नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? आज का आर्टिकल होने वाला है, स्तनों में दूध जम जाए तो क्या करना चाहिए ? इस विषय के बारे में। दोस्तों,९ महीने की गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में तीव्र और तेजी से बदलाव देखे जाते हैं; जिसके चलते उसे कई सारी शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

बच्चे को जन्म देने के बाद भी महिला के शरीर में होने वाले तीव्र बदलाव उसके शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत ही गहरा प्रभाव डालते हैं। एक बच्चे को जन्म देने के बाद महिला के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन देखा जाता है; जिसके चलते उसे विविध प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

बच्चों को जन्म देने के बाद कुछ ही समय में महिलाओं के ब्रेस्ट में दूध उतरता है और डॉक्टर बच्चे को दूध पिलाने की सलाह देते हैं। नवजात शिशु के लिए लगभग ६ से ७ महीने तक सिर्फ और सिर्फ मां का दूध देने की ही सलाह डॉक्टर द्वारा और परिवार जनों द्वारा दी जाती है।

क्योंकि, बच्चे की डाइजेस्टिव सिस्टम काफी नाजुक होती है; जो सिर्फ और सिर्फ मां का दूध ही पचा पाती है और अन्य खाद्य पदार्थ नहीं पचा पाती है। बच्चों का संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास केवल मां के दूध से ही संपूर्ण हो पता है।

इसीलिए, मां का दूध नवजात शिशु के लिए किसी वरदान से काम नहीं माना जाता है! परंतु, स्तनपान कराने वाली माता को स्तनपान कराने के उसे दौर में ब्रेस्ट में दूध जमने की समस्या का सामना करना पड़ता है; जो कि कई सारी महिलाओं में सबसे आम समस्या मानी जाती हैं।

बच्चे को स्तनपान कराते समय ब्रेस्ट में दूध जमने के पीछे अनगिनत प्रकार के कारण मौजूद होते हैं। अगर महिला समय-समय पर अपने बच्चों को दूध नहीं पिला पाती है या किसी कारणवश बच्चा पूरी तरीके से स्तनपान नहीं कर पता है; तो मां के स्तनों में दूध जमा होने लगता है।

मां के बेस्ट में दूध जमा होने से उसे बुखार आना, ब्रेस्ट में तेज दर्द होना और ब्रेस्ट में सूजन आना जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ब्रेस्ट में दूध जमा होने पर महिलाओं को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर उसे समस्या का इलाज करवा लेना जरूरी होता है।

तो दोस्तों, आज जानेंगे; महिलाओं के ब्रेस्ट में दूध जमा होने के बारे में पूरी जानकारी।

स्तन में दूध के थक्के क्यों बनते हैं ? Breast Me Dudh Ke Thakke Jamna

स्तन में दूध के थक्के
स्तन में दूध के थक्के

दोस्तों, महिलाओं के स्तनों में दूध के थक्के जमा होने के पीछे या ब्रेस्ट में दूध जमा होने के पीछे निम्नलिखित कारण मौजूद होते हैं।

  1. महिलाओं के ब्रेस्ट में से पूरी तरीके से दूध ना निकल पाने की वजह से भी स्तन में दूध के थक्के जम हो जाते हैं।
  2. अगर बच्चा ठीक तरीके से स्तनपान नहीं कर पता है; तब भी स्तनों में दूध जमा होने लगता है।
  3. अगर महिलाओं के ब्रेस्ट में दूध का उत्पादन अधिक होता है; ऐसी स्थिति में भी ब्रेस्ट में दूध के थक्के जम हो जाते हैं।
  4. अगर किसी कारणवश महिला अपने बच्चों को स्तनपान नहीं कर पा रही है; तब महिलाओं के स्तनों में दूध जमा होने लगता है।
  5. अतिरिक्त टाइट फिटिंग वाले कपड़े या अंडरगारमेंट्स (जैसे ब्रा) पहनने की वजह से भी महिलाओं के ब्रेस्ट में दूध के थक्के जम हो जाते हैं।
  6. अगर महिला अपने बच्चों को सही समय पर स्तनपान नहीं करती है या स्तनपान के समय में अचानक से बदलाव कर देती है; तब भी महिलाओं के ब्रेस्ट में दूध के थक्के जम हो जाते हैं।

स्तनों में दूध जम जाने पर क्या होता है ? Chati Me Dudh Jamne Par ?

दोस्तों, महिलाओं के छाती में दूध के थक्के जमने पर या दूध जमा होने पर उन्हें निम्नलिखित परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

  1. छाती में दूध जमा होने पर महिलाओं को ब्रेस्ट में अतिरिक्त असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है।
  2. छाती में दूध जमा होने पर महिलाओं को इंफेक्शन भी हो सकता है; जिसे “मैस्टाइटिस” कहते हैं।
  3. छाती में दूध जमा होने पर महिलाओं को बुखार भी आ सकता है और फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
  4. अगर महिलाओं के छाती में दूध जमा हो गया है; तो उन्हें छाती में गांठ भी महसूस हो सकती हैं।
  5. महिलाओं के छाती में दूध जमा होने पर ब्रेस्ट में सूजन की समस्या देखने को मिलती हैं; जिससे उन्हें काफी पीड़ा होती है।
  6. छाती में दूध जमा होने पर महिलाएं अपने बच्चों को ठीक तरीके से स्तनपान भी नहीं कर पाती हैं।

स्तनों में दूध जम जाए तो क्या करना चाहिए ? Chati Me Dudh Jam Jaye To Kya Kare ?

अगर महिलाओं के छाती में दूध जमा हो जाता है; तो वह निम्नलिखित उपाय अपना कर अपने बच्चों को स्तनपान करा सकती हैं और इस समस्या से छुटकारा पा सकती हैं।

  1. छाती में दूध जमा होने पर महिलाओं को अपने बच्चों को समय-समय पर स्तनपान कराते रहना चाहिए; जिससे इस समस्या से उन्हें छुटकारा मिलने में काफी मदद मिल पाती हैं।
  2. हल्के गुनगुने गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाकर अच्छे से मिक्स करें। इस पानी में सूती कपड़े को भिगोकर, निचोड़कर अपने ब्रेस्ट की लगभग १५-२० मिनट तक सिकाई करें। ऐसा करने से छाती में दूध जमा होने की वजह से होने वाले दर्द से काफी हद तक राहत मिल पाती हैं और इस प्रक्रिया को आप दिन में दो से तीन बार दोहरा सकती हैं।
  3. बच्चों को स्तनपान कराने के पोजीशन में थोड़ा बदलाव करने से भी छाती में दूध जमा होने की समस्या से राहत मिल पाती हैं।
  4. स्तनों में हो रहे दर्द तथा स्तनों में जमा दूध की समस्या से राहत पाने के लिए आप अपने ब्रेस्ट की तेल लगाकर हल्के हाथों से मालिश कर सकती हैं। मालिश करते हुए आपके अंदर से बाहर की तरफ और निपल्स की तरफ मालिश करना है।
  5. अतिरिक्त टाइट अंडरगारमेंट्स पहनने से बचना चाहिए और कंफर्टेबल ब्रा का इस्तेमाल करना चाहिए; जिससे महिलाओं को ब्रेस्ट में आरामदायक महसूस होता है और स्थानों में दूध जमा होने की वजह से होने वाले दर्द से भी राहत मिल पाती हैं।
  6. अपने बच्चों को स्तनपान कराते हुए महिलाओं को ब्रेस्ट पर अतिरिक्त दबाव बिल्कुल भी नहीं डालना चाहिए।
  7. सारे घरेलू उपाय अपनाने के बावजूद अगर महिलाओं को ब्रेस्ट में दर्द हो रहा है और पीड़ा बढ़ती ही जा रही है; तो इस समस्या को नजर अंदाज बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

क्या खाने से छाती में दूध अच्छा बनेगा ? Kya Khane Se Chati Me Dudh Accha Banega ?

महिलाओं को छाती में दूध अच्छा बनने के लिए निम्नलिखित पदार्थों का अपने आहार में समावेश करना चाहिए; जिससे प्राकृतिक तरीके से वह अपने दूध के उत्पादन को बढ़ा सकती हैं।

१) मेथी दाना –

महिलाओं से जुड़ी लगभग हर समस्या का निवारण करने में सबसे बेहतरीन प्राकृतिक उपाय मेथी दाने का सेवन को माना जाता है। मेथी दाने में ओमेगा थ्री फैटी एसिड, बेटा कैरोटीन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे विविध प्रकार के जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं; जो महिलाओं के छाती में दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका का निभाते हैं।

महिलाओं के छाती में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए यह सारी पोषक तत्व बहुत ही जरूरी होते है; जो मेथी दाने का सेवन करने से महिलाओं को आसानी से मिल पाते हैं। रात को एक गिलास पानी में एक चम्मच मेथी दाना भिगोकर सुबह इस पानी का सेवन करने से महिलाओं को स्तनों मैं दूध का उत्पादन बढ़ाने में आसानी होती हैं।

२) कच्चा पपीता –

महिलाओं की छाती में दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कच्चे पपीते का सेवन करने से भी विशेष तौर पर लाभ देखने को मिलते हैं। पपीते का सेवन दिन में दो बार करने से महिलाओं को अपने दूध का उत्पादन बढ़ाने में काफी आसानी हो पाती है। पपीते में क्राइमोपेपैन और पेपैन नामक एंजाइम्स मौजूद होते हैं; जो महिलाओं के ब्रेस्ट में दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही, पपीते का सही तरीके से किया गया सेवन महिलाओं को कब्ज की समस्या से भी राहत दिलाता है और पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करता है।

३) शकरकंद –

शकरकंद में पोटेशियम, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी कांप्लेक्स, विटामिन सी जैसे अनगिनत प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं; जो महिलाओं के स्तनों में दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बहुत ही जरूरी होते हैं। शकरकंद का सेवन आप किसी भी रूप में कर सकती हैं। इसके स्मूदी बनाकर आप पी सकती है या इसका सलाद में इस्तेमाल करते हुए भी आप इसका सेवन कर सकती हैं । शकरकंद में मौजूद प्राकृतिक फाइबर की मात्रा महिलाओं के पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करती हैं और कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है।

४) अजवाइन –

पाचन तंत्र से जुड़ी लगभग हर समस्या का निवारण करने के लिए अजवाइन का सेवन करने से विशेष लाभ देखने को मिलते हैं। परंतु, क्या आप जानते हैं; अजवाइन का सेवन करने से महिलाएं अपने ब्रेस्ट में दूध का उत्पादन बढ़ा सकती है? जी हां! एक चम्मच अजवाइन को लगभग एक से दो लीटर पानी में मिलाकर उबाल ले और पानी ठंडा करके एक बोतल में भर ले। इस पानी का सेवन दिन भर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में करते रहे। अजवाइन में मौजूद जरूरी पोषक तत्व महिलाओं के शरीर में गर्माहट पैदा करते हैं और ब्रेस्ट में लिक का उत्पादन बढ़ाते हैं। परंतु, अजवाइन के पानी का सेवन अतिरिक्त मात्रा में भी नहीं करना चाहिए; वर्ना इससे बच्चों को परेशानी हो सकती हैं।

५) हरी पत्तेदार सब्जियां –

डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम रिकवरी करने के लिए मां के शरीर को पूरे जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति होना सबसे आवश्यक माना जाता है; जो हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से आसानी से हो सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने के बाद महिलाओं को ब्रेस्ट में दूध का उत्पादन बढ़ाने में भी आसानी होती है और पोस्टपार्टम रिकवरी करने में भी मदद मिल पाती हैं। पालक, मटर, मेथी, ब्रोकली, गोभी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियों में विटामिन, फाइबर, मिनरल्स तथा विविध प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं; जो महिलाओं के स्तनों में दूध के उत्पादन को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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