैसे; यूटरीन फाइब्रॉइड, पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज, पीसीओएस, पीसीओडी, योनि का इन्फेक्शन, गर्भाशय के आकार का असामान्य होना जैसे कारणों की वजह से भी महिलाओं के शरीर में हारमोंस की गड़बड़ी देखी जाती है। हार्मोन असंतुलन होने की वजह से भी महिलाओं में बांझपन की समस्या हो जाती है।
३) तनाव –
आजकल के बदलती जमाने में महिलाएं भी मर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दुनिया के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में लगी हुई है और हर क्षेत्र में महिलाएं काफी तरक्की कर के यशस्वी भी हो गई है। लेकिन, घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ; प्रोफेशनल जॉब की जिम्मेदारियां संभालते संभालते महिलाओं को शारीरिक एवं अत्याधिक मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ता है; जिस कारण से उन में बांझपन की समस्या आ जाती है। तनाव की वजह से महिलाओं के प्रजनन क्षमता पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है।
४) फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होना –
महिलाओं के प्रजनन अंगों में से एक फैलोपियन ट्यूब बहुत ही महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। गर्भधारणा की प्रक्रिया में फैलोपियन ट्यूब की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। अगर फेलोपियन ट्यूब में किसी तरह का ब्लॉकेज हो या फैलोपियन ट्यूब बंद हो; तो फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया ठीक तरीके से नहीं हो पाती है; जिसके कारण महिलाओं में गर्भधारण होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। फैलोपियन ट्यूब बंद होने की वजह से महिलाओं में गर्भधारणा नहीं हो पाती है और महिलाएं बांझपन का शिकार हो जाती हैं।
५) ओवुलेशन की प्रक्रिया –
गर्भधारणा की प्रक्रिया में ओवुलेशन की प्रोसेस बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन, दुनिया की बहुत सी महिलाए ओवुलेशन की प्रक्रिया में होने वाली गड़बड़ी से पीड़ित है। ओवुलेशन के विकार के कारण महिलाएं की प्राकृतिक रूप से गर्भधारणा करने में असमर्थ हो जाती हैं और बांझपन का शिकार हो जाती हैं। ओवुलेशन विकार होने के कारण अंडे ओवरी से बाहर नहीं आ पाते हैं; जिसके चलते फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया नहीं हो पाती है और गर्भधारणा भी नहीं ठहरती है; जिसके चलते महिलाएं बांझपन का सामना करती है।
६) एंडोमेट्रियोसिस –
महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति होती हैं; जिसमें महिलाओं के गर्भाशय की लाइनिंग बनाने वाली टिशूज गर्भाशय के बाहर विकसित होने लगती हैं। इसी समस्या के कारण महिलाओं के मासिक धर्म में अनियमितता आने लगती हैं और महिलाएं गर्भधारण करने में असमर्थ हो जाती हैं; जिसकी वजह से वह बांझपन का शिकार हो जाती है।
बांझपन किसकी कमी से होता है ? Mahila Banjh Kiski Kami Se Hoti hai ?
गलत खानपान की पद्धति और खराब जीवनशैली के चलते महिलाओं को बांझपन की समस्या का सामना करना पड़ता है। गलत खानपान की पद्धति के तहत जंक फूड, कोल्ड्रिंक्स, इंस्टेंट फूड जैसे अन हेल्थी पदार्थों का सेवन किया जाता है और पोषक तत्वों से युक्त पदार्थों का सेवन काफी कम किया जाता है।
इसी वजह से, महिलाओं के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती हैं; जिसकी वजह से उनकी मां बनने की प्रक्रिया में भी बाधा उत्पन्न होने लगती हैं। आमतौर पर, हम रोजमर्रा के जीवन में हम जो भी खाना खाते हैं; उसमें पोषक तत्व की भरमार होती हैं, जिसके चलते हमारी प्रजनन क्षमता बरकरार रखने में मदद मिलती हैं।
लेकिन, गलत खानपान की पद्धति की वजह से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और महिलाएं बांझपन के शिकार हो जाती हैं। महिलाओं के शरीर में अगर विटामिन डी की कमी है; तो उनको बांझपन का सामना करना पड़ सकता है।
प्रजनन क्षमता को बरकरार रखने के लिए महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की आपूर्ति होना बहुत ही आवश्यक होता है और विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होने से गर्भधारण करने में भी आसानी हो जाती हैं। जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है; उनको इनफर्टिलिटी का सामना करना पड़ता है।
क्या महिलाओं में बांझपन का इलाज किया जा सकता है ? Mahila Banjhpan Ka Ilaj
जी हां! अगर महिलाएं समय रहते बांझपन की समस्या की शिकायत लेकर गयनेकोलॉजिस्ट या किसी चिकित्सक के पास जाती है; तो डॉक्टर उनकी समस्या की गंभीरता के अनुसार उनको ट्रीटमेंट करवाने की सलाह देते हैं। यहां तक; कि डॉक्टर सबसे पहले आपके शरीर की पूरी तरीके से जांच करते हैं, इनफर्टिलिटी का पता लगाने की कोशिश करते हैं और इनफर्टिलिटी के कारण के अनुसार बांझपन की ट्रीटमेंट संभव हो पाती हैं। जैसे कि हमने देखा; महिलाओं में बांझपन होने के कई कारण मौजूद होते हैं। इन कारणों के अनुसार ही ट्रीटमेंट करवाने की वजह से बांझपन को आसानी से ठीक किया जा सकता है।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं बांझ हूं ? Kaise Pata Kare Infertility ?
निम्नलिखित तरीकों और लक्षणों से आप यह पता लगा सकते हैं; कि आपको बांझपन होने की संभावना है।
- मासिक धर्म के दौरान आमतौर पर पहले शुरुआती दिनों में हल्के रंग की ब्लीडिंग होती है और बाद में गहरी होती जाती हैं। लेकिन, अगर आपको बांझपन की समस्या है; तो आप को शुरुआती दिनों में या तो बहुत हल्के रंग का रक्तस्त्राव होगा, या बहुत ही गहरे रंग का रक्तस्त्राव होने की संभावना होती है। मासिक धर्म के दौरान होने वाले रक्तस्त्राव के जरिए आप बांझपन का पता लगा सकती हैं।
- मोटापा, डायबिटीज, हाई बीपी, थायराइड जैसी अन्य शारीरिक समस्याओं के तहत भी बांझपन की समस्या हो जाती हैं। ऐसे में, महिलाओं को डायबिटीज एवं मोटापा जैसी समस्याओं के लिए डॉक्टर से सलाह लेकर उचित इलाज करवाना आवश्यक होता है।
- शारीरिक संबंध बनाते दौरान अगर महिलाओं को अधिक मात्रा में दर्द का अनुभव होता है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए; क्योंकि यह बांझपन का एक लक्षण माना जा सकता है।
- एंडोमेट्रियोसिस, फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होना, समय से पहले आने वाला मेनोपॉज या मेनोपॉज में देरी, पीसीओएस, पीसीओडी ऐसी प्रजनन संबंधित समस्याएं हैं; जो महिलाओं को बांझपन की तरफ लेकर जाती हैं। इसलिए, महिलाओं को इन सभी समस्याओं का निवारण पाने के लिए और बांझपन की समस्या से उबरने के लिए गयनेकोलॉजिस्ट से इन सभी समस्याओं का उचित इलाज करवाना आवश्यक होता है।
- हारमोंस में आने वाला असंतुलन महिलाओं में बांझपन की समस्या लेकर आता है। हार्मोनल इंबैलेंस होने पर महिलाओं के पीरियड्स में अनियमितता, मूड स्विंग्स, कामेच्छा में कमी जैसी समस्याएं देखी जा सकती है।
- अनियमित मासिक धर्म के चलते महिलाओं में ओवुलेशन की और फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया ठीक तरीके से नहीं हो पाती है; जिसके तहत वह गर्भधारणा करने में असमर्थ हो जाती हैं। अनियमित मासिक धर्म भी बांझपन का एक प्रमुख लक्षण माना जाता है।
क्या बांझपन ठीक हो सकता हैं ? Mahila Banjhpan Thik Karne Ke Liye :
सही तरीके से और सही समय पर किया गया इलाज महिलाओं में बांझपन की समस्या को पूरी तरीके से ठीक करने में सक्षम माना जाता है। जैसे कि हमने जाना; महिलाओं में बांझपन के अनगिनत कारण होते हैं l महिलाओं के बांझपन का इलाज करने के लिए उनके कारण पता होना बहुत ही आवश्यक होता है। कारणों का पता लगाने के बाद बांझपन के कारण के अनुसार ही महिलाओं के बांझपन का इलाज संभव हो पाता है। मुख्य तौर पर, महिलाओं के बांझपन का दूर करने के लिए महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने का इलाज किया जाता है। इसी के साथ, बहुत कम मामलों में लेप्रोस्कोपी और हिस्टोरोस्कोपिक सर्जरी को अपनाकर महिलाओं के बांझपन का इलाज करवाने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है।
महिला बांझपन की दवा की जानकारी : Mahila Banjhpan Ki Dawa
महिलाओं को ओवुलेशन विकार होने की वजह से भी बांझपन की समस्या हो जाती हैं। इन समस्याओं का निवारण करने के लिए और ओवुलेशन की प्रक्रिया को सुचारू रूप से नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर स्थिति की गंभीरता के अनुसार ओवुलेशन को उत्तेजित करने के लिए फर्टिलिटी ड्रग्स लेने की सलाह देते हैं।
यह फर्टिलिटी ड्रग्स नेचुरल हारमोंस की तरह कार्य करते हैं; जो ओवुलेशन और फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
ल्यूटिलाइजिंग हार्मोन और फॉलिकल स्टीमूलेटिंग हार्मोन यह दोनों हार्मोन महिलाओं के शरीर में फर्टिलाइजेशन और ओवुलेशन की प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं। फर्टिलिटी ड्रग्स का सेवन करके बांझपन की समस्या की को दूर किया जाता है और महिला गर्भधारण करने के लिए सक्षम बनने में मदद मिलती है।
गोनेडोट्रॉपिन, क्लोमीफीन साइट्रेट, लेट्रोजोल, मेटफॉर्मीन देसी दवाइयां इंजेक्शन या गोलियों के रूप में डॉक्टर के सलाह द्वारा लेने से महिलाओं में ओवुलेशन ट्रिगर होता है और गर्भधारण करने में मदद मिल पाती है। इसी के साथ, इन सभी दवाइयों का सेवन महिलाओं में बांझपन की समस्या का निवारण करने में सक्षम होता है।
महिलाओं में बांझपन दूर करने के लिए घरेलू उपचार : Mahila Banjhpan Dur Karne Ke Liye Gharelu Upchar
महिलाओं में बांझपन की समस्या का समाधान पाने के लिए कुछ घरेलू उपचार अपनाने से भी फायदा देखने को मिलता है।
१) अनार –
अनार का नाम सुनते ही हमारे सामने एक सुंदर सफल आ जाता है; जिसे हम सभी पसंद करते हैं! अनार का सेवन ना सिर्फ मुंह का स्वाद बढ़ाता है; बल्कि यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। अनार में ऐसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं; जो हमारे प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी कारगर माने जाते हैं। अगर एक महिला रोजाना तौर पर एक अनार का सेवन करती हैं; तो उसके प्रजनन क्षमता में सुधार आता है और बांझपन की समस्या दूर होने में मदद मिल पाती है।
रोजाना दो कप अनार का जूस पीने से भी महिलाओं के बांझपन की समस्या का निवारण हो पाता है। महिलाओं में किया गया अनार का सेवन जननांगों के हिस्सों में रक्त प्रवाह बढ़ाता है, गर्भाशय के स्तर को मोटा बनाता है और गर्भाशय को पोषण प्रदान करता है; जिसके चलते भ्रूण का विकास होने में मदद मिल पाती हैं।
२) दालचीनी –
हमारे भारतीय किचन में लगभग रोजाना इस्तेमाल होने वाली दालचीनी हमारे लिए बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक होती हैं। स्वास्थ्य को लाभ दिलाने के साथ-साथ; दालचीनी का सेवन महिलाओं के जननांगों में पीसीओडी, पीसीओएस की वजह से होने वाली अनियंत्रितता को नियंत्रित करने में भी कारगर माना जाता है।
दालचीनी का सेवन करने से महिलाओं के शरीर में ओवुलेशन के विकार ठीक होने में मदद मिलती है और हार्मोन का संतुलन बना रहता है। हार्मोन में असंतुलन होने पर महिलाओं के पीरियड्स में अनियमितता देखी जाती है। इसीलिए, दालचीनी का सेवन करने से महिलाएं अपने पीरियड्स को भी नियमित कर पाती है और इससे गर्भधारणा में भी मदद मिल पाती हैं।
रोजाना एक कप गर्म पानी में एक से दो चम्मच दालचीनी पाउडर और थोड़ा सा शहद डालकर इसका सेवन करने से महिलाओं के बांझपन की समस्या से उनको राहत मिल पाती हैं। लेकिन, ध्यान रहे, दालचीनी का से एक दिन में सिर्फ एक से दो चम्मच से किया जा सकता है; इससे ज्यादा किया गया दालचीनी का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
३) संतुलित आहार –
आजकल मुंह का स्वाद बढ़ाने के लिए महिलाएं रोजाना तौर पर पानी पुरी, भेल पुरी, पिज़्ज़ा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक्स जैसे अनहेल्दी पदार्थों का सेवन करने लगी है। लेकिन, ऐसा करने से उनके प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है और बांझपन की समस्या उभर कर आती हैं।
इन सभी समस्याओं का निवारण करने के लिए और प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने के लिए महिलाओं को सभी तरह के पोषक तत्वों से युक्त पदार्थों का अपने आहार में समावेश करना चाहिए। एक संतुलित आहार महिलाओं को उन सभी कारणों से सुरक्षित रखता है; जिन से बांझपन की समस्या हो सकती हैं।
४) विटामिन डी –
विटामिन डी की कमी के कारण भी महिलाओं को बांझपन की समस्या हो जाती हैं। इसीलिए, महिलाओं को विटामिन डी युक्त पदार्थों का सेवन अवश्य करना चाहिए। विटामिन डी युक्त पदार्थों का सेवन करने से महिलाएं बांझपन की समस्या से राहत पा सकती हैं। पनीर, अंडे की जर्दी, दूध, दही जैसे विटामिन डी युक्त पदार्थों का सेवन महिलाओं को रोजाना तौर पर करना चाहिए। इसी के साथ, महिलाएं विटामिन डी की गोलियों का भी सेवन कर सकती है। लेकिन, विटामिन डी की गोलियों का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक होता है।
५) खजूर –
आयरन, विटामिन ई, विटामिन ए, जरूरी मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों से युक्त खजूर का सेवन महिलाओं में बांझपन की समस्या का निवारण करने में सक्षम माना जाता है। गर्भधारणा करने के लिए और गर्भधारणा के बाद बच्चों को पोषण प्रदान करने के लिए महिला को आयरन तथा जरूरी मिनरल्स की पूरी आवश्यकता होती है। इसीलिए, खजूर का सेवन रोजाना तौर पर करने से महिलाओं की बांझपन की समस्या में उन्हें राहत मिल पाती है। रोजाना तौर पर नाश्ते के रूप में आप ५ से ७ खजूर का सेवन करें। दूध के साथ भी खजूर का सेवन किया जा सकता है।
तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।